संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। चार साल पहले चेक बाउंस मामले में अदालत ने एक निजी बैंक के तत्कालीन प्रबंधक को एक साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 14 लाख रुपये हर्जाना भी लगाया है। निर्धारित समय तक दोषी ने हर्जाना नहीं दिया तो उसे तीन महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
जानकारी के मुताबिक सेक्टर-13 के रहने वाले जगमोहन बंसल ने अदालत में याचिका दायर की थी कि एक बैंक के तत्कालीन प्रबंधक मिहा सिंह ने उससे नौ लाख रुपये नकद लिए थे। प्रबंधक ने उसे बताया था कि बैंक में जमा राशि पर बहुत कम ब्याज मिलता है। अगर वह पैसे उसके पास जमा कराएगा तो वह उसे अच्छा ब्याज दिला देगा। प्रबंधक की बातों में आकर उसने नौ लाख रुपये उसे दिए थे। प्रबंधक ने काफी दिन तक पैसे नहीं लौटाए और हर बार पैसे मांगने पर टाल-मटौल करता था।
याचिकाकर्ता अनुसार उसने प्रबंधक को जनवरी 2013 में पांच लाख, आठ मार्च 2013 को तीन लाख और 14 अप्रैल 2013 को एक लाख रुपये दिए थे। वादे के मुताबिक प्रबंधक ने उसके पैसे नहीं लौटाए और न ही उसे ब्याज दिया तो उसे शक हुआ। आशंका के चलते उसने प्रबंधक से अपने पैसे मांगे तो प्रबंधक ने उसे 30 नवंबर 2018 को तीन लाख, तीन दिसंबर 2018 को एक लाख, छह नवंबर 2018 को तीन लाख रुपये का चेक दिया था।
यह चेक उसने बैंक में लगाए, लेकिन बैंक से सभी चेक बाउंस हो गए थे। प्रबंधक ने उसके साथ धोखाधड़ी कर उसकी राशि का दुरुपयोग किया है। उसके बाद उसने प्रबंधक को लीगल नोटिस भेजा, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर उसने अदालत की शरण ली। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शेर सिंह की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात आरोपी मिहा सिंह को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई है।
अदालत ने दोषी पर 14 लाख रुपये हर्जाना राशि शिकायतकर्ता को देने के आदेश भी दिए हैं। यह आदेश भी जारी किए कि अगर दोषी निर्धारित समय तक राशि नहीं लौटाता तो उसे तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने मिहा सिंह को फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया है।