3 माह में बिकी कचरे से तैयार 2.5 टन खाद
- 10 रुपये प्रति किलोग्राम है खाद की कीमत, 30 दिनों में तैयार होती है खाद
- पंचकूला से कचरा बीनने वालों के स्वयं सहायता समूह की सहायता से कार्य को दिया जा रहा है अंजाम
अमर उजाला ब्यूरो
पंचकूला। कचरे को खाद में बदलने का काम पंचकूला में तेजी से चल रहा है। अब तक कचरे से तैयार 2.5 टन खाद बिक चुकी है। पंचकूला नगर निगम ने तीन महीने पहले शुद्ध सस्टेनऐवल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर काम शुरू किया था। युवाओं के इस ग्रुप की शुरुआत चंदन हैत, उत्कर्ष गुप्ता और चंदन गुप्ता ने की। अब नगर निगम ने ठोस कचरे से निर्मित जैविक खाद की बिक्री शुरू कर दी। कंपोस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जो जैविक पदार्थों के प्राकृतिक क्षय पर काम करती है। इस केंद्रित अपघटन प्रक्रिया का अंतिम उत्पाद पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी है, जो फसलों, बगीचे के पौधों और पेड़ों को बढ़ने में मदद कर सकता है।
आरडब्ल्यूए, पार्कों और सब्जी मंडियों से आने वाले मिश्रित कचरे से निपटने के लिए पंचकूला नगर निगम ने कंपनी के सहयोग से सेक्टर-12 में एक मैटीरियल रिकवरी सेंटर स्थापित किया है, जहां पर सेक्टर-12 और अन्य जगहों से वेेस्ट पहुंचाई जा रही है। जिसके बाद उसे खाद में परिवर्तित करने के लिए काम किया जा रहा है। खाद की सुविधा के लिए इस कचरे का प्रबंधन शुद्ध सस्टेनेबल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाता है, जो पंचकूला से कचरा बीनने वालों के स्वयं सहायता समूह को नियुक्त करता है। यहां मिश्रित कचरे को अलग किया जाता है और रिसाइकिल प्लास्टिक, कागज, कांच और स्टायरोफोम वेेस्ट को अलग से संग्रहित करके रिसाइकलरों को भेज दिया जाता है।
फल और सब्जियां, ऐगशेलस, टी बैग, नारियल के गोले, कटा हुआ अखबार, कागज और कार्ड बोर्ड, घास, पत्तियों, शाखाओं और टहनियों सहित यार्ड ट्रिमिंग सहित सभी बेस्ट यहां पर लाया जाता है। हाउस प्लांट्स, हेय और स्ट्रॉ, सॉडस्ट, वुडचिप्स, कॉटन और वूल रैग्स, ड्रायर और वैक्यूम क्लीनर लिंट, हेयर और फर और फायरप्लेस राख इत्यादि का प्रयोग होता है। प्रत्येक कंपोस्ट पिट की क्षमता 15 टन प्रति है। प्रत्येक पिट में लगभग तीन महीने लगते हैं। पार्क आदि से लगभग एक टन कचरा और बागवानी बेस्ट रोजाना एकत्र किया जाता है और खाद में बदलने के लिए 30 दिनों के प्रसंस्करण की आवश्यकता होती है।
सेक्टर-12 पंचकूला के निवासी राजन गुप्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट संजीव शर्मा और पूर्व उप महापौर सुनील तलवार इस खाद के पहले तीन खरीददार थे। 2.5 टन की खाद बेची गई है, जिसकी प्रति किलोग्राम की कीमत 10 रुपये है। सेक्टर-23 में डंपिंग साइट तक कम कचरा पहुंचता है। शहर से निकलने वाले कचरे को डंपिंग साइट तक पहुंचने होने वाले खर्च में बचत। 12 रैग पिकर के समूह के लिए पैसा और रोजगार मिला है। कम प्रदूषण कोई लीकेज नहीं। कचरे का जलना बंद। कम कार्बन फुटप्रिंट।
नगर निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल ने कहा कि हमें अपने वेस्ट को खुद ही मैनेज करना चाहिए। कचरे के प्रबंधन में प्रकृति हमारी सबसे अच्छी मार्गदर्शिका है, इसलिए पायलट प्रोजेक्ट में हमने कचरे से खाद बनाना शुरू किया है। अकार्बनिक खाद के प्रबंधन के प्राकृतिक तरीके को लागू किया। ऐसा ही एक और प्रोजेक्ट सेक्टर-4 मनसा देवी कांप्लेक्स में लगाया जाएगा।