हरियाणा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन हो या फिर हरियाणा स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन, दोनों ही यूनियन के प्रतिनिधि सोमवार को मुख्यमंत्री से मिले। दोनों ने ही अपनी अलग-अलग मांगें रखी, लेकिन इनमें सीमावर्ती राज्यों से आने वाले धान व गेहूं की खरीद को सामान्य खरीद के साथ ही शुरू करने की मांग को दोनों ने प्रमुखता से उठाया, लेकिन अभी इस पर सहमति नहीं बन सकी है। इस पर बुधवार को भी वार्ता होगी। इसके लिए एक समिति का भी गठन किया गया है। इधर, बाजार शुल्क व ग्रामीण विकास शुल्क को चार प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर देने सहित कुछ मांगों पर सीएम की सहमति के बाद प्रदेशभर में आढ़तियों ने हड़ताल को वापस ले लिया है, जिससे मंडियों में रौनक लौट आई है। धान की बिक्री शुरू हो गई है। इससे मंडियों में श्रमिकों को भी काम मिल गया है।
सोमवार को मुख्यमंत्री से बातचीत में चार प्रतिशत बाजार और ग्रामीण शुल्क को एक प्रतिशत कर दिया है। मंडियों के अंदर ही धान खरीद करने पर सहमति लगभग हो गई है। काटी गई लस्टर लॉस, ब्याज की राशि को 15 दिन के बाद वापस किया जाएगा। पहले की तरह राइस मिलर्स ही धान उठाएं और सीमांत किसानों की फसल खरीद पर अभी सरकार तैयार नहीं हुई है। हालांकि सरकार का कहना है कि सामान्य खरीद शुरू होने के दस दिन के बाद सीमांत किसानों की फसल ली जा सकती है। इन मुद्दों पर अभी और बातचीत होनी है।
रजनीश चौधरी, चेयरमैन हरियाणा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन
मुख्यमंत्री से वार्ता हो चुकी है, सीएमआर के लिए सिक्योरिटी 50 लाख के स्थान पर पिछले साल की तरह 10 और 5 लाख ही होगी। बैंक गारंटी भी पिछले साल की तरह होगी, रजिस्ट्रेशन भी तीन साल के लिए मान्य होगा, लेकिन अभी सीमावर्ती राज्यों के किसानों की फसल को हरियाणा में विक्रय की अनुमति, फसल को मिलों तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट राइस मिलों को ही मिले, पांच सालों से सीएमआर चावल की सही आपूर्ति करने वालों की पीवी न हो, वारदान जूट का ही मिले, इस पर अभी निर्णय होना बाकी है, इसके लिए बुधवार को 11 बजे महानिदेशक (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति) से वार्ता होगी। राइस मिलों के संचालन का निर्णय इसके बाद ही होगा।
-हंसराज सिंगला, प्रदेश प्रधान हरियाणा स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन
हरियाणा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन हो या फिर हरियाणा स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन, दोनों ही यूनियन के प्रतिनिधि सोमवार को मुख्यमंत्री से मिले। दोनों ने ही अपनी अलग-अलग मांगें रखी, लेकिन इनमें सीमावर्ती राज्यों से आने वाले धान व गेहूं की खरीद को सामान्य खरीद के साथ ही शुरू करने की मांग को दोनों ने प्रमुखता से उठाया, लेकिन अभी इस पर सहमति नहीं बन सकी है। इस पर बुधवार को भी वार्ता होगी। इसके लिए एक समिति का भी गठन किया गया है। इधर, बाजार शुल्क व ग्रामीण विकास शुल्क को चार प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर देने सहित कुछ मांगों पर सीएम की सहमति के बाद प्रदेशभर में आढ़तियों ने हड़ताल को वापस ले लिया है, जिससे मंडियों में रौनक लौट आई है। धान की बिक्री शुरू हो गई है। इससे मंडियों में श्रमिकों को भी काम मिल गया है।
सोमवार को मुख्यमंत्री से बातचीत में चार प्रतिशत बाजार और ग्रामीण शुल्क को एक प्रतिशत कर दिया है। मंडियों के अंदर ही धान खरीद करने पर सहमति लगभग हो गई है। काटी गई लस्टर लॉस, ब्याज की राशि को 15 दिन के बाद वापस किया जाएगा। पहले की तरह राइस मिलर्स ही धान उठाएं और सीमांत किसानों की फसल खरीद पर अभी सरकार तैयार नहीं हुई है। हालांकि सरकार का कहना है कि सामान्य खरीद शुरू होने के दस दिन के बाद सीमांत किसानों की फसल ली जा सकती है। इन मुद्दों पर अभी और बातचीत होनी है।
रजनीश चौधरी, चेयरमैन हरियाणा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन
मुख्यमंत्री से वार्ता हो चुकी है, सीएमआर के लिए सिक्योरिटी 50 लाख के स्थान पर पिछले साल की तरह 10 और 5 लाख ही होगी। बैंक गारंटी भी पिछले साल की तरह होगी, रजिस्ट्रेशन भी तीन साल के लिए मान्य होगा, लेकिन अभी सीमावर्ती राज्यों के किसानों की फसल को हरियाणा में विक्रय की अनुमति, फसल को मिलों तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट राइस मिलों को ही मिले, पांच सालों से सीएमआर चावल की सही आपूर्ति करने वालों की पीवी न हो, वारदान जूट का ही मिले, इस पर अभी निर्णय होना बाकी है, इसके लिए बुधवार को 11 बजे महानिदेशक (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति) से वार्ता होगी। राइस मिलों के संचालन का निर्णय इसके बाद ही होगा।
-हंसराज सिंगला, प्रदेश प्रधान हरियाणा स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन