गांव बड़ोता में नकली वोट पर चुनाव लड़ कर सरपंच बनने का मामला सामने आया है। जिस पर डीसी करनाल ने संज्ञान लेते हुए सरपंच को टर्मिनेट कर दिया गया। उपायुक्त निशांत कुमार यादव को दी शिकायत में बड़ोता निवासी रामफल ने बताया कि बड़ोता की सरपंच पूनम देवी के चुनाव में नकली वोट के प्रयोग का मामला सामने आया है। आरोप है कि तत्कालीन खंड पटवारी निहाल सिंह से मिलीभगत कर इस साजिश को अंजाम दिया गया था। जिसको लेकर डीसी करनाल ने पूरे मामले की जांच करवाई गई। जिसमें पाया कि उक्त सरपंच की वोट पर खुद पूनम देवी के अलावा किसी भी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। इसके बाद विभाग ने पूनम देवी को मामले में जवाब मांगा था। जिसमें वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं तो डीसी करनाल के आदेशानुसार सरपंच को तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट कर दिया गया। वहीं, विभाग की तरफ से धोखाधड़ी करने को लेकर मधुबन थाना में पटवारी निहाल सिंह व पूनम देवी के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया।
बीडीपीओ निसिंग सुमित चौधरी का कहना है कि डीसी करनाल के आदेशानुसार बड़ोता गांव की सरपंच पूनम देवी को तुरंत प्रभाव से टर्मिनेट कर दिया गया। ग्राम पंचायत का सारा रिकॉर्ड व कागजात लेेकर बहुमत के आधार पर कार्यवाहक सरपंच नियुक्त किया जाएगा ताकि गांव के विकास कार्यों में बाधा न आए।
गांव बड़ोता में नकली वोट पर चुनाव लड़ कर सरपंच बनने का मामला सामने आया है। जिस पर डीसी करनाल ने संज्ञान लेते हुए सरपंच को टर्मिनेट कर दिया गया। उपायुक्त निशांत कुमार यादव को दी शिकायत में बड़ोता निवासी रामफल ने बताया कि बड़ोता की सरपंच पूनम देवी के चुनाव में नकली वोट के प्रयोग का मामला सामने आया है। आरोप है कि तत्कालीन खंड पटवारी निहाल सिंह से मिलीभगत कर इस साजिश को अंजाम दिया गया था। जिसको लेकर डीसी करनाल ने पूरे मामले की जांच करवाई गई। जिसमें पाया कि उक्त सरपंच की वोट पर खुद पूनम देवी के अलावा किसी भी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। इसके बाद विभाग ने पूनम देवी को मामले में जवाब मांगा था। जिसमें वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं तो डीसी करनाल के आदेशानुसार सरपंच को तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट कर दिया गया। वहीं, विभाग की तरफ से धोखाधड़ी करने को लेकर मधुबन थाना में पटवारी निहाल सिंह व पूनम देवी के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया।
बीडीपीओ निसिंग सुमित चौधरी का कहना है कि डीसी करनाल के आदेशानुसार बड़ोता गांव की सरपंच पूनम देवी को तुरंत प्रभाव से टर्मिनेट कर दिया गया। ग्राम पंचायत का सारा रिकॉर्ड व कागजात लेेकर बहुमत के आधार पर कार्यवाहक सरपंच नियुक्त किया जाएगा ताकि गांव के विकास कार्यों में बाधा न आए।