- जरूरतमंद छात्रों के लिए निशुल्क ट्यूशन की पहल, बोर्ड के छात्रों को सिलेबस पूरा न होने की चिंता,
- स्कूल अध्यापकों और ट्यूशन टीचरों ने की निशुल्क ट्यूशन पढ़ाने की पहल
स्ंावाद न्यूज एजेंसी
करनाल। कोरोनावायरस के चलते छात्रों की पढ़ाई में आए उतार-चढ़ाव का असर सीधा बोर्ड परीक्षाएं दे रहे विद्यार्थियों पर पड़ रहा है। आॅनलाइन पढ़ाई से उनके होमवर्क की महत्वता बढ़ गई। लेकिन फिर भी बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ है। खास कर 10वीं और 12वीं के बोर्ड के छात्रों को परीक्षाओं की चिंता सता रही है। अभी तक सिलेबस भी पूरा नहीं हो पाया है। पिछले एक सप्ताह से बच्चे पूरा-पूरा दिन मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने में व्यस्त हैं। बहुत से जरूरतमंद छात्र भी हैं जो आॅनलाइन पढाई भी ठीक से नहीं कर पाए। इसलिए विद्यार्थियों की समस्याओं को समझते हुए कई स्कूली अध्यापकों और ट्यूटरों ने बच्चों को निशुल्क होम ट्यूशन देने की पहल की है। इसकी एक वजह यह है कि बच्चों को ट्यूशन की जरूरत है। ताकि उनका होमवर्क अच्छे से हो सके और बोर्ड की परीक्षाओं के लिए वे खुद को अच्छे से तैयार कर सकें।
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दीप्ती मुंजाल, स्कूल टीचर -
बच्चों को स्कूल के माहौल में ही पढ़ने की आदत है। आॅनलाइन पढ़ाई में काफी सिलेबस अधूरा रह गया था। इस एक सप्ताह में डेटशीट भी आने वाली है। इसलिए 12वीं के बच्चे काफी परेशान थे। इसलिए मैंने अपने घर पर ही बच्चों को इकोनोमिक्स की निशुल्क ट्यूशन देना शुरू किया है। इससे बच्चों को सिलेबस पूरा करने में मदद मिलेगी।
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गंगा रावत, ट्यूटर -
महामारी के दौर में विद्यार्थियों की पढ़ाई ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। बहुत से बच्चे ऐसे हैं जो पैसों की कमी के चलते पढ़ाई के साथ कोमप्रोमाइज कर रहे हैं। इसलिए बोर्ड की परीक्षाओं के लिए कुछ बच्चे सिलेबस पूरा करने के लिए आए थे। मुझे लगा मदद करना ही मेरा फर्ज है। इसलिए एक महीने के लिए निशुल्क ट्यूशन शुरू की।
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मोनिका कौर, ट्यूटर -
मैं दिन में चार बैच में ट्यूशन पढ़ाती हूं। बोर्ड परीक्षा के चलते 10वीं और 12वीं के बच्चों ने ट्यूशन आना शुरू कर दिया है। इस समय होमवर्क पर फोकस कराना बहुत जरूरी है। बच्चे स्कूल की फीस भी भर रहे हैं। और आॅनलाइन पढ़ाई के लिए भी बहुत खर्च कर चुके हैं। इसलिए मैं केवल 30 प्रतिशत ट्यूशन फीस के साथ बच्चों को पढ़ा रही हूं।
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मोनिका कौर
गंगा
- जरूरतमंद छात्रों के लिए निशुल्क ट्यूशन की पहल, बोर्ड के छात्रों को सिलेबस पूरा न होने की चिंता,
- स्कूल अध्यापकों और ट्यूशन टीचरों ने की निशुल्क ट्यूशन पढ़ाने की पहल
स्ंावाद न्यूज एजेंसी
करनाल। कोरोनावायरस के चलते छात्रों की पढ़ाई में आए उतार-चढ़ाव का असर सीधा बोर्ड परीक्षाएं दे रहे विद्यार्थियों पर पड़ रहा है। आॅनलाइन पढ़ाई से उनके होमवर्क की महत्वता बढ़ गई। लेकिन फिर भी बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ है। खास कर 10वीं और 12वीं के बोर्ड के छात्रों को परीक्षाओं की चिंता सता रही है। अभी तक सिलेबस भी पूरा नहीं हो पाया है। पिछले एक सप्ताह से बच्चे पूरा-पूरा दिन मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने में व्यस्त हैं। बहुत से जरूरतमंद छात्र भी हैं जो आॅनलाइन पढाई भी ठीक से नहीं कर पाए। इसलिए विद्यार्थियों की समस्याओं को समझते हुए कई स्कूली अध्यापकों और ट्यूटरों ने बच्चों को निशुल्क होम ट्यूशन देने की पहल की है। इसकी एक वजह यह है कि बच्चों को ट्यूशन की जरूरत है। ताकि उनका होमवर्क अच्छे से हो सके और बोर्ड की परीक्षाओं के लिए वे खुद को अच्छे से तैयार कर सकें।
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दीप्ती मुंजाल, स्कूल टीचर -
बच्चों को स्कूल के माहौल में ही पढ़ने की आदत है। आॅनलाइन पढ़ाई में काफी सिलेबस अधूरा रह गया था। इस एक सप्ताह में डेटशीट भी आने वाली है। इसलिए 12वीं के बच्चे काफी परेशान थे। इसलिए मैंने अपने घर पर ही बच्चों को इकोनोमिक्स की निशुल्क ट्यूशन देना शुरू किया है। इससे बच्चों को सिलेबस पूरा करने में मदद मिलेगी।
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गंगा रावत, ट्यूटर -
महामारी के दौर में विद्यार्थियों की पढ़ाई ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। बहुत से बच्चे ऐसे हैं जो पैसों की कमी के चलते पढ़ाई के साथ कोमप्रोमाइज कर रहे हैं। इसलिए बोर्ड की परीक्षाओं के लिए कुछ बच्चे सिलेबस पूरा करने के लिए आए थे। मुझे लगा मदद करना ही मेरा फर्ज है। इसलिए एक महीने के लिए निशुल्क ट्यूशन शुरू की।
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मोनिका कौर, ट्यूटर -
मैं दिन में चार बैच में ट्यूशन पढ़ाती हूं। बोर्ड परीक्षा के चलते 10वीं और 12वीं के बच्चों ने ट्यूशन आना शुरू कर दिया है। इस समय होमवर्क पर फोकस कराना बहुत जरूरी है। बच्चे स्कूल की फीस भी भर रहे हैं। और आॅनलाइन पढ़ाई के लिए भी बहुत खर्च कर चुके हैं। इसलिए मैं केवल 30 प्रतिशत ट्यूशन फीस के साथ बच्चों को पढ़ा रही हूं।
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