देव शर्मा
करनाल। दिल्ली इंडिया ट्रेड सेंटर है, दिल्ली से कनेक्टिविटी प्रभावित हुई तो नगरों से लेकर गांवों तक की बाजारों के साथ बहुत कुछ प्रभावित होने लगा है। खासकर इन दिनों शादियों का मौसम है। बाजारों में किराने से लेकर कपड़ों की जबरदस्त खरीदारी हो रही है, लेकिन किसान आंदोलन के कारण दिल्ली से आवाजाही ठहरी तो दालें और मसालों से लेकर रेडीमेड कपड़ों, साड़ियों यानी शादी ब्याह का सामान भी आना कम हो गया है। वहीं शादियों का बजट भी अधिक हो गया है। इसके साथ ही कई वस्तुओं की कमी हो गई है, जिससे बाजारों को करोड़ों रुपये की रोजाना चपत लग रही है।
दिसंबर में शादियों के शुभ मुहूर्त हैं। जिनके लिए इन दिनों बाजारों में जबरदस्त खरीदारी हो रही है। शादियां हैं तो दावतें होना स्वाभाविक ही है। इनमें किरयाना का सामान भी थोक के भाव चाहिए होता है, इसके लिए चाहे तो मैरिज हाल, बैंक्वेट हाल वाले खरीदें या फिर शादियों में लगे हलवाई, खाना बनाने वाले कारीगर, जो बजट पहले तैयार करके दूल्हा दुल्हन के परिजनों को बताया गया था, अब वह पहले की अपेक्षा करीब 10 से 20 प्रतिशत महंगा हो चुका है।
किसान आंदोलन के कारण दालें, मसाले, जूता चप्पलों का रॉ मैटेरियल, स्कूल बैग फैक्टरियों का रॉ मैटेरियल, कपडे़, विशेषकर दिल्ली चांदनी चौक से आने वाला शादी ब्याह का शूट, साड़ियां, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री आदि शादी ब्याह का सामान नहीं आ पा रहा है। बुकिंग पहले की है, लेकिन डिलीवरी नहीं हो रही है।
-अमित खुराना, प्रधान गुड़ मंडी एसोसिएशन करनाल।
सरकार को किसानों की मांगों को मानकर शीघ्रता से आंदोलन खत्म कराकर आवागमन को सुगम बनाना चाहिए, क्योंकि इन दिनों शादियों का सीजन है, बाजारों में बंपर खरीदारी हो रही है, लेकिन सामान नहीं आने से ग्राहकों की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। रेडीमेड कपड़े, साड़िया आदि महंगे हो चुके हैं।
-रवि चानना, जिला प्रधान करनाल रेडीमेड गारमेंट्स एसोसिएशन।
सर्दियों में गजक का बड़ा कारोबार होता है, लेकिन तिल के भाव इन छह दिनों में ही 120 से 140 रुपये प्रति किलो हो गए हैं, इसी तरह अन्य वस्तुओं पर भी महंगाई आने लगी है। सरकार को इसका जल्द कोई समाधान निकालना चाहिए। ब्याह बारातों का बजट बढ़ने लगा है।
-अनुज जायसवाल, प्रदेश महासचिव उद्योग व्यापार संगठन हरियाणा।
होटल इंडस्ट्री भी प्रभावित हो रही है, क्योंकि भोजन तैयार करने की सभी वस्तुएं यानी आटा चावल दाल तेल आदि सभी कुछ महंगा होने लगा है। सबसे खास बात यह है कि माल की कमी होने लगी है। जिनके पास स्टाक है वह महंगा बेचने लगे हैं।
-विशाल गर्ग, प्रधान, उद्योग व्यापार संगठन करनाल।