कहने को तो पलवल में सरकारी डिग्री कालेज हैं, लेकिन वहां न तो पर्याप्त सुविधाएं हैं और न ही शिक्षक हैं। हालात ये हैं कि कालेज में मात्र एक भौतिकी का प्रवक्ता है। आजकल दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, उसके बाद भी महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय व सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है।
पूर्व सीएम हुड्डा ने शहर को डा. भीमराव अंबेडकर के नाम पर डिग्री कॉलेज की सौगात दी थी। कॉलेज खुलने के बाद यहां अस्थायी तौर पर शिक्षक नियुक्त कर कक्षाएं शुरू की गई थीं। पिछले दो साल तक पढ़ाई का सत्र ठीक-ठाक रहा, लेकिन इस बार न तो शिक्षकों का अनुबंध बढ़ाया गया है और न ही नए शिक्षक नियुक्त किए गए हैं।
दाखिला प्रक्रिया शुरू है, ऐसे समय में कालेज में न तो प्राचार्य हैं और न ही प्रवक्ता। प्रवक्ताओं के नाम पर यहां कालेज के लिए 24 पद स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन फिलहाल मात्र एक पद भौतिकी प्रवक्ता का भरा हुआ है, बाकी पद रिक्त पड़े हैं। वहीं कालेज में सूचना पाने के लिए लगाया गया फोन भी पिछले तीन माह से खराब पड़ा है। जिला उपायुक्त के कहने के बाद भी आज तक फोन चालू नहीं हो पाया है।
सरकार शिक्षण संस्थाएं तो खोल देती है, लेकिन उनमें सुविधाएं व शिक्षकों की नियुक्ति पर ध्यान नहीं दिया जाता। यही कारण है कि बच्चे सरकारी शिक्षण संस्थानों के बजाय निजी संस्थाओं में पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं। सरकारी संस्थानों के हालात इसी कारण से खराब हैं। सरकार को चाहिए कि वह इस तरफ ध्यान दे और इस सरकारी कालेज में शिक्षकों की भर्ती तुरंत प्रभाव से करे, ताकि कालेज शुरू होते ही बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो सके।
- ओम प्रकाश शर्मा, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी।
- इस बारे में जल्द ही विश्वविद्यालय में बात की जाएगी। कालेज में प्रवक्ताओं के रिक्त पदों को जल्द ही स्थायी या अस्थायी रूप से भरवाया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों की दाखिला प्रक्रिया व आगे की कक्षाओं के शुरू होने में पढ़ाई में कोई परेशानी न हो। पलवल के विद्यार्थियों को शिक्षा के मामले में कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
- दीपक मंगला, राजनैतिक सचिव, मुख्यमंत्री, हरियाणा।