पढ़ाई बाधित हुई पर नया सिखा गया वर्ष-2020
वर्ष 2020 में सभी के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए। हर किसी को ये वर्ष खट्टी-मीठी यादें दे गया। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई पूरे वर्ष बाधित रही, लेकिन बहुत कुछ नया सिखा गया। कई बच्चों ने कला के क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ाया तो किसी ने पर्यावरण को संजोए रखने में हाथ बंटाया। लॉकडाउन के चलते बच्चों की रचनात्मकता बाहर आई।
- कोरोना काल ने सिखाए सुरक्षा और स्वास्थ्य के मायने
7वीं कक्षा के छात्र भावेष ने बताया कि कोरोना काल में पता चला कि सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। इन दिनों में पता चला कि किसी भी संक्रमण से बचने के लिए हाथ धोना जरूरी होता है। अधिकतर बीमारियां गंदे हाथों से खाने-पीने की वजह से ही होती हैं। कोरोना काल में हाथ धोने और सफाई का ध्यान रखने की आदत हो गई।
- बाहर का खाने की जिद छोड़ दी
7वीं कक्षा की छात्रा शिखा शर्मा ने बताया कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान घर का खाना-खाने की आदत पड़ी। मुझे समझ आया कि जंक फूड के बिना भी अच्छा खाना खाकर मजे कर सकते हैं। मैंने घर पर कुछ स्नैक्स आइटम बनाने सीखे ताकि जब मुझे भूख लगे तब मैं खुद से कुछ बनाकर खा सकूं।
- परिवार वालों के साथ गुजारा पूरा समय
7वीं कक्षा के छात्र आर्यन ने बताया कि लॉकडाउन के चलते दोस्तों के साथ बाहर खेल-कूद करना बंद हो गया था। शुरूआत में दो-तीन महीने बोरियत बनी रही। लेकिन बाद में परिजनों के साथ खेलने और समय बिताने में मजा आया। क्योंकि स्कूल के समय में माता-पिता के साथ बहुत ही कम समय गुजार पाते थे।
- घर पर रहकर सीखी बागवानी
छठी कक्षा की छात्रा कनक ने बताया कि मम्मी को पेड़-पौधों से बहुत लगाव है। लॉकडाउन में उसे भी बागवानी में दिलचस्पी जगी और अपनी मम्मी के साथ मिलकर कई सारे पौधे लगाए। साथ ही हर पौधे के नेचर की स्टडी करने का मौका भी मिला। अब मुझे पौधे लगाने के बारे में बहुत सी जानकारी मिल गई है।