पंचकूला। स्थानीय अदालत ने किडनैपिंग और रेप के मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी को बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के वकील आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए, जिसका आरोपी को लाभ मिला। अभियोजन पक्ष का आरोप था कि आरोपी नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले गया और उससे दुराचार किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 363, 366 और 376 मामला दर्ज किया था।
पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, कालका के गांव गिदरावली निवासी लड़की ने आरोप लगाया था कि चार अक्तूबर 2011 की रात को वह घर से किसी काम के लिए निकली थी। इसी बीच कालका निवासी सुरेंद्र ने उसे कुछ नशीली चीज सुंघा दी, जिससे वह अर्द्ध बेहोश हो गई। आरोप है कि सुरेंद्र ने उससे कहा कि यदि उसने शादी नहीं की तो वह उसे बरबाद कर देगा। साथ ही घर से एक लाख 80 हजार रुपये लेकर आए। 11 अक्तूबर को पंचकूला पुलिस ने दोनों को गुड़गांव से बरामद कर लिया और लड़की के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी सुरेंद्र के खिलाफ धारा 363, 366 और 376 के तहत मामला दर्ज किया।
बचाव के पक्ष के एडवोकेट कमल जोशी ने बताया कि लड़की न तो नाबालिग है और न ही सुरेंद्र उसे जबरदस्ती भगा ले गया था। दोनों रजामंदी से गुड़गांव पहुंचे थे। लड़की अपने मामा के घर पर रहती थी, इसलिए मामा शादी के खिलाफ था। बाद में अदालत ने सुरेंद्र को बरी कर दिया।