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गर्भ में लिंग जांच कराने वाली एक आशा वर्कर को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। वहीं लिंग जांच कराने वाला मुख्य दलाल करीब 17 हजार रुपये लेकर फरार हो गया है। इन आरोपियों ने शहर के टैगोर अस्पताल में नकली गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड कराया था। इस एवज में 25 हजार रुपये लिये थे। फिलहाल विभाग की टीम ने सिविल लाइन थाना में आशा वर्कर व दलाल विक्रम के खिलाफ शिकायत दे दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, दूसरी ओर टैगोर अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन को भी स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया है और उसके दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिये हैं। बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग ने बीते 2 महीनों में तीन मामलों में सफल रेड कर आरोपियों को पकड़ा है।
सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे का अवैध रूप से लिंग जांच करवाने वालो की एक गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के बाद 11 जनवरी को रेड की एक प्लानिंग की गई और डिप्टी सीएमओ व पीएनडीटी तथा परिवार कल्याण के नोडल डॉ. नरेश करडवाल, डॉ. नीरू एसएमओ, एमओ डॉ. संजीव चांदना, प्रोजेक्टनिष्ट विक्रम सिंह, लिपिक सुलेख कुमार, राहुल व सुभाष सगवाल की टीम गठित की गई। इसके बाद एक नकली गर्भवती महिला को विक्रम नाम के दलाल और आशा वर्कर किरण रसूलपुर निवासी से अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए मिलवाया। अल्ट्रासाउंड में नकली गर्भवती महिला को उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग लड़की बताया।
डॉ. नरेश करड़वाल ने बताया कि टीम ने आशा वर्कर व गर्भवती महिला का पीछा किया गया और उन्हें नागरिक अस्पताल चौक पर रंगे हाथों पकड़ लिया। इस मामले में गर्भ में पल रहे बच्चे की लिंग जांच करवाने के लिए 25 हजार रुपये में सौदा तय किया गया था, जिसमें से कथित दलाल ने 8 हजार रुपये किरण को दिए। टीम द्वारा किरण को पकड़े जाने पर उससे 8 हजार रुपये बरामद कर लिये हैं। डॉ. करड़वाल ने बताया कि किरण से जब पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि नकली गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड शहर के सेक्टर-14 स्थित टैगोर अस्पताल में करवाया था। इस पर विभाग की टीम गर्भवती महिला व किरण को लेकर टैगोर अस्पताल गई और वहां अल्ट्रासाउंड रिकॉर्ड का निरीक्षण किया।
गर्भ में लिंग जांच कराने वाली एक आशा वर्कर को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। वहीं लिंग जांच कराने वाला मुख्य दलाल करीब 17 हजार रुपये लेकर फरार हो गया है। इन आरोपियों ने शहर के टैगोर अस्पताल में नकली गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड कराया था। इस एवज में 25 हजार रुपये लिये थे। फिलहाल विभाग की टीम ने सिविल लाइन थाना में आशा वर्कर व दलाल विक्रम के खिलाफ शिकायत दे दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, दूसरी ओर टैगोर अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन को भी स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया है और उसके दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिये हैं। बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग ने बीते 2 महीनों में तीन मामलों में सफल रेड कर आरोपियों को पकड़ा है।
सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे का अवैध रूप से लिंग जांच करवाने वालो की एक गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के बाद 11 जनवरी को रेड की एक प्लानिंग की गई और डिप्टी सीएमओ व पीएनडीटी तथा परिवार कल्याण के नोडल डॉ. नरेश करडवाल, डॉ. नीरू एसएमओ, एमओ डॉ. संजीव चांदना, प्रोजेक्टनिष्ट विक्रम सिंह, लिपिक सुलेख कुमार, राहुल व सुभाष सगवाल की टीम गठित की गई। इसके बाद एक नकली गर्भवती महिला को विक्रम नाम के दलाल और आशा वर्कर किरण रसूलपुर निवासी से अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए मिलवाया। अल्ट्रासाउंड में नकली गर्भवती महिला को उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग लड़की बताया।
डॉ. नरेश करड़वाल ने बताया कि टीम ने आशा वर्कर व गर्भवती महिला का पीछा किया गया और उन्हें नागरिक अस्पताल चौक पर रंगे हाथों पकड़ लिया। इस मामले में गर्भ में पल रहे बच्चे की लिंग जांच करवाने के लिए 25 हजार रुपये में सौदा तय किया गया था, जिसमें से कथित दलाल ने 8 हजार रुपये किरण को दिए। टीम द्वारा किरण को पकड़े जाने पर उससे 8 हजार रुपये बरामद कर लिये हैं। डॉ. करड़वाल ने बताया कि किरण से जब पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि नकली गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड शहर के सेक्टर-14 स्थित टैगोर अस्पताल में करवाया था। इस पर विभाग की टीम गर्भवती महिला व किरण को लेकर टैगोर अस्पताल गई और वहां अल्ट्रासाउंड रिकॉर्ड का निरीक्षण किया।