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पूंडरी। ई-लीफ तकनीक किसानों के लिए कृषि कार्यों में वरदान साबित होगी। इस तकनीक में सेटेलाइट के माध्यम से एक निश्चित भूखंड के बारे में आंकड़े इकट्ठे किए जाएंगे। इसके बाद इन आंकड़ों का विश्लेषण कर किसानों को उनकी समस्याओं का समाधान बताया जाएगा। इसी उद्देश्य को लेकर विश्व बैंक एवं नीदरलैंड से विशेषज्ञों की टीम ने पूंडरी के कई गांवों का दौरा किया और किसानों को इस बारे में जानकारी दी।
विश्व बैंक एवं विशेषज्ञों की टीम ने इस संदर्भ में जिला के गांव रसीना, हजवाणा, जांबा एवं साकरा का दौरा किया।
यह है ई-लीफ तकनीक
एक एक्सपोर्ट संस्थान के कार्यकारी निदेशक नरेंद्र सिंह, कृषि विकास अधिकारी मार्केटिंग डा. जसबीर सहित विश्व बैंक से आए बास्टीन मोहरमन्न एवं विम टास्टींसन ने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से सेटेलाइट की सहायता से एक निश्चित भूखंड को लेकर जानकारी हासिल की जाएगी है। इसके बाद किसान भी अपनी भूमि की स्थिति से एसएमएस के माध्यम से विशेषज्ञों को जानकारी दे सकेंगे। इन आंकड़ों में भूमि में पानी की उपलब्धता मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों की मात्रा आदि की जानकारी शामिल है। इस तकनीक से किसानों को पानी की उपलब्धता के साथ-साथ फसलों में डाली जाने वाली रासायनिक खादों व कीटनाशक दवाइयों की सही-सही मात्रा की सिफारिश की जा सकेगी।
किसानों को फायदा
जिला के प्रगतिशील किसान महेंद्र रसीना ने बताया कि इस तकनीक से सभी किसानों को फसलों में पानी की आवश्यकता, रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं की उचित मात्रा के बारे में मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो जाएगा। इस जानकारी के बाद किसान सिफारिश के आधार पर खाद, पानी एवं कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करके कम खर्च में ज्यादा पैदावार प्राप्त कर सकेंगे। टीम ने अमरीक सिंह हजवाना, कुलदीप जांबा के फार्मों का निरीक्षण किया और उन्हें जानकारी दी।
पूंडरी। ई-लीफ तकनीक किसानों के लिए कृषि कार्यों में वरदान साबित होगी। इस तकनीक में सेटेलाइट के माध्यम से एक निश्चित भूखंड के बारे में आंकड़े इकट्ठे किए जाएंगे। इसके बाद इन आंकड़ों का विश्लेषण कर किसानों को उनकी समस्याओं का समाधान बताया जाएगा। इसी उद्देश्य को लेकर विश्व बैंक एवं नीदरलैंड से विशेषज्ञों की टीम ने पूंडरी के कई गांवों का दौरा किया और किसानों को इस बारे में जानकारी दी।
विश्व बैंक एवं विशेषज्ञों की टीम ने इस संदर्भ में जिला के गांव रसीना, हजवाणा, जांबा एवं साकरा का दौरा किया।
यह है ई-लीफ तकनीक
एक एक्सपोर्ट संस्थान के कार्यकारी निदेशक नरेंद्र सिंह, कृषि विकास अधिकारी मार्केटिंग डा. जसबीर सहित विश्व बैंक से आए बास्टीन मोहरमन्न एवं विम टास्टींसन ने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से सेटेलाइट की सहायता से एक निश्चित भूखंड को लेकर जानकारी हासिल की जाएगी है। इसके बाद किसान भी अपनी भूमि की स्थिति से एसएमएस के माध्यम से विशेषज्ञों को जानकारी दे सकेंगे। इन आंकड़ों में भूमि में पानी की उपलब्धता मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों की मात्रा आदि की जानकारी शामिल है। इस तकनीक से किसानों को पानी की उपलब्धता के साथ-साथ फसलों में डाली जाने वाली रासायनिक खादों व कीटनाशक दवाइयों की सही-सही मात्रा की सिफारिश की जा सकेगी।
किसानों को फायदा
जिला के प्रगतिशील किसान महेंद्र रसीना ने बताया कि इस तकनीक से सभी किसानों को फसलों में पानी की आवश्यकता, रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं की उचित मात्रा के बारे में मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो जाएगा। इस जानकारी के बाद किसान सिफारिश के आधार पर खाद, पानी एवं कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करके कम खर्च में ज्यादा पैदावार प्राप्त कर सकेंगे। टीम ने अमरीक सिंह हजवाना, कुलदीप जांबा के फार्मों का निरीक्षण किया और उन्हें जानकारी दी।