तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी देने, किसान का पूरा कर्ज माफ करने, बिजली बिल 2020 को रद् करने आदि मांगों को लेकर भाकियू समेत विभिन्न किसान संगठनों द्वारा पांच नवंबर को राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के आह्वान को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है। किसान संगठनों ने जहां दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक सभी प्रमुख मार्गों पर यातायात ठप करने की तैयारियां की तो पुलिस ने कई किसान नेताओं को राडार पर लेकर उन्हें शांति बनाए रखने, हाइवे जाम न करने संबंधी न्यायिक नोटिस भी दिए हैं वहीं बुधवार रात नेताओं की गिरफ्तारी भी की जा सकती है।
देश के कई किसान संगठनों ने पिछले दिनों दिल्ली में बैठक कर पांच नवंबर को देशभर में सभी प्रमुख मार्गों पर जाम लगाने का ऐलान किया था। हालांकि किसी किसान संगठन ने रेल या रोडवेज बसें रोकने आदि का ऐलान नहीं किया है इसके बावजूद पुलिस प्रशासन इन स्थलों पर भी सतर्कता बरत रहा है। अन्नदाता भाकियू के प्रमुख गुरमुख सिंह विर्क ने बताया कि बुधवार सुबह ही कई पुलिस कर्मी पहुंच गए। न्यायालय से जारी हाइवे आदि जाम न करने की हिदायतों से संबंधित नोटिस दिखाया। हालांकि वह मौजूद नहीं थे इसलिए नोटिस को रिसीव नहीं किया जा सका। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी का प्रयास भी किया। उन्होंने आशंका जताई कि रात को फिर यूनियन के कई नेताओं को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है, हालांकि नेताओं की निगरानी आज से शुरू करा दी है।
-कानून व्यवस्था के साथ किसी को भी खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। ऐसा किया तो सख्ती से निपटा जाएगा। किसानों को आंदोलन करना है तो शांतिपूर्वक लोकतांत्रिक तरीके से करें। नेशनल हाइवे को जाम नहीं करने दिया जाएगा। अन्य मार्गों पर जाम लगाया तो रूट डायवर्ट करने की भी व्यवस्था है। व्यवस्था बनाए रखने को छह कंपनियों को लगाया गया है। इसके अतिरिक्त 120 पुलिस कर्मियों को रोडजाम के प्रस्तावित स्थलों व यातायात सुचारू रखने के लिए लगाया है। प्रशासन ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी तैनात किए हैं। स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
-गंगाराम पूनिया, पुलिस अधीक्षक करनाल
जिले में जीटी रोड पर कुरुक्षेत्र सीमा से कुछ पहले ही रायपुर गांव के पास समेत कई स्थानों पर जाम लगेगा। इसके अलावा रोहतक, कैथल, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद आदि कई जिलों में रोडजाम कर मांगों के समर्थन में आंदोलन किया जाएगा। सभी किसानों से शांतिपूर्ण माहौल में रोड जाम करने का आह्वान किया है। किसान मांगों को मनवा कर रहेंगे।
-गुरनाम सिंह चढूनी, प्रदेशाध्यक्ष भाकियू हरियाणा।
-किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए चार घंटे अधिकांश सभी प्रमुख मार्गों पर जाम लगाया जाएगा। असंध के श्रवण चौक, जलमाना, करनाल आदि कई जगहों पर किसान रोडजाम कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। पुलिस प्रशासन लगातार किसान नेताओं से संपर्क कर रहा है। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन के जरिये से सरकार का ध्यानाकर्षण करने का आह्वान किया है।
-गुरमुख सिंह विर्क, राष्ट्रीय अध्यक्ष अन्नदाता भाकियू
डिपो की पांच बसें तैयार
-किसानों के प्रदर्शन के चलते एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने करनाल डिपो की पांच बसें बुधवार को तैयार कर ली ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। सुबह आठ बजे ये बसें निर्धारित स्थल पर पहुंच जाएंगी। इनके चालकों को सूचित कर दिया है ताकि वह समय से पहुंचें।
जीआरपी ने बढ़ाई सतर्कता
किसान आंदोलन के चलते जीआरपी ने रेलवे की सुरक्षा पर जोर दे दिया। जीआरपी थाना प्रभारी ताराचंद ने टीम के साथ थाना अधीन क्षेत्र में निरीक्षण किया और कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए। दिन-रात जीआरपी कर्मचारी रेलवे स्टेशनों व ट्रैक पर नजर रख रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट का जिम्मा लग चुका है। थाना प्रभारी ताराचंद का कहना है कि जीआरपी अलर्ट है और किसान आंदोलन पर नजर रखी जाएगी। तमाम सुरक्षा बंदोबस्त पुख्ता हैं।
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी देने, किसान का पूरा कर्ज माफ करने, बिजली बिल 2020 को रद् करने आदि मांगों को लेकर भाकियू समेत विभिन्न किसान संगठनों द्वारा पांच नवंबर को राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के आह्वान को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है। किसान संगठनों ने जहां दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक सभी प्रमुख मार्गों पर यातायात ठप करने की तैयारियां की तो पुलिस ने कई किसान नेताओं को राडार पर लेकर उन्हें शांति बनाए रखने, हाइवे जाम न करने संबंधी न्यायिक नोटिस भी दिए हैं वहीं बुधवार रात नेताओं की गिरफ्तारी भी की जा सकती है।
देश के कई किसान संगठनों ने पिछले दिनों दिल्ली में बैठक कर पांच नवंबर को देशभर में सभी प्रमुख मार्गों पर जाम लगाने का ऐलान किया था। हालांकि किसी किसान संगठन ने रेल या रोडवेज बसें रोकने आदि का ऐलान नहीं किया है इसके बावजूद पुलिस प्रशासन इन स्थलों पर भी सतर्कता बरत रहा है। अन्नदाता भाकियू के प्रमुख गुरमुख सिंह विर्क ने बताया कि बुधवार सुबह ही कई पुलिस कर्मी पहुंच गए। न्यायालय से जारी हाइवे आदि जाम न करने की हिदायतों से संबंधित नोटिस दिखाया। हालांकि वह मौजूद नहीं थे इसलिए नोटिस को रिसीव नहीं किया जा सका। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी का प्रयास भी किया। उन्होंने आशंका जताई कि रात को फिर यूनियन के कई नेताओं को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है, हालांकि नेताओं की निगरानी आज से शुरू करा दी है।
-कानून व्यवस्था के साथ किसी को भी खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। ऐसा किया तो सख्ती से निपटा जाएगा। किसानों को आंदोलन करना है तो शांतिपूर्वक लोकतांत्रिक तरीके से करें। नेशनल हाइवे को जाम नहीं करने दिया जाएगा। अन्य मार्गों पर जाम लगाया तो रूट डायवर्ट करने की भी व्यवस्था है। व्यवस्था बनाए रखने को छह कंपनियों को लगाया गया है। इसके अतिरिक्त 120 पुलिस कर्मियों को रोडजाम के प्रस्तावित स्थलों व यातायात सुचारू रखने के लिए लगाया है। प्रशासन ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी तैनात किए हैं। स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
-गंगाराम पूनिया, पुलिस अधीक्षक करनाल
जिले में जीटी रोड पर कुरुक्षेत्र सीमा से कुछ पहले ही रायपुर गांव के पास समेत कई स्थानों पर जाम लगेगा। इसके अलावा रोहतक, कैथल, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद आदि कई जिलों में रोडजाम कर मांगों के समर्थन में आंदोलन किया जाएगा। सभी किसानों से शांतिपूर्ण माहौल में रोड जाम करने का आह्वान किया है। किसान मांगों को मनवा कर रहेंगे।
-गुरनाम सिंह चढूनी, प्रदेशाध्यक्ष भाकियू हरियाणा।
-किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए चार घंटे अधिकांश सभी प्रमुख मार्गों पर जाम लगाया जाएगा। असंध के श्रवण चौक, जलमाना, करनाल आदि कई जगहों पर किसान रोडजाम कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। पुलिस प्रशासन लगातार किसान नेताओं से संपर्क कर रहा है। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन के जरिये से सरकार का ध्यानाकर्षण करने का आह्वान किया है।
-गुरमुख सिंह विर्क, राष्ट्रीय अध्यक्ष अन्नदाता भाकियू
डिपो की पांच बसें तैयार
-किसानों के प्रदर्शन के चलते एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने करनाल डिपो की पांच बसें बुधवार को तैयार कर ली ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। सुबह आठ बजे ये बसें निर्धारित स्थल पर पहुंच जाएंगी। इनके चालकों को सूचित कर दिया है ताकि वह समय से पहुंचें।
जीआरपी ने बढ़ाई सतर्कता
किसान आंदोलन के चलते जीआरपी ने रेलवे की सुरक्षा पर जोर दे दिया। जीआरपी थाना प्रभारी ताराचंद ने टीम के साथ थाना अधीन क्षेत्र में निरीक्षण किया और कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए। दिन-रात जीआरपी कर्मचारी रेलवे स्टेशनों व ट्रैक पर नजर रख रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट का जिम्मा लग चुका है। थाना प्रभारी ताराचंद का कहना है कि जीआरपी अलर्ट है और किसान आंदोलन पर नजर रखी जाएगी। तमाम सुरक्षा बंदोबस्त पुख्ता हैं।