पंचकूला। डॉगियों के नखरों से सेक्टर-3 स्थित पेट एनिमल सेंटर के डाक्टर परेशान हैं। मालिक तो हिफाजत के लिए उन्हें छोड़ तो जाते हैं, लेकिन उनकी आदतों के बारे में डाक्टरों को नहीं बताते। परेशानी उस समय और बढ़ जाती है जब वह उस आदत को पूरी किए बिना न तो खाना खाते और न ही सोते हैं। आदत भी कुछ इस तरह है कि खाने से पहले आइसक्रीम चाहिए। खाना हाथ से ही खिलाया जाए या फिर नाश्ते में चाकलेट दी जाए। डाक्टरों का कहना है कि ऐसे में डॉगियों का केयर कर पाना मुश्किल हो जाता है। उनका कहना है कि यदि उनके मालिक पहले ही अपनी डॉगी के बारे में बता कर जाएं तो ज्यादा मुश्किल नहीं आती।
गर्मियों की छुट्टियां शुरू होते ही कई शहरवासी छुट्टियां बिताने बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में डॉगी को संभालने के लिए काफी मुश्किल आती है। लिहाजा वह उसे सेक्टर तीन स्थित पेट एनिमल केयर सेंटर में छोड़ जाते हैं। इस समय डॉगियों की इतनी संख्या ज्यादा हो गई है कि कई लोग वेटिंग पर चल रहे हैं। फिर भी लोग चाहते हैं कि उनका डॉगी पेट सेंटर में रहे। सेंटर के डाक्टरों ने बताया कि कई मालिकों ने अपने डॉगी को अजीब सी आदत डलवा रखी है। ऐसे ही एक डॉगी से सामना हुआ। उसे खाना दिया गया तो मुंह फेर लिया। दो दिन तक ऐसा ही चला। बाद में जब उनके मालिक से बात की गई तो पता चला कि जब तक उसे वनीला फ्लेवर आइसक्रीम नहीं दिया जाता तब तक वह खाना नहीं खाता। डाक्टरों ने बताया कि मालिकों को ऐसी आदत नहीं डालनी चाहिए। यदि उसकी आदत ऐसी है तो एनिमल सेंटर में छोड़ने से पहले उसे बता देना चाहिए। एनिमल सेंटर के इंचार्ज डा. एमआर सिंगला ने गर्मियों में डॉगी को अपने हास्टल में छोड़ जाते हैं, लेकिन उनकी फरमाइश बताकर नहीं जाते।
डॉगियों की अजीब आदतें
1. आइसक्रीम खाए बिना खाना नहीं खाते।
2. खाना खाने के बाद डॉगी स्वीट डिस खाता है।
3. जब तक हाथ से कोई खाना न खिलाए तक वह खाता नहीं।
4. दिन में एक बार चाकलेट जरूरी है।
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प्रतिदिन हॉस्टल का किराया
छोटी नस्ल के डॉगी -100 रुपये
मध्यम नस्ल के डॉगी -150 रुपये
बड़े नस्ल के डॉगी ---200 रुपये
प्रतिदिन खाने में
दूध, दलिया, चिकन व रेडिमेड फूड
पंचकूला। डॉगियों के नखरों से सेक्टर-3 स्थित पेट एनिमल सेंटर के डाक्टर परेशान हैं। मालिक तो हिफाजत के लिए उन्हें छोड़ तो जाते हैं, लेकिन उनकी आदतों के बारे में डाक्टरों को नहीं बताते। परेशानी उस समय और बढ़ जाती है जब वह उस आदत को पूरी किए बिना न तो खाना खाते और न ही सोते हैं। आदत भी कुछ इस तरह है कि खाने से पहले आइसक्रीम चाहिए। खाना हाथ से ही खिलाया जाए या फिर नाश्ते में चाकलेट दी जाए। डाक्टरों का कहना है कि ऐसे में डॉगियों का केयर कर पाना मुश्किल हो जाता है। उनका कहना है कि यदि उनके मालिक पहले ही अपनी डॉगी के बारे में बता कर जाएं तो ज्यादा मुश्किल नहीं आती।
गर्मियों की छुट्टियां शुरू होते ही कई शहरवासी छुट्टियां बिताने बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में डॉगी को संभालने के लिए काफी मुश्किल आती है। लिहाजा वह उसे सेक्टर तीन स्थित पेट एनिमल केयर सेंटर में छोड़ जाते हैं। इस समय डॉगियों की इतनी संख्या ज्यादा हो गई है कि कई लोग वेटिंग पर चल रहे हैं। फिर भी लोग चाहते हैं कि उनका डॉगी पेट सेंटर में रहे। सेंटर के डाक्टरों ने बताया कि कई मालिकों ने अपने डॉगी को अजीब सी आदत डलवा रखी है। ऐसे ही एक डॉगी से सामना हुआ। उसे खाना दिया गया तो मुंह फेर लिया। दो दिन तक ऐसा ही चला। बाद में जब उनके मालिक से बात की गई तो पता चला कि जब तक उसे वनीला फ्लेवर आइसक्रीम नहीं दिया जाता तब तक वह खाना नहीं खाता। डाक्टरों ने बताया कि मालिकों को ऐसी आदत नहीं डालनी चाहिए। यदि उसकी आदत ऐसी है तो एनिमल सेंटर में छोड़ने से पहले उसे बता देना चाहिए। एनिमल सेंटर के इंचार्ज डा. एमआर सिंगला ने गर्मियों में डॉगी को अपने हास्टल में छोड़ जाते हैं, लेकिन उनकी फरमाइश बताकर नहीं जाते।
डॉगियों की अजीब आदतें
1. आइसक्रीम खाए बिना खाना नहीं खाते।
2. खाना खाने के बाद डॉगी स्वीट डिस खाता है।
3. जब तक हाथ से कोई खाना न खिलाए तक वह खाता नहीं।
4. दिन में एक बार चाकलेट जरूरी है।
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प्रतिदिन हॉस्टल का किराया
छोटी नस्ल के डॉगी -100 रुपये
मध्यम नस्ल के डॉगी -150 रुपये
बड़े नस्ल के डॉगी ---200 रुपये
प्रतिदिन खाने में
दूध, दलिया, चिकन व रेडिमेड फूड