पंचकूला। 65 साल का सुपर चोर। सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन सुपर चोर ने पिछले दो साल में 36 से अधिक कारें चोरी की हैं। फिलहाल सुपर चोर सीआईए के पास रिमांड पर चल रहा है, क्योंकि इससे और वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है।
पुलिस ने अपनी मंडी से मारुति कार चोरी के जिस गैंग को पकड़ा था, उसका सरगना 65 साल का भूपेंद्र सिंह है। पहले वह मनीमाजरा में टैक्सी चलाता था। फिलहाल वह सेक्टर-9 स्थित एक कोठी में ड्राइवर का काम कर रहा था। भूपेंद्र सिंह का बेटा एक बैंक में नौकरी करता है। पुलिस के मुताबिक भूपेंद्र दो साल पहले ही चोरी के धंधे में आया और उसने सिर्फ मारुति 800 कार को अपना निशाना बनाया। उसके निशाने पर अपनी मंडी में आने वाली मारुति 800 कारें ही थीं। पूछताछ में भूपेंद्र ने बताया कि सेक्टर-15 और 16 की मंडी उसका सबसे साफ्ट टारगेट थी।
खस्ताहाल कारों पर रहता था निशाना
भूपेंद्र ज्यादातर खस्ताहाल कार को ही चोरी करता था। उसमें चाबी आसानी से लग जाती थी। कार चोरी करने के बाद वह उसे अपने गैंग के सदस्य राजेश कटोच के पास लेकर जाता था, जो मैकेनिक का काम करता था। वह कार का पुर्जा-पुर्जा अलग कर देता था। काम आने वाले सामान को आगे बेच दिया जाता था और बकाया कबाड़ी के पास जाता था। पुलिस मानकर चल रही है कि अभी एक दर्जन वारदात का खुलासा हो सकता है।
पंचकूला। 65 साल का सुपर चोर। सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन सुपर चोर ने पिछले दो साल में 36 से अधिक कारें चोरी की हैं। फिलहाल सुपर चोर सीआईए के पास रिमांड पर चल रहा है, क्योंकि इससे और वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है।
पुलिस ने अपनी मंडी से मारुति कार चोरी के जिस गैंग को पकड़ा था, उसका सरगना 65 साल का भूपेंद्र सिंह है। पहले वह मनीमाजरा में टैक्सी चलाता था। फिलहाल वह सेक्टर-9 स्थित एक कोठी में ड्राइवर का काम कर रहा था। भूपेंद्र सिंह का बेटा एक बैंक में नौकरी करता है। पुलिस के मुताबिक भूपेंद्र दो साल पहले ही चोरी के धंधे में आया और उसने सिर्फ मारुति 800 कार को अपना निशाना बनाया। उसके निशाने पर अपनी मंडी में आने वाली मारुति 800 कारें ही थीं। पूछताछ में भूपेंद्र ने बताया कि सेक्टर-15 और 16 की मंडी उसका सबसे साफ्ट टारगेट थी।
खस्ताहाल कारों पर रहता था निशाना
भूपेंद्र ज्यादातर खस्ताहाल कार को ही चोरी करता था। उसमें चाबी आसानी से लग जाती थी। कार चोरी करने के बाद वह उसे अपने गैंग के सदस्य राजेश कटोच के पास लेकर जाता था, जो मैकेनिक का काम करता था। वह कार का पुर्जा-पुर्जा अलग कर देता था। काम आने वाले सामान को आगे बेच दिया जाता था और बकाया कबाड़ी के पास जाता था। पुलिस मानकर चल रही है कि अभी एक दर्जन वारदात का खुलासा हो सकता है।