भैयादूज पर सोमवार को परिवहन विभाग की व्यवस्था बेदम नजर आई। पुराना बस स्टैंड पर दोपहर बाद यमुनानगर, इंद्री, लावा, गुमथला, गढ़ीबीरबल, मूनक व पानीपत के काउंटर पर यात्री बस का इंतजार करते रहे। ग्रामीण मार्गों पर जाने वाले यात्रियों को भी बस का इंतजार करना पड़ा। मूनक, कैथल, डबकौली व पानीपत मार्ग की चार बसें ब्रेकडाउन हुई। इस कारण बीच रास्ते से यात्रियों के लिए दूसरी बस भेजी गई। निजी बसें भी खचाखच भरकर चलीं। कई बसों की छत पर भी यात्रियों ने सवारी कर जोखिम भरा सफर किया। स्थानीय डिपो में 151 रोडवेज बसें हैं। जिनमें से 130 बसें मार्गों पर चलाई गई। किलोमीटर स्कीम के तहत आई पांच बसें भी मार्गों पर चल रही हैं। डिपो में बसों की संख्या कम होने से भी यात्रियों को दिक्कत हुई। कुछ बसें पुरानी होने के कारण ब्रेकडाउन हो जाती हैं। करीब 30 बसों की कोरोना काल में बैटरी डाउन होने के कारण सुबह चालक धक्का मारकर स्टार्ट करते हैं। काउंटर पर भी उन्हें स्टार्ट रखना पड़ता है।
इन रूटों पर चली बसें
करनाल से चंडीगढ़ 10 बसें चल रही हैं। मेरठ के लिए दो बस सुबह 6.40 बजे व 7.40 बजे, शामली मार्ग पर दस बसें, हिसार के लिए दो बसें सुबह छह बजे व साढ़े दस बजे, लुधियाना एक बस सुबह 6.30 बजे, जालंधर एक बस सुबह 7.30 बजे, पठानकोट एक बस सुबह 7.40 बजे, दिल्ली 14 बसें चलाई गईं। डिपो की देहरादून के लिए एक बस सुबह 7.20 बजे व हरिद्वार दो बसें सुबह 6.20 व दोपहर 2.20 बजे चलती हैं।
हर बस में खड़े होकर किया सफर
राष्ट्रीय राजमार्ग पर बलड़ी बाइपास के समीप स्थित नए बस स्टैंड पर भी यात्रियों की भीड़ रही। नए बस स्टैंड से शहर आने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। लगभग हर बस में सीटें फुल थीं। यात्री खड़े होकर सफर करते दिखाई दिए। यहां तक कि कुछ बसों की खिड़की में भी पांव रखने की जगह नहीं थी। नए बस स्टैंड पर रोज करीब 500 बसों का ठहराव होता है। यहां लंबी दूरी की बसें रुकती हैं। रात को दिल्ली, पंजाब, हिमाचल के अलावा गुड़गांव, नूंह, झज्जर की बसें पहुंचती हैं। सोमवार शाम सवा चार बजे तक 365 बसों का ठहराव हो चुका था। जबकि एक दिन पहले 440 बसों का ठहराव हुआ।
रोडवेज डिपो ड्यूटी इंस्पेक्टर रविशंकर का कहना है कि भैयादूज पर यात्रियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम रहे। कर्मचारियों ने मुस्तैदी से ड्यूटी दी। पूरे दिन निगरानी की गई। कर्मचारी बस स्टैंड पर डटे रहे ताकि यात्रियों को दिक्कत न हो।
भैयादूज पर सोमवार को परिवहन विभाग की व्यवस्था बेदम नजर आई। पुराना बस स्टैंड पर दोपहर बाद यमुनानगर, इंद्री, लावा, गुमथला, गढ़ीबीरबल, मूनक व पानीपत के काउंटर पर यात्री बस का इंतजार करते रहे। ग्रामीण मार्गों पर जाने वाले यात्रियों को भी बस का इंतजार करना पड़ा। मूनक, कैथल, डबकौली व पानीपत मार्ग की चार बसें ब्रेकडाउन हुई। इस कारण बीच रास्ते से यात्रियों के लिए दूसरी बस भेजी गई। निजी बसें भी खचाखच भरकर चलीं। कई बसों की छत पर भी यात्रियों ने सवारी कर जोखिम भरा सफर किया। स्थानीय डिपो में 151 रोडवेज बसें हैं। जिनमें से 130 बसें मार्गों पर चलाई गई। किलोमीटर स्कीम के तहत आई पांच बसें भी मार्गों पर चल रही हैं। डिपो में बसों की संख्या कम होने से भी यात्रियों को दिक्कत हुई। कुछ बसें पुरानी होने के कारण ब्रेकडाउन हो जाती हैं। करीब 30 बसों की कोरोना काल में बैटरी डाउन होने के कारण सुबह चालक धक्का मारकर स्टार्ट करते हैं। काउंटर पर भी उन्हें स्टार्ट रखना पड़ता है।
इन रूटों पर चली बसें
करनाल से चंडीगढ़ 10 बसें चल रही हैं। मेरठ के लिए दो बस सुबह 6.40 बजे व 7.40 बजे, शामली मार्ग पर दस बसें, हिसार के लिए दो बसें सुबह छह बजे व साढ़े दस बजे, लुधियाना एक बस सुबह 6.30 बजे, जालंधर एक बस सुबह 7.30 बजे, पठानकोट एक बस सुबह 7.40 बजे, दिल्ली 14 बसें चलाई गईं। डिपो की देहरादून के लिए एक बस सुबह 7.20 बजे व हरिद्वार दो बसें सुबह 6.20 व दोपहर 2.20 बजे चलती हैं।
हर बस में खड़े होकर किया सफर
राष्ट्रीय राजमार्ग पर बलड़ी बाइपास के समीप स्थित नए बस स्टैंड पर भी यात्रियों की भीड़ रही। नए बस स्टैंड से शहर आने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। लगभग हर बस में सीटें फुल थीं। यात्री खड़े होकर सफर करते दिखाई दिए। यहां तक कि कुछ बसों की खिड़की में भी पांव रखने की जगह नहीं थी। नए बस स्टैंड पर रोज करीब 500 बसों का ठहराव होता है। यहां लंबी दूरी की बसें रुकती हैं। रात को दिल्ली, पंजाब, हिमाचल के अलावा गुड़गांव, नूंह, झज्जर की बसें पहुंचती हैं। सोमवार शाम सवा चार बजे तक 365 बसों का ठहराव हो चुका था। जबकि एक दिन पहले 440 बसों का ठहराव हुआ।
रोडवेज डिपो ड्यूटी इंस्पेक्टर रविशंकर का कहना है कि भैयादूज पर यात्रियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम रहे। कर्मचारियों ने मुस्तैदी से ड्यूटी दी। पूरे दिन निगरानी की गई। कर्मचारी बस स्टैंड पर डटे रहे ताकि यात्रियों को दिक्कत न हो।