दिल्ली में चल रहे किसानों के धरने में पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंजाब के किसानों का तांता लगा हुआ है। हर घंटे करीब 100 वाहन यहां से गुजर रहे हैं। दिल्ली से वापसी पंजाब की ओर भी ट्रैक्टर-ट्रालियों में किसान लौट रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओएसिस पर्यटन केंद्र के समीप स्थानीय किसानों ने आंदोलनकारी किसानों के लिए अटूट लंगर चलाया हुआ है। पिछले पांच दिन से यहां लगातार भोजन व चाय-पानी की सेवा चल रही है। धरने से लौटने वाले किसान यहां कुछ देर भोजन-पानी ग्रहण कर पंजाब और दिल्ली की ओर रवाना हो रहे हैं।
कुराली गांव के किसानों ने यह व्यवस्था पहले अपने गांव के समीप इंद्री स्टेट हाइवे पर की थी। उसके बाद जीटी रोड पर भोजन की व्यवस्था की। उसके बाद दरड़, सलारू व अन्य गांवों के किसानों ने इस सेवा कार्य में सहयोग किया है। यहां सुबह पांच बजे से चाय शुरू हो जाती है। वहीं दिन में करीब छह से सात हजार लोग भोजन करते हैं। प्रतिदिन पांच से सात क्विंटल तक दूध किसानों द्वारा एकत्रित करके यहां भेजा जा रहा है। कुराली के किसानों ने कहा कि जब तक दिल्ली में आंदोलन चलेगा, तब तक यह लंगर टूटने नहीं दिया जाएगा। सेवादारों ने कहा कि यह व्यवस्था न केवल किसानों के लिए बल्कि आम यात्री कोई भी यहां किसानों के लंगर में खाना ले सकता है। रात के दस बजे तक भोजन उपलब्ध है। लंगर व्यवस्था में सेवादारों में उत्साह देखने लायक है। पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी लंगर सेवा में जुटी हुईं हैं।
दिल्ली में चल रहे किसानों के धरने में पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंजाब के किसानों का तांता लगा हुआ है। हर घंटे करीब 100 वाहन यहां से गुजर रहे हैं। दिल्ली से वापसी पंजाब की ओर भी ट्रैक्टर-ट्रालियों में किसान लौट रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओएसिस पर्यटन केंद्र के समीप स्थानीय किसानों ने आंदोलनकारी किसानों के लिए अटूट लंगर चलाया हुआ है। पिछले पांच दिन से यहां लगातार भोजन व चाय-पानी की सेवा चल रही है। धरने से लौटने वाले किसान यहां कुछ देर भोजन-पानी ग्रहण कर पंजाब और दिल्ली की ओर रवाना हो रहे हैं।
कुराली गांव के किसानों ने यह व्यवस्था पहले अपने गांव के समीप इंद्री स्टेट हाइवे पर की थी। उसके बाद जीटी रोड पर भोजन की व्यवस्था की। उसके बाद दरड़, सलारू व अन्य गांवों के किसानों ने इस सेवा कार्य में सहयोग किया है। यहां सुबह पांच बजे से चाय शुरू हो जाती है। वहीं दिन में करीब छह से सात हजार लोग भोजन करते हैं। प्रतिदिन पांच से सात क्विंटल तक दूध किसानों द्वारा एकत्रित करके यहां भेजा जा रहा है। कुराली के किसानों ने कहा कि जब तक दिल्ली में आंदोलन चलेगा, तब तक यह लंगर टूटने नहीं दिया जाएगा। सेवादारों ने कहा कि यह व्यवस्था न केवल किसानों के लिए बल्कि आम यात्री कोई भी यहां किसानों के लंगर में खाना ले सकता है। रात के दस बजे तक भोजन उपलब्ध है। लंगर व्यवस्था में सेवादारों में उत्साह देखने लायक है। पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी लंगर सेवा में जुटी हुईं हैं।