पंचकूला। शिक्षा विभाग के एक लेक्चरर की लापरवाही से बारहवीं के 75 विद्यार्थियों का परिणाम अधर में लटक गया है। पूरे प्रदेश का रिजल्ट आउट हो चुका है, लेकिन सेक्टर छह स्थित गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों को अब तक रिजल्ट का इंतजार है। स्कूल की तरफ से अकाउंटेंसी प्रेक्टिकल के नंबर देरी से भेजने पर हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने विद्यालय पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया था। स्कूल ने जुर्माना नहीं भरा तो बारहवीं के विद्यार्थियों का परिणाम रोक दिया गया। मंगलवार को जब परिणाम नहीं निकला तो स्कूल संचालक शिक्षा विभाग के दफ्तर पहुंचे और देर शाम जुर्माने की राशि भर दी, लेकिन फिर भी रिजल्ट आउट होने में कम से कम पांच दिन लगेंगे।
साल 2011-12 के शिक्षा सत्र में सेक्टर छह स्थित गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बारहवीं में 75 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे। फरवरी के आखिरी हफ्ते में उनके प्रेक्टिकल हुए। पांचों सब्जेट में 30-30 नंबर के प्रेक्टिकल थे। स्कूल की तरफ से उसके नंबर मार्च के फर्स्ट वीक में भेजे जाने थे, लेकिन कॉमर्स के लेक्चरर ने कॉमर्स स्ट्रीम के 22 स्टूडेंट के अकाउंटेंसी प्रेक्टिकल के नंबर नहीं भेजे। आरोप है कि स्कूल में तैनात कॉमर्स के लेक्चरर मार्च के तीसरे हफ्ते में पोस्ट के माध्यम से नंबर भेजे। बोर्ड की तरफ से स्कूल को भेजे पत्र में बताया गया कि उन्हें प्रेक्टिकल के नंबर 23 मार्च को प्राप्त हुए हैं, जो देरी से मिले हैं।
देरी से नंबर प्राप्त होने पर शिक्षा बोर्ड ने स्कूल पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और कहा कि जब तक जुर्माने की राशि नहीं भरी जाएगी, तब तक स्कूल का रिजल्ट नहीं दिया जाएगा। कॉमर्स के साथ बोर्ड ने बारहवीं के सभी विद्यार्थियों का रिजल्ट रोक दिया। स्कूल को पत्र काफी दिन पहले मिल चुका था, लेकिन स्कूल की तरफ से भी लापरवाही की गई और जुर्माने की राशि नहीं भरी गई। राशि नहीं मिलने पर शिक्षा बोर्ड ने स्कूल का परिणाम रोक दिया। जब रिजल्ट आउट नहीं हुआ तो स्कूल प्रिंसिपल, विद्यार्थी और अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचे। शिक्षा अधिकारी ने भी साफ कह दिया कि जब तक जुर्माना नहीं भरा जाएगा, तब तक वह भी कुछ नहीं सकती। देर शाम स्कूल की तरफ से पांच हजार रुपये की राशि जमा करवाने पर शिक्षा विभाग की ओर से आश्वासन दिया गया कि बुधवार शाम का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन देर शाम तक परिणाम नहीं आया था।
कोट
जुर्माना नहीं भरने के कारण बोर्ड ने परीक्षा परिणाम रोका है। स्कूल की तरफ से जुर्माने की राशि जमा करा दी गई है। परिणाम जल्द घोषित कर दिया जाएगा।
सुजाता राणा, डिप्टी डीईओ, शिक्षा विभाग
पंचकूला। शिक्षा विभाग के एक लेक्चरर की लापरवाही से बारहवीं के 75 विद्यार्थियों का परिणाम अधर में लटक गया है। पूरे प्रदेश का रिजल्ट आउट हो चुका है, लेकिन सेक्टर छह स्थित गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों को अब तक रिजल्ट का इंतजार है। स्कूल की तरफ से अकाउंटेंसी प्रेक्टिकल के नंबर देरी से भेजने पर हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने विद्यालय पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया था। स्कूल ने जुर्माना नहीं भरा तो बारहवीं के विद्यार्थियों का परिणाम रोक दिया गया। मंगलवार को जब परिणाम नहीं निकला तो स्कूल संचालक शिक्षा विभाग के दफ्तर पहुंचे और देर शाम जुर्माने की राशि भर दी, लेकिन फिर भी रिजल्ट आउट होने में कम से कम पांच दिन लगेंगे।
साल 2011-12 के शिक्षा सत्र में सेक्टर छह स्थित गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बारहवीं में 75 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे थे। फरवरी के आखिरी हफ्ते में उनके प्रेक्टिकल हुए। पांचों सब्जेट में 30-30 नंबर के प्रेक्टिकल थे। स्कूल की तरफ से उसके नंबर मार्च के फर्स्ट वीक में भेजे जाने थे, लेकिन कॉमर्स के लेक्चरर ने कॉमर्स स्ट्रीम के 22 स्टूडेंट के अकाउंटेंसी प्रेक्टिकल के नंबर नहीं भेजे। आरोप है कि स्कूल में तैनात कॉमर्स के लेक्चरर मार्च के तीसरे हफ्ते में पोस्ट के माध्यम से नंबर भेजे। बोर्ड की तरफ से स्कूल को भेजे पत्र में बताया गया कि उन्हें प्रेक्टिकल के नंबर 23 मार्च को प्राप्त हुए हैं, जो देरी से मिले हैं।
देरी से नंबर प्राप्त होने पर शिक्षा बोर्ड ने स्कूल पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और कहा कि जब तक जुर्माने की राशि नहीं भरी जाएगी, तब तक स्कूल का रिजल्ट नहीं दिया जाएगा। कॉमर्स के साथ बोर्ड ने बारहवीं के सभी विद्यार्थियों का रिजल्ट रोक दिया। स्कूल को पत्र काफी दिन पहले मिल चुका था, लेकिन स्कूल की तरफ से भी लापरवाही की गई और जुर्माने की राशि नहीं भरी गई। राशि नहीं मिलने पर शिक्षा बोर्ड ने स्कूल का परिणाम रोक दिया। जब रिजल्ट आउट नहीं हुआ तो स्कूल प्रिंसिपल, विद्यार्थी और अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचे। शिक्षा अधिकारी ने भी साफ कह दिया कि जब तक जुर्माना नहीं भरा जाएगा, तब तक वह भी कुछ नहीं सकती। देर शाम स्कूल की तरफ से पांच हजार रुपये की राशि जमा करवाने पर शिक्षा विभाग की ओर से आश्वासन दिया गया कि बुधवार शाम का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन देर शाम तक परिणाम नहीं आया था।
कोट
जुर्माना नहीं भरने के कारण बोर्ड ने परीक्षा परिणाम रोका है। स्कूल की तरफ से जुर्माने की राशि जमा करा दी गई है। परिणाम जल्द घोषित कर दिया जाएगा।
सुजाता राणा, डिप्टी डीईओ, शिक्षा विभाग