चंडीगढ़। कांग्रेस उम्मीदवार पवन बंसल की हार के बाद पार्टी में घमासान मच गया है। शुक्रवार को ग्रामीण जिलाध्यक्ष के इस्तीफे के बाद मामला और गरमा गया है। पार्टी के कई बड़े नेताओं ने कहा है कि पार्टी के पदों पर बैठे सभी पदाधिकारियों को सामूहिक इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि पार्टी की हार के लिए सभी की बराबर की जिम्मेदारी है।
एक नेता का यह भी कहना है कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं तो चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को भी इस्तीफा भेजना चाहिए। इस्तीफा मंजूर या नामंजूर होने का फैसला केंद्रीय कमेटी करेगी, लेकिन नैतिक जिम्मेदारी तो होनी ही चाहिए।
एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि चुनाव के दौरान काम ठीक से नहीं हुआ। इसकी समीक्षा जल्द होनी चाहिए। साथ ही पार्टी के पदों पर बैठे पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। चुनाव के दौरान उम्मीदवार ने बेहतर काम किया, लेकिन संगठन के तौर पर जो काम चाहिए था, वह काफी लचर था।
चुनाव के दौरान ही पार्टी में अंदरूनी घमासान था, लेकिन ऐसे समय में किसी तरह से इसे बचा कर रखा। अब चुनाव खत्म हो चुका है और पार्टी की हार हो चुकी है तो अब घमासान मचना लाजिमी है। पार्टी के एक नेता का यह भी कहना है कि पार्टी में पदाधिकारियों का इस्तीफा किस बात के लिए मांगा जा रहा है। चुनाव में हार-जीत होती रहती है। पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने बेहतर काम किया है। वर्ष 2014 से 63 हजार अधिक वोट पार्टी ने हासिल किया है। उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि पार्टी की बैठक में सभी बातों की समीक्षा होगी। बैठक जल्द ही बुलाएंगे।
चंडीगढ़। कांग्रेस उम्मीदवार पवन बंसल की हार के बाद पार्टी में घमासान मच गया है। शुक्रवार को ग्रामीण जिलाध्यक्ष के इस्तीफे के बाद मामला और गरमा गया है। पार्टी के कई बड़े नेताओं ने कहा है कि पार्टी के पदों पर बैठे सभी पदाधिकारियों को सामूहिक इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि पार्टी की हार के लिए सभी की बराबर की जिम्मेदारी है।
एक नेता का यह भी कहना है कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं तो चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को भी इस्तीफा भेजना चाहिए। इस्तीफा मंजूर या नामंजूर होने का फैसला केंद्रीय कमेटी करेगी, लेकिन नैतिक जिम्मेदारी तो होनी ही चाहिए।
एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि चुनाव के दौरान काम ठीक से नहीं हुआ। इसकी समीक्षा जल्द होनी चाहिए। साथ ही पार्टी के पदों पर बैठे पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। चुनाव के दौरान उम्मीदवार ने बेहतर काम किया, लेकिन संगठन के तौर पर जो काम चाहिए था, वह काफी लचर था।
चुनाव के दौरान ही पार्टी में अंदरूनी घमासान था, लेकिन ऐसे समय में किसी तरह से इसे बचा कर रखा। अब चुनाव खत्म हो चुका है और पार्टी की हार हो चुकी है तो अब घमासान मचना लाजिमी है। पार्टी के एक नेता का यह भी कहना है कि पार्टी में पदाधिकारियों का इस्तीफा किस बात के लिए मांगा जा रहा है। चुनाव में हार-जीत होती रहती है। पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने बेहतर काम किया है। वर्ष 2014 से 63 हजार अधिक वोट पार्टी ने हासिल किया है। उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि पार्टी की बैठक में सभी बातों की समीक्षा होगी। बैठक जल्द ही बुलाएंगे।