नगर निगम में करीब दो साल से खाली सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों को लेकर एक बार फिर राजनीति की बिसात बिछ गई है। निकाय निदेशक द्वारा दोनों पदों के चुनाव को लेकर 20 नवंबर का दिन तय किया गया है। शाम 3 बजे पंचायत भवन में चुनावी प्रक्रिया संपन्न होगी। वहीं चुनाव की तिथि तय होते ही निगम की राजनीति गरमा गई है। पार्षद एक दूसरे से आगे निकलकर पदों को लेकर खींचतान भी शुरू हो गई है। हालांकि वीरवार को सीएम मनोहर लाल के आशीर्वाद से ही दोनों पदों पर नाम तय किये जाएंगे। संभावना है कि इस दौरान सभी पार्षद सीएम से मुलाकात करेंगे। संभावना ये भी है कि बिना चुनाव के ही सर्वसम्मति से दोनों पदों पर नाम तय किये जाएं।
दिसंबर 2018 में नगर निगम चुनाव हुए थे। निगम अंतर्गत 20 वार्ड हैं और 20 पार्षद हैं। इनमें से 18 पार्षद भाजपा से हैं, दो निर्दलीय हैं। ऐेसे में तय है कि दोनों पद भाजपा की झोली में जाएंगे। क्योंकि करनाल सीएम मनोहर लाल की विधानसभा है, इसलिए जातिगत समीकरणों को देखकर भी ये पद नवाजे जाएंगे। 27 दिसंबर 2018 को निकाय निदेशक की ओर से दोनों पदों पर चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन उस समय चुनाव नहीं हो पाये थे। काफी समय से निगम में पार्षदों में इस बात को लेकर नाराजगी चल रही थी कि आखिर दोनों पदों पर चुनाव क्यों नहीं हो रहा है। इसी को देखते हुए अब 20 नवंबर को चुनाव तय किया गया है। अब एक दूसरे को पछाड़ खुद पद पर आसीन होने के लिए पार्षद जोड़-तोड़ में जुटे हैं और भाजपा नेताओं के दरबार में हाजिरी लगा रहे।
ये हैं दौड़ में
हालांकि संभावना है कि दोनों पदों में से एक पद पंजाबी वर्ग के पार्षद और दूसरा पद एससी या बीसी वर्ग के पास जा सकता है। जो पार्षद दौड़ में हैं, उनमें वार्ड नंबर 9 से मुकेश अरोड़ा, वार्ड 10 से वीर कुमार और 17 से जोगेंद्र शर्मा और 18 से हरीश कुमार के नाम चल रहे हैं। वहीं, एससी और बीसी की बात करें तो वार्ड 14 से रामचंद्र काला, वार्ड 16 से रजनी परोचा के नाम पर चर्चा चल रही है।
दांव तेज, आखिरी फैसला सीएम के हाथ
पदों को पाने के लिए पार्षद पूरी तरह लाबिंग में जुटे हैं। खुद की खासियत और दूसरे की काट को लेकर पार्षद मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस पद को पाने के लिए भाजपा नेताओं समेत आरएसएस प्रतिनिधियों के दरबार में भी हाजिरी भर रहे हैं। बेशक पार्षद तमाम तरह के दांव लगा रहे लेकिन भाजपा नेता बताते हैं कि दोनों पदों को लेकर आखिरी फैसला सीएम मनोहर लाल को करना है। मामले को लेकर गुुरुवार को पार्षद सीएम से मुलाकात करेंगे और बैठक में ही सर्वसम्मति से पार्षदों के नाम तय किये जाएंगे।
नगर निगम में करीब दो साल से खाली सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों को लेकर एक बार फिर राजनीति की बिसात बिछ गई है। निकाय निदेशक द्वारा दोनों पदों के चुनाव को लेकर 20 नवंबर का दिन तय किया गया है। शाम 3 बजे पंचायत भवन में चुनावी प्रक्रिया संपन्न होगी। वहीं चुनाव की तिथि तय होते ही निगम की राजनीति गरमा गई है। पार्षद एक दूसरे से आगे निकलकर पदों को लेकर खींचतान भी शुरू हो गई है। हालांकि वीरवार को सीएम मनोहर लाल के आशीर्वाद से ही दोनों पदों पर नाम तय किये जाएंगे। संभावना है कि इस दौरान सभी पार्षद सीएम से मुलाकात करेंगे। संभावना ये भी है कि बिना चुनाव के ही सर्वसम्मति से दोनों पदों पर नाम तय किये जाएं।
दिसंबर 2018 में नगर निगम चुनाव हुए थे। निगम अंतर्गत 20 वार्ड हैं और 20 पार्षद हैं। इनमें से 18 पार्षद भाजपा से हैं, दो निर्दलीय हैं। ऐेसे में तय है कि दोनों पद भाजपा की झोली में जाएंगे। क्योंकि करनाल सीएम मनोहर लाल की विधानसभा है, इसलिए जातिगत समीकरणों को देखकर भी ये पद नवाजे जाएंगे। 27 दिसंबर 2018 को निकाय निदेशक की ओर से दोनों पदों पर चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन उस समय चुनाव नहीं हो पाये थे। काफी समय से निगम में पार्षदों में इस बात को लेकर नाराजगी चल रही थी कि आखिर दोनों पदों पर चुनाव क्यों नहीं हो रहा है। इसी को देखते हुए अब 20 नवंबर को चुनाव तय किया गया है। अब एक दूसरे को पछाड़ खुद पद पर आसीन होने के लिए पार्षद जोड़-तोड़ में जुटे हैं और भाजपा नेताओं के दरबार में हाजिरी लगा रहे।
ये हैं दौड़ में
हालांकि संभावना है कि दोनों पदों में से एक पद पंजाबी वर्ग के पार्षद और दूसरा पद एससी या बीसी वर्ग के पास जा सकता है। जो पार्षद दौड़ में हैं, उनमें वार्ड नंबर 9 से मुकेश अरोड़ा, वार्ड 10 से वीर कुमार और 17 से जोगेंद्र शर्मा और 18 से हरीश कुमार के नाम चल रहे हैं। वहीं, एससी और बीसी की बात करें तो वार्ड 14 से रामचंद्र काला, वार्ड 16 से रजनी परोचा के नाम पर चर्चा चल रही है।
दांव तेज, आखिरी फैसला सीएम के हाथ
पदों को पाने के लिए पार्षद पूरी तरह लाबिंग में जुटे हैं। खुद की खासियत और दूसरे की काट को लेकर पार्षद मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस पद को पाने के लिए भाजपा नेताओं समेत आरएसएस प्रतिनिधियों के दरबार में भी हाजिरी भर रहे हैं। बेशक पार्षद तमाम तरह के दांव लगा रहे लेकिन भाजपा नेता बताते हैं कि दोनों पदों को लेकर आखिरी फैसला सीएम मनोहर लाल को करना है। मामले को लेकर गुुरुवार को पार्षद सीएम से मुलाकात करेंगे और बैठक में ही सर्वसम्मति से पार्षदों के नाम तय किये जाएंगे।