करनाल। जाट आरक्षण को लेकर विरोध फिर से शुरू हो गया है। इस बार इसमें आरटीआई के जरिये जानकारी को आधार बनाकर एक संस्था ने विरोधी बिगुल बजाया है। जनहित सोशल वेलफेयर सोसाइटी का तर्क है कि जब सरकारी नौकरी में पहले से ही सर्वाधिक जाट हैं, तो उन्हें आरक्षण की क्या जरूरत है। इसके लिए संस्था ने आरटीआई के तहत पुलिस विभाग से नौकरी में सभी जातियों का ब्यौरा भी मांगा है।
जनहित सोशल वेलफेयर सोसाइटी की आरटीआई विंग के अध्यक्ष अक्षय शर्मा ने एक ब्योरा प्रदेश पुलिस मुख्यालय से लिया। इसमें पूछा गया कि जिलावार पुलिस कर्मियाें की जातियों का ब्योरा दिया जाए। इसमें तीन ही जिलों से अभी आंकड़ा मिला है। इनसे ही स्पष्ट है कि पुलिस की नौकरी में सर्वाधिक जाट हैं। संस्था ने इस तरह की जानकारी अन्य विभागों से भी मांगी है। ताकि यह साफ हो कि किस विभाग में जाटो का क्या वजूद है। इसके बाद संस्था केंद्र सरकार और पिछड़ा आयोग को यह रिपोर्ट देगी। इसको आधार बनाकर जाटो को हरियाणा में आरक्षण नहीं देने की मांग की जाएगी।
आरक्षण के मुद्दे पर अदालत तक जाएगी संस्था
शर्मा ने बताया कि अगर आयोग व केंद्र सरकार नहीं मानी तो इन आंकड़ों को लेकर वह अदालत में जाएंगे। ताकि यह व्यवस्था आर्थिक आधार पर हो, ना कि किसी जाति विशेष के लिए। उन्होंने बताया कि अभी कुछ विभागों ने जानकारी आना बाकी है। इसके बाद सारी स्थिति साफ होगी, लेकिन अकेले पुलिस ने जो जानकारी दी है। वह चौंकाने वाली है। वहीं, जनहित सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र राणा ने कहा है कि वे इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और जातीय आधर पर आरक्षण खत्म करने की मांग करेंगे। गरीब और असहाय लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए।
आर्थिक तौर पर मिले सबको आरक्षण
हरियाणा में जाट समुदाय की संख्या ज्यादा है। गरीब लोग भी बिरादरी से संबंध रखते हैं, उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए, पर समृद्ध लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाना चाहिए। सभी जाति के गरीब लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए। पुरानी परंपरा का त्याग कर नई अवधारणा को अपनाना चाहिए और समाज को तरक्की देने की दिशा में इसका विरोध नहीं होना चाहिए। जो लोग जरूरतमंद हैं, उन्हें ही आरक्षण का फायदा मिलना चाहिए। जिन जातियों को आरक्षण मिला हुआ है, उसमें भी संशोधन होना चाहिए, ताकि गरीबों को हक मिल सके।
आरटीआई में यह बताया पुलिस ने आंकड़ा
जनहित सोशल वेलफेयर सोसाइटी की आरटीआई विंग के अध्यक्ष अक्षय शर्मा 29 नवंबर 2011 को पुलिस मुख्यालय पंचकूला से जानकारी मांगी थी कि कितने जाट पुलिस कर्मी हैं और जिलेवार चार वर्गों ब्राह्मण, जाट, राजपूत और अन्य में वर्गीकरण दिया जाए। इस पर सिर्फ तीन जिलों ने जाति आधार पर वर्गीकरण दिया। इसमें ही तथ्य चौंकाने वाले हैं।
जिला रोहतक फरीदाबाद महेंद्रगढ़
कुल पुलिसकर्मी 1924 कुल 2948 कुल 738
जाट 1026 जाट 1174 जाट जाट 215
प्रतिशत 34.83 प्रतिशत 61.01 प्रतिशत 29
ब्राह्मण 287 ब्राह्मण 120 राजपूत 16
प्रतिशत 9.73 प्रतिशत 6.23 प्रतिशत 2
राजपूत 90 राजपूत : 21 ब्राह्मण 35
प्रतिशत 3.08 प्रतिशत 1.09 प्रतिशत 4.7
अन्य 1543 प्रतिशत 1.09 अन्य 472
प्रतिशत 52. 36 प्रतिशत 31.65 प्रतिशत 63.9
करनाल। जाट आरक्षण को लेकर विरोध फिर से शुरू हो गया है। इस बार इसमें आरटीआई के जरिये जानकारी को आधार बनाकर एक संस्था ने विरोधी बिगुल बजाया है। जनहित सोशल वेलफेयर सोसाइटी का तर्क है कि जब सरकारी नौकरी में पहले से ही सर्वाधिक जाट हैं, तो उन्हें आरक्षण की क्या जरूरत है। इसके लिए संस्था ने आरटीआई के तहत पुलिस विभाग से नौकरी में सभी जातियों का ब्यौरा भी मांगा है।
जनहित सोशल वेलफेयर सोसाइटी की आरटीआई विंग के अध्यक्ष अक्षय शर्मा ने एक ब्योरा प्रदेश पुलिस मुख्यालय से लिया। इसमें पूछा गया कि जिलावार पुलिस कर्मियाें की जातियों का ब्योरा दिया जाए। इसमें तीन ही जिलों से अभी आंकड़ा मिला है। इनसे ही स्पष्ट है कि पुलिस की नौकरी में सर्वाधिक जाट हैं। संस्था ने इस तरह की जानकारी अन्य विभागों से भी मांगी है। ताकि यह साफ हो कि किस विभाग में जाटो का क्या वजूद है। इसके बाद संस्था केंद्र सरकार और पिछड़ा आयोग को यह रिपोर्ट देगी। इसको आधार बनाकर जाटो को हरियाणा में आरक्षण नहीं देने की मांग की जाएगी।
आरक्षण के मुद्दे पर अदालत तक जाएगी संस्था
शर्मा ने बताया कि अगर आयोग व केंद्र सरकार नहीं मानी तो इन आंकड़ों को लेकर वह अदालत में जाएंगे। ताकि यह व्यवस्था आर्थिक आधार पर हो, ना कि किसी जाति विशेष के लिए। उन्होंने बताया कि अभी कुछ विभागों ने जानकारी आना बाकी है। इसके बाद सारी स्थिति साफ होगी, लेकिन अकेले पुलिस ने जो जानकारी दी है। वह चौंकाने वाली है। वहीं, जनहित सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र राणा ने कहा है कि वे इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और जातीय आधर पर आरक्षण खत्म करने की मांग करेंगे। गरीब और असहाय लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए।
आर्थिक तौर पर मिले सबको आरक्षण
हरियाणा में जाट समुदाय की संख्या ज्यादा है। गरीब लोग भी बिरादरी से संबंध रखते हैं, उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए, पर समृद्ध लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाना चाहिए। सभी जाति के गरीब लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए। पुरानी परंपरा का त्याग कर नई अवधारणा को अपनाना चाहिए और समाज को तरक्की देने की दिशा में इसका विरोध नहीं होना चाहिए। जो लोग जरूरतमंद हैं, उन्हें ही आरक्षण का फायदा मिलना चाहिए। जिन जातियों को आरक्षण मिला हुआ है, उसमें भी संशोधन होना चाहिए, ताकि गरीबों को हक मिल सके।
आरटीआई में यह बताया पुलिस ने आंकड़ा
जनहित सोशल वेलफेयर सोसाइटी की आरटीआई विंग के अध्यक्ष अक्षय शर्मा 29 नवंबर 2011 को पुलिस मुख्यालय पंचकूला से जानकारी मांगी थी कि कितने जाट पुलिस कर्मी हैं और जिलेवार चार वर्गों ब्राह्मण, जाट, राजपूत और अन्य में वर्गीकरण दिया जाए। इस पर सिर्फ तीन जिलों ने जाति आधार पर वर्गीकरण दिया। इसमें ही तथ्य चौंकाने वाले हैं।
जिला रोहतक फरीदाबाद महेंद्रगढ़
कुल पुलिसकर्मी 1924 कुल 2948 कुल 738
जाट 1026 जाट 1174 जाट जाट 215
प्रतिशत 34.83 प्रतिशत 61.01 प्रतिशत 29
ब्राह्मण 287 ब्राह्मण 120 राजपूत 16
प्रतिशत 9.73 प्रतिशत 6.23 प्रतिशत 2
राजपूत 90 राजपूत : 21 ब्राह्मण 35
प्रतिशत 3.08 प्रतिशत 1.09 प्रतिशत 4.7
अन्य 1543 प्रतिशत 1.09 अन्य 472
प्रतिशत 52. 36 प्रतिशत 31.65 प्रतिशत 63.9