करीब चौबीस दिन के इंतजार के बाद बुधवार को खरीद एजेंसियों ने किसानों-आढ़तियों के खातों में धान खरीद भुगतान की 200 करोड़ रुपये से अधिक की पहली राशि जारी कर दी है। इससे जहां किसानों को राहत मिलेगी वहीं बाजारों की रौनक भी बढ़ेगी। क्योंकि धान का भुगतान न मिलने के कारण किसानों के कदम अभी तक बाजारों की ओर नहीं बढ़ रहे थे।
केंद्र सरकार ने करनाल जिले में 21 अक्तूबर तक 85.64 लाख क्विंटल धान की खरीद की गई है। जिसकी कीमत सरकारी रेट के आधार पर करीब 1617 करोड़ रुपये हैं। इतनी ही धनराशि किसानों की सरकार पर बकाया है। केंद्र सरकार के आदेश पर करनाल जिले में 26 सितंबर से धान की खरीद शुरू की गई थी। हालांकि पहले पांच दिन तक तक खरीद एजेंसियां तैयारी करती रह गई थी फिर भी जैसे तैसे खरीद बढ़ती गई। इन दिनों धान खरीद जोरों पर है। लेकिन 24 दिन से सरकार ने धान खरीद का भुगतान जारी नहीं किया था, इस कारण किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा था। किसान न अगली फसल गेहूं की बिजाई कर पा रहे थे न त्योहारी सीजन में बाजारों का रुख कर पा रहे थे। दिवाली नजदीक आने के बावजूद घरों की मरम्मत व रंगाई-पुताई भी ठहरी थी, ऊपर से आढ़तियों का ब्याज भी बढ़ रहा था। लेकिन आज धान का भुगतान जारी होने से उन्हें राहत मिलेगी। इधर यूपी के बाद हरियाणा के किसानों की अवशेष फसल पंजीकरण के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल फिर खोल दिया गया लेकिन अभी तक पोर्टल पर गांव प्रदर्शित न हो पाने के कारण पंजीकरण नहीं हो पा रहा है।
-खाद्य विभाग द्वारा अभी तक 5771420 क्विंटल खरीद की गई है। इसमें भुगतान के लिए 194 करोड़ रुपये जारी करने के लिए हेडक्वार्टर को भेज दिया था। इसमें 88 करोड़ रुपये तो कल शाम तक जारी हो गए, शेष धनराशि बुधवार को जारी किया गया है। कितनी धनराशि जारी की है, इसकी लिखित जानकारी अभी उनके पास उपलब्ध नहीं है।
-निशांत राठी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक करनाल
-अभी तक हेफैड ने करनाल जिले में 1619340 क्विंटल धान की खरीद की है, इसमें से बुधवार को 22 करोड़ रुपये की पहली खेप जारी कर दी गई है, जो किसानों और आढ़तियों के खाते में पहुंच गई है। अब धान खरीद का भुगतान समय पर होता रहेगा।
-सुरेश वैद, जिला प्रबंधक हैफेड करनाल
-हरियाणा के पंजीकरण कराने के लिए शेष रह गए किसानों के लिए पोर्टल तो खुल गया है लेकिन गांव प्रदर्शित न होने के कारण पंजीकरण नहीं हो पा रहे हैं किसानों की शिकायतों के आधार पर मुख्यालय को सूचना भेजी है, शीघ्र स्थिति सुधर जाएगी।
-सुंदर सिंह कांबोज, सचिव मार्केट कमेटी करनाल
करीब चौबीस दिन के इंतजार के बाद बुधवार को खरीद एजेंसियों ने किसानों-आढ़तियों के खातों में धान खरीद भुगतान की 200 करोड़ रुपये से अधिक की पहली राशि जारी कर दी है। इससे जहां किसानों को राहत मिलेगी वहीं बाजारों की रौनक भी बढ़ेगी। क्योंकि धान का भुगतान न मिलने के कारण किसानों के कदम अभी तक बाजारों की ओर नहीं बढ़ रहे थे।
केंद्र सरकार ने करनाल जिले में 21 अक्तूबर तक 85.64 लाख क्विंटल धान की खरीद की गई है। जिसकी कीमत सरकारी रेट के आधार पर करीब 1617 करोड़ रुपये हैं। इतनी ही धनराशि किसानों की सरकार पर बकाया है। केंद्र सरकार के आदेश पर करनाल जिले में 26 सितंबर से धान की खरीद शुरू की गई थी। हालांकि पहले पांच दिन तक तक खरीद एजेंसियां तैयारी करती रह गई थी फिर भी जैसे तैसे खरीद बढ़ती गई। इन दिनों धान खरीद जोरों पर है। लेकिन 24 दिन से सरकार ने धान खरीद का भुगतान जारी नहीं किया था, इस कारण किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा था। किसान न अगली फसल गेहूं की बिजाई कर पा रहे थे न त्योहारी सीजन में बाजारों का रुख कर पा रहे थे। दिवाली नजदीक आने के बावजूद घरों की मरम्मत व रंगाई-पुताई भी ठहरी थी, ऊपर से आढ़तियों का ब्याज भी बढ़ रहा था। लेकिन आज धान का भुगतान जारी होने से उन्हें राहत मिलेगी। इधर यूपी के बाद हरियाणा के किसानों की अवशेष फसल पंजीकरण के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल फिर खोल दिया गया लेकिन अभी तक पोर्टल पर गांव प्रदर्शित न हो पाने के कारण पंजीकरण नहीं हो पा रहा है।
-खाद्य विभाग द्वारा अभी तक 5771420 क्विंटल खरीद की गई है। इसमें भुगतान के लिए 194 करोड़ रुपये जारी करने के लिए हेडक्वार्टर को भेज दिया था। इसमें 88 करोड़ रुपये तो कल शाम तक जारी हो गए, शेष धनराशि बुधवार को जारी किया गया है। कितनी धनराशि जारी की है, इसकी लिखित जानकारी अभी उनके पास उपलब्ध नहीं है।
-निशांत राठी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक करनाल
-अभी तक हेफैड ने करनाल जिले में 1619340 क्विंटल धान की खरीद की है, इसमें से बुधवार को 22 करोड़ रुपये की पहली खेप जारी कर दी गई है, जो किसानों और आढ़तियों के खाते में पहुंच गई है। अब धान खरीद का भुगतान समय पर होता रहेगा।
-सुरेश वैद, जिला प्रबंधक हैफेड करनाल
-हरियाणा के पंजीकरण कराने के लिए शेष रह गए किसानों के लिए पोर्टल तो खुल गया है लेकिन गांव प्रदर्शित न होने के कारण पंजीकरण नहीं हो पा रहे हैं किसानों की शिकायतों के आधार पर मुख्यालय को सूचना भेजी है, शीघ्र स्थिति सुधर जाएगी।
-सुंदर सिंह कांबोज, सचिव मार्केट कमेटी करनाल