करनाल। करीब दो सप्ताह पूर्व मक्खू माजरा में संदिग्ध परस्थितियों में झुलसी विवाहिता की मौत के मामले में पुलिस ने विवाहिता के परिजनों की शिकायत पर ससुराल पक्ष के चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने सभी आरोपी को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट विवाहिता के ससुराल पक्ष के लोग वीरवार को डीएसपी सुरेंद्र भोरिया से मुलाकात की। डीएसपी ने उन्हें जल्द ही दोबारा से मामले की जांच करने का आश्वासन दिया।
डीएसपी से मिलने आए विवाहिता के मामा ससुर बलवान सिंह, सतीश कुमार और चाचा ससुर मदन लाल ने बताया कि मृतक गुरमीत उर्फ सोनू द्वारा जब आत्महत्या की गई थी, उस समय वह घर पर अकेली थी, जबकि मरने से पूर्व गुरमीत ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था। इसमें गुरमीत ने अपनी आत्महत्या के लिए किसी को भी दोषी नहीं ठहराया। इसके लिए उसने स्वयं को जिम्मेदार बताया है। उन्हाेंने पुलिस कार्रवाई पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए बताया कि मामला दर्ज करते हुए पुलिस को सुसाइड नोट दिया गया था, लेकिन पुलिस ने पीड़ित पक्ष के दबाव में कार्रवाई के दौरान सुसाइड नोट का कोई हवाला नहीं दिया और 304 बी का मामला दर्ज कर ससुराल पक्ष के चाराें लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया। इस मामले में सुसराल पक्ष ने दोबारा जांच की मांग की है।
करनाल। करीब दो सप्ताह पूर्व मक्खू माजरा में संदिग्ध परस्थितियों में झुलसी विवाहिता की मौत के मामले में पुलिस ने विवाहिता के परिजनों की शिकायत पर ससुराल पक्ष के चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने सभी आरोपी को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट विवाहिता के ससुराल पक्ष के लोग वीरवार को डीएसपी सुरेंद्र भोरिया से मुलाकात की। डीएसपी ने उन्हें जल्द ही दोबारा से मामले की जांच करने का आश्वासन दिया।
डीएसपी से मिलने आए विवाहिता के मामा ससुर बलवान सिंह, सतीश कुमार और चाचा ससुर मदन लाल ने बताया कि मृतक गुरमीत उर्फ सोनू द्वारा जब आत्महत्या की गई थी, उस समय वह घर पर अकेली थी, जबकि मरने से पूर्व गुरमीत ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था। इसमें गुरमीत ने अपनी आत्महत्या के लिए किसी को भी दोषी नहीं ठहराया। इसके लिए उसने स्वयं को जिम्मेदार बताया है। उन्हाेंने पुलिस कार्रवाई पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए बताया कि मामला दर्ज करते हुए पुलिस को सुसाइड नोट दिया गया था, लेकिन पुलिस ने पीड़ित पक्ष के दबाव में कार्रवाई के दौरान सुसाइड नोट का कोई हवाला नहीं दिया और 304 बी का मामला दर्ज कर ससुराल पक्ष के चाराें लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया। इस मामले में सुसराल पक्ष ने दोबारा जांच की मांग की है।