{"_id":"146-12746","slug":"Panchkula-12746-146","type":"story","status":"publish","title_hn":"\u0939\u093e\u0909\u0938 \u091f\u0948\u0915\u094d\u0938 \u0915\u0947 \u0935\u093f\u0930\u094b\u0927 \u092e\u0947\u0902 \u0928\u093f\u0915\u093e\u0932\u093e \u092e\u093e\u0930\u094d\u091a","category":{"title":"City & states","title_hn":"\u0936\u0939\u0930 \u0914\u0930 \u0930\u093e\u091c\u094d\u092f","slug":"city-and-states"}}
हाउस टैक्स के विरोध में निकाला मार्च
Panchkula
Updated Mon, 15 Oct 2012 12:00 PM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
पंचकूला। हाउस टैक्स की नई पालिसी के विरोध में रविवार को शहर के विभिन्न सेक्टरों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने सेक्टर-5 के यवनिका पार्क में इकट्ठे होकर काले बिल्ले लगाकर शांति मार्च निकाला। शांति मार्च सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के आह्वान पर निकाला गया। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सरकार से नई पालिसी पर दोबारा से पुनर्विचार करने की मांग की।
सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके नैय्यर ने बताया कि नई पालिसी शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। उन्होंने बताया कि पंचकूला में लगभग सभी मकान सेल्फ ऑक्यूपाइड हैं, इसलिए उनको टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक रुपये गज के हिसाब से हाउस टैक्स 500 वर्ग गज तक के मकानों से भी वसूला जाए। नई पालिसी के मुताबिक सिर्फ 250 वर्ग गज तक के मकानों से एक रुपये प्रति गज के हिसाब का प्रावधान है। हाउस टैक्स को कलेक्टर रेट के हिसाब से नहीं वसूलना चाहिए। कलेक्टर रेट तो हर साल बढ़ता जाएगा। उन्होंने बताया कि पंचकूला में अधिकतर सीनियर सिटीजन रहते हैं और उनके कमाई का जरिया भी सीमित है। उन्होंने बताया कि सेक्टरों में मकान अलॉट करने से पहले हुडा ने जगह के लिए अलग अलग रेट निर्धारित किए थे। अलॉटमेंट के बाद जगह बचने पर कार्नर के मकानों को अतिरिक्त जगह दे दी गई, लेकिन नई पालिसी से उनको अतिरिक्त टैक्स चुकाना होगा। इस अवसर पर एसके छाबड़ा, मेवा सिंह, वीके सिंगला, विपिन साहनी, जेएस सिंघारी, पीएस सांगा, चरणजीत सिंह, डा. कंबोज, डीएस धारीवाल समेत अन्य लोग थे।
पंचकूला। हाउस टैक्स की नई पालिसी के विरोध में रविवार को शहर के विभिन्न सेक्टरों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने सेक्टर-5 के यवनिका पार्क में इकट्ठे होकर काले बिल्ले लगाकर शांति मार्च निकाला। शांति मार्च सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के आह्वान पर निकाला गया। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सरकार से नई पालिसी पर दोबारा से पुनर्विचार करने की मांग की।
सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके नैय्यर ने बताया कि नई पालिसी शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। उन्होंने बताया कि पंचकूला में लगभग सभी मकान सेल्फ ऑक्यूपाइड हैं, इसलिए उनको टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक रुपये गज के हिसाब से हाउस टैक्स 500 वर्ग गज तक के मकानों से भी वसूला जाए। नई पालिसी के मुताबिक सिर्फ 250 वर्ग गज तक के मकानों से एक रुपये प्रति गज के हिसाब का प्रावधान है। हाउस टैक्स को कलेक्टर रेट के हिसाब से नहीं वसूलना चाहिए। कलेक्टर रेट तो हर साल बढ़ता जाएगा। उन्होंने बताया कि पंचकूला में अधिकतर सीनियर सिटीजन रहते हैं और उनके कमाई का जरिया भी सीमित है। उन्होंने बताया कि सेक्टरों में मकान अलॉट करने से पहले हुडा ने जगह के लिए अलग अलग रेट निर्धारित किए थे। अलॉटमेंट के बाद जगह बचने पर कार्नर के मकानों को अतिरिक्त जगह दे दी गई, लेकिन नई पालिसी से उनको अतिरिक्त टैक्स चुकाना होगा। इस अवसर पर एसके छाबड़ा, मेवा सिंह, वीके सिंगला, विपिन साहनी, जेएस सिंघारी, पीएस सांगा, चरणजीत सिंह, डा. कंबोज, डीएस धारीवाल समेत अन्य लोग थे।