विस्तार
कैथल के फरल गांव में पांच दिसंबर की रात को फायरिंग में मारे गए सोनीपत के गांव गढ़ी सिसाना के आशीष की हत्या उसी की गैंग के सदस्यों ने की थी। आशीष एक अपराधी गैंग का सदस्य था जो इसी गैंग के जिले के गांव फरल निवासी गुरप्रीत के घर पर डेढ़ माह से रह रहा था। ये सभी गैंग सदस्य मिलकर पटियाला के एक व्यापारी का मर्डर करने वाले थे। इस व्यापारी के मर्डर के लिए सोनीपत के ही गांव बाली निवासी सोनू ने आशीष को सुपारी देते हुए गुरप्रीत व अन्य से मिलवाया था। यह खुलासा एसपी मकसूद अहमद ने मीडिया से बातचीत में किया। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गांव फरल के सुनसान एरिया घोड़ा पुली के निकट पांच दिसंबर की रात को एक युवक ने घायल अवस्था में पास के ही पलविंद्र सिंह के डेरे में दरवाजा खटखटाया था और उसे बचाने की गुहार लगाई थी। बाद में हमलावर युवक भाग खड़े हुए थे। पुलिस ने पलविंद्र की शिकायत पर मामले की जांच शुरू की थी। पुलिस ने आशीष के मोबाइल से मिली जानकारी के आधार पर पूरे गिरोह का खुलासा किया।
एसपी मकसूद अहमद ने बताया कि आशीष एक गैंग का सदस्य था। जो सोनू बाली के कहने पर फरल के गांव फरल निवासी गुरप्रीत के घर पर आया था। वह डेढ़ माह से यहीं रह रहा था। यहां वह गुरप्रीत के अलावा पंजाब के मोगा निवासी लवदीप व पश्चिम बंगाल के किशनगंज के रामपुर निवासी शहनवाल आलम ऊर्फ बबाब के संपर्क में आया। इन सभी को मिलकर सोनू बाली के कहे अनुसार पटियाला के एक व्यापारी का मर्डर करना था। इसके लिए वे पटियाला जाकर रेकी भी कर चुके थे।
पांच दिसंबर को लवदीप व आशीष ने फरल में शराब के ठेके से शराब ली और एक साथ बैठकर पी। इसी बीच लवदीप व आशीष की आपस में पैसों को लेकर कहासुनी हो गई। इसके बाद आशीष ने अपना अवैध पिस्तौल निकाल लिया। इसके बाद गुरप्रीत व शाहनवाज ने लवदीप को कहा यह हमें गोली मार सकता है। क्यों न वे पहले ही इसे खत्म कर दें। इसके बाद लवदीप ने आशीष को छह गोलियां मार कर उसकी हत्या कर दी। बाली निवासी सोनू ने उन्हें असलहा पहले ही दिया हुआ था। पुलिस ने गुरप्रीत को फरल से व शेष दोनों आरोपियों को कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि पुलिस ने तीनों को न्यायालय में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है।