पंचकूला। इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) की इन्हॉसमेंट जनरल कोटे के अलॉटियों को ही देनी होगी। पंचकूला की एक अदालत ने हुडा की पालिसी के खिलाफ दायर उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें ईडब्ल्यूएस की इन्हॉसमेंट जनरल कोटे के अलॉटियों को देने के नियम को चुनौती दी गई थी। अदालत के मुताबिक एसोसिएशन का दावा आधारहीन है। सुनवाई के दौरान कहीं भी यह सामने नहीं आया कि यह एसोसिएशन सभी जनरल कोटे के अलाटियों का प्रतिनिधित्व कर रही है और एसोसिएशन रजिस्टर्ड भी नहीं है। इसके अलावा जिसकी तरफ से हुडा के नियम को चुनौती दी गई, वह कभी गवाही देने नहीं आया। ऐसे में एसोसिएशन का दावा खारिज किया जाता है।
हुडा ने हाईकोर्ट के निर्देश पर इन्हॉसमेंट पर एक नीति बनाई थी। इसके तहत ईडब्ल्यूएस कोटे के अलॉटियों को जनरल कोटे के अलॉटियों की अपेक्षा कम इन्हॉसमेंट देनी होगी और उसकी कमी को पूरा करने के लिए जनरल कोटे के अलॉटियों पर ही बोझ डाला जाएगा। हुडा की इस नीति के खिलाफ सेक्टर-25 हाउस ऑनर्स कम प्लॉट होल्डर एसोसिएशन के राज सिंह मलिक ने पहले जूनियर डिवीजन की सिविल जज अनुपमिश मोदी की कोर्ट में अर्जी डाली। अदालत ने मलिक की अर्जी रद कर दी। जूनियर डिवीजन की कोर्ट के खिलाफ मलिक ने डिस्ट्रिक जज की कोर्ट में अपील की। एडवोकेट विशाल मदान और अश्विनी चौधरी ने बताया कि हुडा के सेक्शन 50 के तहत उसकी पालिसी के खिलाफ दीवानी के केस सिविल कोर्ट में नहीं सुने जा सकेंगे। दूसरी तरफ कंज्यूमर कोर्ट ने हाईकोर्ट के एक आर्डर के तहत पहले भी फैसला दे चुकी है, जिसमें ईडब्ल्यूएस कैटेगरी को जनरल कोटे के बराबर दर्जा नहीं देने का फैसला दिया गया था।
यह सोसाइटी रजिस्टर्ड नहीं है और न ही सेक्टरवासियों की ओर से कोई दावा भी पेश किया गया कि सोसाइटी उनका प्रतिनिधित्व कर रही है। इसके अलावा अदालत में जो सर्टिफिकेट दिया गया है उसमें बताया गया कि सोसाइटी सिटीजन कमेटी हाउस ऑनर्स के नाम से रजिस्टर्ड है, जबकि दावा सेक्टर 25 हाउस ऑनर्स कम प्लॉट होल्डर एसोसिएशन की ओर से डाला गया। इसके अलावा पालिसी को चुनौती देने वाला कभी विटनेस बाक्स में गवाही देने भी नहीं आया। इन तमाम सुबूतों और साक्ष्यों को देखते हुए यह दावा आधारहीन लगता है, इसलिए डिस्ट्रिक कोर्ट ने यह दावा खारिज कर दिया।