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पंचकूला। 13 वर्षीय नाबालिग दुराचार पीड़िता सोमवार को अदालत में अपने बयान से मुकर गई। अदालत में बयान दिया कि उसके पालक पिता ने उससे दुराचार नहीं किया। दुराचार की शिकायत उसके असली पिता ने ही कालका पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। मेडिकल जांच में भी दुराचार की पुष्टि हो चुकी थी। पिछले साल यह मामला मीडिया में काफी चर्चित रहा था। पहले पीड़िता ने बयान दिया था उसके साथ उसके पालक पिता दुराचार करते हैं। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।
हिमाचल प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने साढ़ू की बेटी को गोद लिया था। आरोपी व्यक्ति कालका में किराए पर कमरा लेकर रह रहा था। जब उसने लड़की को गोद लिया था तब उसकी उम्र मात्र डेढ़ से दो साल की थी। इस समय लड़की की उम्र 13 साल है और वह सातवीं क्लास में पढ़ती है।
आरोपी अपनी बेटी की तरह उसका ख्याल रखता था, लेकिन एक दिन उसने दरिदंगी की सभी हदें पार कर दी। पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़िता ने बताया कि उसके पालक पिता ने उसके साथ दुराचार किया। जब उसने विरोध किया तो कहा कि यदि उसने मुंह खोला तो उसे और उसकी मां को वह मार डालेगा। डर के कारण उसने कभी किसी को कुछ नहीं बताया।
21 अक्तूबर 2012 को उसके साथ फिर आरोपी ने दुराचार किया, लेकिन इस बार पालक मां को पता चल गया। उसने इसकी शिकायत पीड़िता के असली पिता से कर दी। इसके बाद उसने पूरी बात अपने पिता को बताई। 23 अक्तूबर को उसके पिता ने पुलिस को शिकायत दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मेडिकल भी कराया तो जांच में दुराचार की पुष्टि भी हो गई थी। उसके बाद मामला अदालत में चला। सोमवार को सुनवाई के दौरान लड़की अपने बयान से पलट गई और कहा कि उसके साथ उसके पालक पिता ने दुराचार नहीं किया है।
पंचकूला। 13 वर्षीय नाबालिग दुराचार पीड़िता सोमवार को अदालत में अपने बयान से मुकर गई। अदालत में बयान दिया कि उसके पालक पिता ने उससे दुराचार नहीं किया। दुराचार की शिकायत उसके असली पिता ने ही कालका पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। मेडिकल जांच में भी दुराचार की पुष्टि हो चुकी थी। पिछले साल यह मामला मीडिया में काफी चर्चित रहा था। पहले पीड़िता ने बयान दिया था उसके साथ उसके पालक पिता दुराचार करते हैं। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।
हिमाचल प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने साढ़ू की बेटी को गोद लिया था। आरोपी व्यक्ति कालका में किराए पर कमरा लेकर रह रहा था। जब उसने लड़की को गोद लिया था तब उसकी उम्र मात्र डेढ़ से दो साल की थी। इस समय लड़की की उम्र 13 साल है और वह सातवीं क्लास में पढ़ती है।
आरोपी अपनी बेटी की तरह उसका ख्याल रखता था, लेकिन एक दिन उसने दरिदंगी की सभी हदें पार कर दी। पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़िता ने बताया कि उसके पालक पिता ने उसके साथ दुराचार किया। जब उसने विरोध किया तो कहा कि यदि उसने मुंह खोला तो उसे और उसकी मां को वह मार डालेगा। डर के कारण उसने कभी किसी को कुछ नहीं बताया।
21 अक्तूबर 2012 को उसके साथ फिर आरोपी ने दुराचार किया, लेकिन इस बार पालक मां को पता चल गया। उसने इसकी शिकायत पीड़िता के असली पिता से कर दी। इसके बाद उसने पूरी बात अपने पिता को बताई। 23 अक्तूबर को उसके पिता ने पुलिस को शिकायत दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मेडिकल भी कराया तो जांच में दुराचार की पुष्टि भी हो गई थी। उसके बाद मामला अदालत में चला। सोमवार को सुनवाई के दौरान लड़की अपने बयान से पलट गई और कहा कि उसके साथ उसके पालक पिता ने दुराचार नहीं किया है।