कोरोना काल के चलते प्रदेश सरकार को दोगुने वेतन पर भी डाक्टर नहीं मिल रहे हैं। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज ने चार अलग-अलग विभागों में चार-चार डाक्टरों के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन केवल मेडिसन विभाग में ही तीन आवेदन आये, जबकि तीन अन्य विभागों में एक भी आवेदन नहीं मिले। मार्च माह से ही प्रदेश और देश में कोरोना के केस बढ़ने लगे थे। इसके बाद तेजी से कोरोना का संक्रमण फैला तो डाक्टर और स्टाफ सदस्य भी संक्रमित होने लगे। स्थिति को देखते हुए कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज प्रबंधन ने प्रदेश सरकार से चार विभागों में डाक्टरों के पद बढ़ाने की अपील की थी।
इस पर कालेज प्रबंधन की ओर से सितंबर माह में एनेस्थीसिया, जनरल मेडिसिन, छाती रोग विभाग और पलमनरी विभाग आईसीयू के स्पेशलिस्ट के लिए चार-चार पदों पर आवेदन मांगे गए थे। इसके लिए सीधे साक्षात्कार रखे गए थे। साथ ही वेतन भी दोगुना रखा गया। सामान्य तौर पर डाक्टर को एक लाख रुपये प्रति माह वेतन दिया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते इन पदों के लिए वेतन दो लाख रुपये प्रति माह रखा गया है। इसके बावजूद मेडिसन विभाग में तीन आवेदन आये, शेष किसी भी पद पर आवेदन नहीं आया। जबकि तीनों चारों विभाग महत्वपूर्ण हैं और कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए इनसे संबंधित विभागों के विशेषज्ञों की जरूरत होती है।
कोरोना है कारण नहीं, या वेतन कम!
मेडिकल लाइन से जुड़े लोग बताते हैं कि इसके पीछे कारण या तो कोरोना हो सकता है या फिर वेतन कम होना। विशेषज्ञ बताते हैं कि क्योंकि करनाल में मात्र दो निजी अस्पतालों में ही कोरोना के मरीजों को दाखिल किया जा रहा है, अन्य अस्पताल कोविड के मरीजों को नहीं ले रहे हैं। इसलिए निजी अस्पतालों से सरकारी में आने से डाक्टर हिचकिचा रहे हैं, क्योंकि यहां पर कोरोना के मरीजों का इलाज करना होगा, जबकि निजी अस्पताल में ऐसा नहीं है। दूसरा, बड़े अस्पतालों में इन चार विभागों से संबंधित डाक्टरों को दो लाख रुपये से ज्यादा वेतन मिल रहा है, इसलिए वे सरकारी नौकरी की तरफ नहीं देख रहे।
दोबारा से मांगे जाएंगे आवेदन : डा. दुरेजा
कल्पना चावला मेडिकल कालेज के निदेशक डा. जेसी दुरेजा का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए ही चार विभागों में चार-चार विशेषज्ञों के लिए आवेदन मांगे गए थे, केवल मेडिसन में ही तीन डाक्टर आये हैं। डाक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए अब दोबारा से आवेदन मांगे जाएंगे। संभावना है कि इस बार सीटों को भर लिया जाएगा।
कोरोना काल के चलते प्रदेश सरकार को दोगुने वेतन पर भी डाक्टर नहीं मिल रहे हैं। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज ने चार अलग-अलग विभागों में चार-चार डाक्टरों के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन केवल मेडिसन विभाग में ही तीन आवेदन आये, जबकि तीन अन्य विभागों में एक भी आवेदन नहीं मिले। मार्च माह से ही प्रदेश और देश में कोरोना के केस बढ़ने लगे थे। इसके बाद तेजी से कोरोना का संक्रमण फैला तो डाक्टर और स्टाफ सदस्य भी संक्रमित होने लगे। स्थिति को देखते हुए कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज प्रबंधन ने प्रदेश सरकार से चार विभागों में डाक्टरों के पद बढ़ाने की अपील की थी।
इस पर कालेज प्रबंधन की ओर से सितंबर माह में एनेस्थीसिया, जनरल मेडिसिन, छाती रोग विभाग और पलमनरी विभाग आईसीयू के स्पेशलिस्ट के लिए चार-चार पदों पर आवेदन मांगे गए थे। इसके लिए सीधे साक्षात्कार रखे गए थे। साथ ही वेतन भी दोगुना रखा गया। सामान्य तौर पर डाक्टर को एक लाख रुपये प्रति माह वेतन दिया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते इन पदों के लिए वेतन दो लाख रुपये प्रति माह रखा गया है। इसके बावजूद मेडिसन विभाग में तीन आवेदन आये, शेष किसी भी पद पर आवेदन नहीं आया। जबकि तीनों चारों विभाग महत्वपूर्ण हैं और कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए इनसे संबंधित विभागों के विशेषज्ञों की जरूरत होती है।
कोरोना है कारण नहीं, या वेतन कम!
मेडिकल लाइन से जुड़े लोग बताते हैं कि इसके पीछे कारण या तो कोरोना हो सकता है या फिर वेतन कम होना। विशेषज्ञ बताते हैं कि क्योंकि करनाल में मात्र दो निजी अस्पतालों में ही कोरोना के मरीजों को दाखिल किया जा रहा है, अन्य अस्पताल कोविड के मरीजों को नहीं ले रहे हैं। इसलिए निजी अस्पतालों से सरकारी में आने से डाक्टर हिचकिचा रहे हैं, क्योंकि यहां पर कोरोना के मरीजों का इलाज करना होगा, जबकि निजी अस्पताल में ऐसा नहीं है। दूसरा, बड़े अस्पतालों में इन चार विभागों से संबंधित डाक्टरों को दो लाख रुपये से ज्यादा वेतन मिल रहा है, इसलिए वे सरकारी नौकरी की तरफ नहीं देख रहे।
दोबारा से मांगे जाएंगे आवेदन : डा. दुरेजा
कल्पना चावला मेडिकल कालेज के निदेशक डा. जेसी दुरेजा का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए ही चार विभागों में चार-चार विशेषज्ञों के लिए आवेदन मांगे गए थे, केवल मेडिसन में ही तीन डाक्टर आये हैं। डाक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए अब दोबारा से आवेदन मांगे जाएंगे। संभावना है कि इस बार सीटों को भर लिया जाएगा।