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गांव कबूलपुर खेड़ा में तीन चचेरे भाईयों की संदिग्ध मौत के मामले में सोमवार को गांव की हरिजन चौपाल में महापंचायत हुई। जिसमें पूर्व मंत्री और सीएम के राजनीतिक सलाहकार कृष्ण बेदी ने शिरकत की। उन्होंने पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी और डीएसपी व थाना प्रभारी को मामले में जल्द निष्पक्ष कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएसपी गजेंद्र सिंह और थाना प्रभारी कमलदीप ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। वहीं एसएफएल की टीम ने दोबारा मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। महापंचायत की अध्यक्षता अखिल भारतीय वाल्मीकि महापंचायत के अध्यक्ष शिव कुमार सिसला ने की। सिसला ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने जान बूझकर पहले दुर्घटना का केस दर्ज किया था। अब परिजनों की मांग और समाज के दबाव के कारण हत्या की धारा जोड़ी है। इस अवसर पर अखिल वाल्मीकि महापंचायत के प्रदेश उपाध्यक्ष नाथू राम, डॉ. विक्रम सिंह, सुरेंद्र लाठा, अशोक, तेजपाल उपलाना, सरपंच प्रतिनिधि सुखा सिंह सहित अन्य शामिल रहे।
किसान आंदोलन और अन्य कारणों से कम समय हो तो सीआईए को दें मामला : बेदी
कृष्ण बेदी ने थाना प्रभारी कमलदीप सिंह से कहा कि पीड़ित परिजनों का कहना है कि केस में जांच आगे नहीं बढ़ रही है। ऐसे में अगर पुलिस के पास किसान आंदोलन और अन्य कारणों से कम समय है तो इस केस को सीआईए को दे दें। ताकि जल्द जांच हो सके। थाना प्रभारी कमलदीप सिंह ने कहा कि वह मामले में जल्द जांच कर खुलासा करेंगे।
यह है मामला
13 फरवरी की रात गांव कबूलपुरखेड़ा निवासी बंटी, अक्षय और खराजपुर
निवासी उनकी बुआ का लड़का रविंद्र पानीपत के मतलौडा से काम खत्म
करने के बाद घर लौट रहे थे। वह रात को घर नहीं पहुंचे। सुबह परिजनों को सूचना मिली थी कि तीनों के शव गांव से 200 मीटर दूर
गन्ने के खेत में पड़े हैं। पुलिस ने मृतक बंटी के पिता इतवारी की शिकायत पर सड़क हादसे में मौत होने का पर्चा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। लेकिन इसके बाद परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने हत्या की धारा जोड़ जांच शुरू कर दी है।
गांव कबूलपुर खेड़ा में तीन चचेरे भाईयों की संदिग्ध मौत के मामले में सोमवार को गांव की हरिजन चौपाल में महापंचायत हुई। जिसमें पूर्व मंत्री और सीएम के राजनीतिक सलाहकार कृष्ण बेदी ने शिरकत की। उन्होंने पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी और डीएसपी व थाना प्रभारी को मामले में जल्द निष्पक्ष कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएसपी गजेंद्र सिंह और थाना प्रभारी कमलदीप ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। वहीं एसएफएल की टीम ने दोबारा मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। महापंचायत की अध्यक्षता अखिल भारतीय वाल्मीकि महापंचायत के अध्यक्ष शिव कुमार सिसला ने की। सिसला ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने जान बूझकर पहले दुर्घटना का केस दर्ज किया था। अब परिजनों की मांग और समाज के दबाव के कारण हत्या की धारा जोड़ी है। इस अवसर पर अखिल वाल्मीकि महापंचायत के प्रदेश उपाध्यक्ष नाथू राम, डॉ. विक्रम सिंह, सुरेंद्र लाठा, अशोक, तेजपाल उपलाना, सरपंच प्रतिनिधि सुखा सिंह सहित अन्य शामिल रहे।
किसान आंदोलन और अन्य कारणों से कम समय हो तो सीआईए को दें मामला : बेदी
कृष्ण बेदी ने थाना प्रभारी कमलदीप सिंह से कहा कि पीड़ित परिजनों का कहना है कि केस में जांच आगे नहीं बढ़ रही है। ऐसे में अगर पुलिस के पास किसान आंदोलन और अन्य कारणों से कम समय है तो इस केस को सीआईए को दे दें। ताकि जल्द जांच हो सके। थाना प्रभारी कमलदीप सिंह ने कहा कि वह मामले में जल्द जांच कर खुलासा करेंगे।
यह है मामला
13 फरवरी की रात गांव कबूलपुरखेड़ा निवासी बंटी, अक्षय और खराजपुर
निवासी उनकी बुआ का लड़का रविंद्र पानीपत के मतलौडा से काम खत्म
करने के बाद घर लौट रहे थे। वह रात को घर नहीं पहुंचे। सुबह परिजनों को सूचना मिली थी कि तीनों के शव गांव से 200 मीटर दूर
गन्ने के खेत में पड़े हैं। पुलिस ने मृतक बंटी के पिता इतवारी की शिकायत पर सड़क हादसे में मौत होने का पर्चा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। लेकिन इसके बाद परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने हत्या की धारा जोड़ जांच शुरू कर दी है।