पंचकूला। सेक्टर-6 स्थित जनरल अस्पताल के कमरा नंबर-46 में शुक्रवार को एमसीबी बाक्स से उठी चिंगारी ने अस्पताल में अफरातफरी मचा दी। देखते ही देखते आग की लपटें छत तक फैलनी शुरू हो गई। आनन-फानन में अस्पताल के कर्मचारियों ने कमरे के अंदर फंसे मरीजों और तीमारदारों को बाहर निकालकर अग्निशमन यंत्रों की मदद से आग बुझाना शुरू किया, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने फायर ब्रिगेड को भी सूचित करना मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में यदि आग विकराल रूप धारण कर लेती तो मरीजों के साथ-साथ तीमारदारों और अस्पताल कर्मियों के लिए भी आफत बन जाती।
दोपहर करीब 12.15 बजे जनरल अस्पताल का कमरा नंबर 46 मरीजों और उनके तीमारदारों से खचाखच भरा था। 60 से ज्यादा मरीज अपने नंबर का इंतजार कर रहे थे और डा. विनीश नारंग व डा. भादू स्टाफ नर्स, कर्मचारियों के साथ मरीजों की जांच कर रहे थे। तभी कमरे में लगे एमसीबी बाक्स से चिंगारी निकलनी शुरू हो गई और देखते ही देखते कमरे में धुआं फैल गया।
इससे मरीजों-तीमारदारों में चीख पुकार मच गई और सभी अस्पताल से बाहर की ओर भागे, जबकि एक महिला सहित पांच लोग जान बचाने के लिए अंदर के कमरे में भाग गए।
घटना की सूचना पाकर अस्पताल की एडमिनिस्ट्रेटर डा. रीटा कालरा, डा. ललित मोदी, डा. लीजा भी मौके पर पहुंचीं। इसके बाद बमुश्किल मेन लाइन से कनेक्शन काटा गया। स्वास्थ्यकर्मी संदीप और रामू ने अपनी जान पर खेलकर आग पर काबू पाया और अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला। इस रेस्क्यू आपरेशन में करीब आधे घंटे का समय लगा।
पंचकूला। सेक्टर-6 स्थित जनरल अस्पताल के कमरा नंबर-46 में शुक्रवार को एमसीबी बाक्स से उठी चिंगारी ने अस्पताल में अफरातफरी मचा दी। देखते ही देखते आग की लपटें छत तक फैलनी शुरू हो गई। आनन-फानन में अस्पताल के कर्मचारियों ने कमरे के अंदर फंसे मरीजों और तीमारदारों को बाहर निकालकर अग्निशमन यंत्रों की मदद से आग बुझाना शुरू किया, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने फायर ब्रिगेड को भी सूचित करना मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में यदि आग विकराल रूप धारण कर लेती तो मरीजों के साथ-साथ तीमारदारों और अस्पताल कर्मियों के लिए भी आफत बन जाती।
दोपहर करीब 12.15 बजे जनरल अस्पताल का कमरा नंबर 46 मरीजों और उनके तीमारदारों से खचाखच भरा था। 60 से ज्यादा मरीज अपने नंबर का इंतजार कर रहे थे और डा. विनीश नारंग व डा. भादू स्टाफ नर्स, कर्मचारियों के साथ मरीजों की जांच कर रहे थे। तभी कमरे में लगे एमसीबी बाक्स से चिंगारी निकलनी शुरू हो गई और देखते ही देखते कमरे में धुआं फैल गया।
इससे मरीजों-तीमारदारों में चीख पुकार मच गई और सभी अस्पताल से बाहर की ओर भागे, जबकि एक महिला सहित पांच लोग जान बचाने के लिए अंदर के कमरे में भाग गए।
घटना की सूचना पाकर अस्पताल की एडमिनिस्ट्रेटर डा. रीटा कालरा, डा. ललित मोदी, डा. लीजा भी मौके पर पहुंचीं। इसके बाद बमुश्किल मेन लाइन से कनेक्शन काटा गया। स्वास्थ्यकर्मी संदीप और रामू ने अपनी जान पर खेलकर आग पर काबू पाया और अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला। इस रेस्क्यू आपरेशन में करीब आधे घंटे का समय लगा।