जिले के कुछ प्राइवेट पुस्तकालय प्रशासन की अनुमति से खोले जा चुके हैं, लेकिन जिला पुस्तकालय को अभी तक खोला नहीं गया है। नौ महीनों से लाइब्रेरी बंद पड़ी है, जिससे छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने प्रशासन से जल्द जिला पुस्तकालय खोलने की गुहार लगाई है।
जिला पुस्तकालय में कोरोना काल से पहले लगभग 500 से 700 युवा प्रति दिन पढ़ने के लिए आते थे। अधिकतर स्टूडेंट्स यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते थे। इसके न खुलने से अब उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे जल्द से जल्द पुस्तकालय खुलने के इंतजार में हैं। बता दें कि कोरोना काल में जिला पुस्तकालय को और भी संवारा गया है। स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए कंप्यूटर लगवाए गए हैं। जिले में कुछ प्राइवेट पुस्तकालयों को पहले से ही प्रशासन की अनुमति के साथ खोला जा चुका है। इसमें गोल्ड लाइब्रेरी, पब्लिक लाइब्रेरी, बाल भवन ई-लाइब्रेरी शामिल हैं, जहां छात्र-छात्राओं ने पढ़ने के लिए आना भी शुरू कर दिया है। इनमें आने वाले सभी छात्र-छात्राओं के लिए कोविड-19 के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
- जिला पुस्तकालय नहीं खोला जा रहा है क्योंकि अभी तक प्रशासन की ओर से इसेे खोलने के आदेश नहीं मिले। स्टूडेंट्स को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। उम्मीद है कि जल्द ही यह खोला जाएगा। कोरोना काल में लाइब्रेरी की अधिक मेंटेनेंस कराई गई है। पढ़ाई के लिए कंप्यूटर सेटअप किए गए हैं। स्टूडेंट्स लाइब्रेरी आना चाहते हैं, यह विषय प्रशासन के आगे फिर से रखा जाएगा। अनुराधा पुनिया, गवर्नमेंट वुमन कॉलेज प्रिंसिपल एवं जिला पुस्तकालय इंचार्ज
- मैं 2018 से जिला पुस्तकालय में पढ़ने के लिए जाता था। जॉब के साथ-साथ पढ़ने के लिए पुस्तकालय में दो से तीन घंटे मिल जाते थे, लेकिन इस वर्ष पढ़ाई करने में बहुत परेशानी आ रही है। उम्मीद करते हैं कि पुस्तकालय जल्द खुुलेगा।
कॉलेज छात्र, शुभम
जिला पुस्तकालय की फीस कम है, इसलिए स्टूडेंट्स के बजट में भी है और वे यहां आसानी से पढ़ पाते हैं। यहां पहले हर रोज 500 स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए आते थे। लाइब्रेरी न खुलने से हम रूटीन की पढ़ाई शुरू नहीं कर पा रहे।
- कॉलेज छात्र, विशाल
जिला पुस्तकालय में केवल 100 रुपये का पास बनता है। यहां हर प्रतियोगी परीक्षा की किताबें हैं। स्टूडेंट्स को नोट्स और किताबों पर अलग से खर्च नहीं करना पड़ता, इसलिए युवा जिला पुस्तकालय खुलने की प्रतीक्षा में हैं।
- कॉलेज छात्र, प्रिंस
पंचायत भवन ई-लाइब्रेरी -
जिला प्रशासन की ओर से पंचायत भवन ई-लाइब्रेरी की देखरेख जिला बाल कल्याण परिषद करता है। स्टूडेंट्स की डिमांड पर लाइब्रेरी को दो नवंबर से ही खोला जा चुका है। इसके लिए हमने जिला प्रशासन की अनुमति भी ली है। कोविड-19 के मद्देनजर पाठकों के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं। लाइब्रेरी का समय सुबह 9:30 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक और दोपहर 02:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक है। एक शिफ्ट में केवल 50 प्रतिशत पाठकों को ही पढ़ने की अनुमति है। मास्क और सैनिटाइजेशन के बिना लाइब्रेरी में आने की अनुमति नहीं है।
- विश्वास मलिक: जिला बाल कल्याण अधिकारी, पंचायत भवन ई-लाइब्रेरी
गोल्ड लाइब्रेरी -
महिला आश्रम कांप्लेक्स में स्थित गोेल्ड लाइब्रेरी को 14 दिसंबर से खोला जा चुका है। यहां कई टीचर आते हैं और शांति से बैठकर बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं लगाते हैं। इसके अलावा यहां पर कॉलेज छात्र भी आ रहे हैं जोे कि शांति से बैठकर पढ़ते हैं। ये लाइब्रेरी हर उम्र के लोगों के लिए है।
- लाइब्रेरियन कुलिंदर, गोल्ड लाइब्रेरी
जिले के कुछ प्राइवेट पुस्तकालय प्रशासन की अनुमति से खोले जा चुके हैं, लेकिन जिला पुस्तकालय को अभी तक खोला नहीं गया है। नौ महीनों से लाइब्रेरी बंद पड़ी है, जिससे छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने प्रशासन से जल्द जिला पुस्तकालय खोलने की गुहार लगाई है।
जिला पुस्तकालय में कोरोना काल से पहले लगभग 500 से 700 युवा प्रति दिन पढ़ने के लिए आते थे। अधिकतर स्टूडेंट्स यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते थे। इसके न खुलने से अब उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे जल्द से जल्द पुस्तकालय खुलने के इंतजार में हैं। बता दें कि कोरोना काल में जिला पुस्तकालय को और भी संवारा गया है। स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए कंप्यूटर लगवाए गए हैं। जिले में कुछ प्राइवेट पुस्तकालयों को पहले से ही प्रशासन की अनुमति के साथ खोला जा चुका है। इसमें गोल्ड लाइब्रेरी, पब्लिक लाइब्रेरी, बाल भवन ई-लाइब्रेरी शामिल हैं, जहां छात्र-छात्राओं ने पढ़ने के लिए आना भी शुरू कर दिया है। इनमें आने वाले सभी छात्र-छात्राओं के लिए कोविड-19 के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
- जिला पुस्तकालय नहीं खोला जा रहा है क्योंकि अभी तक प्रशासन की ओर से इसेे खोलने के आदेश नहीं मिले। स्टूडेंट्स को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। उम्मीद है कि जल्द ही यह खोला जाएगा। कोरोना काल में लाइब्रेरी की अधिक मेंटेनेंस कराई गई है। पढ़ाई के लिए कंप्यूटर सेटअप किए गए हैं। स्टूडेंट्स लाइब्रेरी आना चाहते हैं, यह विषय प्रशासन के आगे फिर से रखा जाएगा। अनुराधा पुनिया, गवर्नमेंट वुमन कॉलेज प्रिंसिपल एवं जिला पुस्तकालय इंचार्ज
- मैं 2018 से जिला पुस्तकालय में पढ़ने के लिए जाता था। जॉब के साथ-साथ पढ़ने के लिए पुस्तकालय में दो से तीन घंटे मिल जाते थे, लेकिन इस वर्ष पढ़ाई करने में बहुत परेशानी आ रही है। उम्मीद करते हैं कि पुस्तकालय जल्द खुुलेगा।
कॉलेज छात्र, शुभम
जिला पुस्तकालय की फीस कम है, इसलिए स्टूडेंट्स के बजट में भी है और वे यहां आसानी से पढ़ पाते हैं। यहां पहले हर रोज 500 स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए आते थे। लाइब्रेरी न खुलने से हम रूटीन की पढ़ाई शुरू नहीं कर पा रहे।
- कॉलेज छात्र, विशाल
जिला पुस्तकालय में केवल 100 रुपये का पास बनता है। यहां हर प्रतियोगी परीक्षा की किताबें हैं। स्टूडेंट्स को नोट्स और किताबों पर अलग से खर्च नहीं करना पड़ता, इसलिए युवा जिला पुस्तकालय खुलने की प्रतीक्षा में हैं।
- कॉलेज छात्र, प्रिंस
पंचायत भवन ई-लाइब्रेरी -
जिला प्रशासन की ओर से पंचायत भवन ई-लाइब्रेरी की देखरेख जिला बाल कल्याण परिषद करता है। स्टूडेंट्स की डिमांड पर लाइब्रेरी को दो नवंबर से ही खोला जा चुका है। इसके लिए हमने जिला प्रशासन की अनुमति भी ली है। कोविड-19 के मद्देनजर पाठकों के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं। लाइब्रेरी का समय सुबह 9:30 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक और दोपहर 02:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक है। एक शिफ्ट में केवल 50 प्रतिशत पाठकों को ही पढ़ने की अनुमति है। मास्क और सैनिटाइजेशन के बिना लाइब्रेरी में आने की अनुमति नहीं है।
- विश्वास मलिक: जिला बाल कल्याण अधिकारी, पंचायत भवन ई-लाइब्रेरी
गोल्ड लाइब्रेरी -
महिला आश्रम कांप्लेक्स में स्थित गोेल्ड लाइब्रेरी को 14 दिसंबर से खोला जा चुका है। यहां कई टीचर आते हैं और शांति से बैठकर बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं लगाते हैं। इसके अलावा यहां पर कॉलेज छात्र भी आ रहे हैं जोे कि शांति से बैठकर पढ़ते हैं। ये लाइब्रेरी हर उम्र के लोगों के लिए है।
- लाइब्रेरियन कुलिंदर, गोल्ड लाइब्रेरी