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पंचकूला। हरियाणा सरकार की ओर से उर्दू को प्रमोट करने के लिए हरियाणा उर्दू अकादमी में एक साल का डिप्लोमा कोर्स मात्र 50 रुपये फीस में करवाया जा रहा है। इसे सीखने और पढ़ने वालों में जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। इसे सीखने वालों में छात्रों से लेकर रिटायर्ड अधिकारी तक शामिल हैं। उर्दू अकादमी के प्रो. मोहम्मद नौमान कादरी ने बताया कि वर्ष 2008 में उनके पास मात्र 700 प्रशिक्षणार्थी थे। यह संख्या 2009 में बढ़कर 800, फिर 2010 में 845 और 2011 में 890 के बाद 2012 में 910 हो गई। इन दिनों हरियाणा उर्र्दू अकादमी सेक्टर-14 में एक साल के इस कोर्स में छोटे से लेकर बड़े तक उर्दू सीखने की अपनी चाह पूरा कर रहे हैं। प्रो. मोहम्मद नौमान कादरी ने बताया कि इस कोर्स के फार्म अब अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में निकलेंगे।
रिटायर्ड आईएएफ सुरेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे पिता जी ने उर्दू सीखी। घर के माहौल और भाषा के खूबसूरत शब्दों ने मुझे उर्दू सीखने को मजबूर किया। रेवाड़ी परशुराम शिक्षा समिति संरक्षक और समाज सेवक पंडित झज्जू राम का कहना है कि भाषा को सीखने के लिए कोई उम्र की सीमा नहीं होती। 80 साल की उम्र में उर्दू सीख रहा हूं। पंचकूला सेक्टर-3 केसी रॉयल स्कूल के हिंदी शिक्षक आरपी सिंह ने कहा कि उर्दू सीखने में एक अलग ही मजा है। इसे सीखकर आप हिंदी भाषा को और अच्छे से बोल सकते हैं। बीमा सलाहकार केबी कक्कड़ ने बताया कि उर्दू भाषा को जिसने सीख लिया, वह संस्कृत को सीख जाएगा। इसे सीखने के लिए घुटने के आपरेशन के बाद मात्र 25 दिन में ही मैं कक्षा मेें आने लगा।
पंचकूला। हरियाणा सरकार की ओर से उर्दू को प्रमोट करने के लिए हरियाणा उर्दू अकादमी में एक साल का डिप्लोमा कोर्स मात्र 50 रुपये फीस में करवाया जा रहा है। इसे सीखने और पढ़ने वालों में जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। इसे सीखने वालों में छात्रों से लेकर रिटायर्ड अधिकारी तक शामिल हैं। उर्दू अकादमी के प्रो. मोहम्मद नौमान कादरी ने बताया कि वर्ष 2008 में उनके पास मात्र 700 प्रशिक्षणार्थी थे। यह संख्या 2009 में बढ़कर 800, फिर 2010 में 845 और 2011 में 890 के बाद 2012 में 910 हो गई। इन दिनों हरियाणा उर्र्दू अकादमी सेक्टर-14 में एक साल के इस कोर्स में छोटे से लेकर बड़े तक उर्दू सीखने की अपनी चाह पूरा कर रहे हैं। प्रो. मोहम्मद नौमान कादरी ने बताया कि इस कोर्स के फार्म अब अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में निकलेंगे।
रिटायर्ड आईएएफ सुरेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे पिता जी ने उर्दू सीखी। घर के माहौल और भाषा के खूबसूरत शब्दों ने मुझे उर्दू सीखने को मजबूर किया। रेवाड़ी परशुराम शिक्षा समिति संरक्षक और समाज सेवक पंडित झज्जू राम का कहना है कि भाषा को सीखने के लिए कोई उम्र की सीमा नहीं होती। 80 साल की उम्र में उर्दू सीख रहा हूं। पंचकूला सेक्टर-3 केसी रॉयल स्कूल के हिंदी शिक्षक आरपी सिंह ने कहा कि उर्दू सीखने में एक अलग ही मजा है। इसे सीखकर आप हिंदी भाषा को और अच्छे से बोल सकते हैं। बीमा सलाहकार केबी कक्कड़ ने बताया कि उर्दू भाषा को जिसने सीख लिया, वह संस्कृत को सीख जाएगा। इसे सीखने के लिए घुटने के आपरेशन के बाद मात्र 25 दिन में ही मैं कक्षा मेें आने लगा।