पंचकूला। वर्ष 1971 में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले वेस्टर्न कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एसआर घोष अब पंचकूला की गंदगी से लड़ेंगे। वे वीरवार को रिटायर्ड हो गए और अब वे पंचकूला के सेक्टर नौ में रहेंगे। वीरवार को चंडी मंदिर स्थित कमांड एरिया में आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा कि वे जल्द ही सेक्टर नौ में शिफ्ट होंगे, लेकिन साफ-सफाई के मामले में नगर निगम बिल्कुल लापरवाह है। निगम को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। उधर, इसके जवाब में नगर निगम के ईओ ओपी सिहाग ने कहा कि शहर में उनका स्वागत है। लोगों के सहयोग से शहर की सफाई व्यवस्था सुधर रही है। यदि उन्हें कोई शिकायत हैं तो तत्काल बताएं, तुरंत एक्शन लिया जाएगा।
गार्ड ऑफ ऑनर देकर जनरल की विदाई
पिछले चार दशक से देश की सेवा करने वाले वेस्टर्न कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एसआर घोष को गार्ड आफ ऑनर देकर विदाई दी गई। अब उनकी जगह संजीव चाचड़ा लेंगे और संभवत: वे शुक्रवार को कार्यभार संभाल लेंगे। विदाई पार्टी से पहले उन्होंने पवित्र वीर स्मृति स्मारक पर माल्यार्पण किया और अपनी वर्दी भविष्य के वीरों के नाम कर दी। वे नैनिताल स्थित सेंट जोसेफ के छात्र रहे हैं और एनडीए के तहत उन्होंने फौज में एंट्री की। 14 नवंबर 1971 में आर्मी अधिकारी बनने के बाद उन्हें तुरंत भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लेने के जम्मू-कश्मीर भेज दिया गया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आर्मी के विभिन्न पोस्ट में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वेस्टर्न कमांड के मुख्यालय को दी नई पहचान
वेस्टर्न कमांड के मुख्यालय को असल में पहचान चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एसआर घोष ने ही दी है। मुख्यालय के मेन गेट को अब सिंह द्वार के नाम से जाना जाता है। इसे बनाने के पीछे जनरल घोष की ही सोच रही है। उनके कार्यकाल में ही यह बनकर तैयार हुआ और अब इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
ढाई साल तक वेस्टर्न कमांड की सेवा करने वाले चीफ लेफ्टिनेंट जनरल घोष को युद्ध अभ्यास और जवानों के लिए चिकित्सा सेवा प्रदान करने के रूप में पहचाना जाएगा। उन्हें सेना की सेवा के दौरान कई मेडल से भी सम्मानित किया गया। उन्हें अति विशिष्ठ सेवा मेडल और परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।