वीसी के फटकार लगाने के बाद किया था हमले का प्रयास, इसके बाद लगा था बैन
अमर उजाला ब्यूरो
जींद। चौधरी रणबीर सिंह विवि के कुलपति प्रोफेसर आरबी सोलंकी पर हमला करने वाला आरोपी नरेंद्र करीब छह महीने पहले अपनी बहन से मिलने गर्ल्स हॉस्टल के पास गया था। इस दौरान कुलपति भी वहां आ गए। कुलपति ने उसे यहां आने पर डांट दिया था। इस पर नरेंद्र ने वहीं से लोहे का सरिया उठाकर कुलपति पर हमला करने का प्रयास किया, लेकिन वह पकड़ा गया। इसके बाद से विश्वविद्यालय ने उसके प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इसलिए अब नरेंद्र वीसी को डराकर विश्वविद्यालय में प्रवेश पर लगी रोक हटवाना चाहता था।
पुलिस की पूछताछ में नरेंद्र ने खुलासा किया है कि उसके दोस्त सोनू ने करीब ढाई महीने पहले यूपी के कैराना से सात हजार रुपये में दो पिस्तौल व साढ़े तीन हजार रुपये के कारतूस खरीदे थे। अदालत ने दोनों आरोपियों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। अब युवकों के सहारे उन्हें पिस्तौल मुहैया करवाने वाले लोगों तक भी पहुंचने का प्रयास करेगी। दूसरी ओर चौधरी रणबीर सिंह विवि के विद्यार्थी व स्टाफ कुलपति को सुरक्षा देने की मांग को लेकर एसएसपी डॉ. अरुण सिंह से मिले। एसएसपी ने कहा कि यदि कुलपति सुरक्षा की मांग करते हैं तो पुलिस इस पर विचार करेगी। फिलहाल अदालत ने दोनों आरोपी युवकों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
गौरतलब है कि मंगलवार शाम रामकली गांव निवासी व सीआरएसयू के पूर्व छात्र नरेंद्र व उसके दोस्त सोनू ने कुलपति के कार्यालय में घुसने का प्रयास किया। जब गार्ड ने उन्हें रोका तो नरेंद्र ने देसी पिस्तौल से फायरिंग कर दी थी। इस मामले में पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नरेंद्र का दोस्त सोनू उत्तर प्रदेश के कैराना से सात हजार रुपये में दो देसी पिस्तौल खरीद कर लाया था। साथ ही साढ़े तीन हजार रुपये में कारतूस भी खरीदे थे। इसके बाद सोनू कैराना से बैग में पिस्तौल डालकर बस में जींद लाया था। जांच होने पर सोनू पकड़ा नहीं जाए, इसके लिए उसने पिस्तौल बैग में डालकर बस की जाली में रख दिए और खुद दूर बैठ गया।
नरेंद्र के पिता और भाई पुलिस में
रामकली गांव निवासी नरेंद्र के पिता पुलिस में थे और ड्यूटी के दौरान ही कुछ साल पहले उनका देहांत हो गया। वहीं उसका बड़ा भाई भी पुलिस में है। फिलहाल उसकी मधुबन में ट्रेनिंग चल रही है। नरेंद्र ने 2012 में स्नातक की परीक्षा पास की थी और इसके बाद सीआरएसयू में बीपीएड में प्रवेश लिया। अब विश्वविद्यालय में प्रवेश पर लगे बैन को हटवाने की सनक ने उसे अपराधी बना दिया।
सोनू ने अपने दोस्त की मदद से लाया था पिस्तौल
नरेंद्र का दोस्त व उसकी के गांव निवासी सोनू 12वीं पास है। सोनू ने ही नरेंद्र को पिस्तौल मुहैया करवाया था। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि उनके गांव में उत्तर प्रदेश के कैराना से गन्ने की छिलाई करने के लिए मजदूर आते हैं। गांव में आए मजदूरों से सोनू की दोस्ती हो गई और फिर अपने दोस्त से पिस्तौल की बात की। इस पर करीब ढाई महीने पहले सोनू कैराना से दो पिस्तौल व कारतूस के छह पैकेट लाया था। कुलपति पर हमला करने से पहले नरेंद्र व सोनू ने रामकली गांव की नहर पर शराब का सेवन किया और फिर जींद पहुंचे।
दीवार फांदकर विश्वविद्यालय में किया प्रवेश
नरेंद्र व सोनू ने दीवार फांदकर विश्वविद्यालय में प्रवेश किया और उसी रास्ते से भाग गए। दोनों ने अपनी बाइक विश्वविद्यालय के बाहर खड़ी की थी। विश्वविद्यालय के सुरक्षागार्डों ने बताया कि यदि मुख्य गेट से वे लोग आते तो उन्हें पकड़ लिया जाता।
विवि के पास पुलिस की गाड़ी तैनात करने की मांग
इस घटना के बाद सीआरएसयू में स्टाफ व विद्यार्थी सहमे रहे। इसको लेकर तमाम लोग एसएसपी से मिलने पहुंचे। इन लोगों ने जहां कुलपति की सुरक्षा की मांग की। विश्वविद्यालय के पास पुलिस की गाड़ी तैनात करने की मांग की। इस मौके पर प्रोफेसर अनुपम भाटिया, ज्योति श्योराण, जयपाल सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।
विवि में नहीं है प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि सीआरएसयू में ठेके पर करीब 30 सुरक्षाकर्मी रखे गए हैं, लेकिन इनमें से कोई भी प्रशिक्षित नहीं है। न ही किसी के पास हथियार है। सुरक्षागार्ड के कब्जे में आने के बावजूद नरेंद्र व सोनू यहां से फरार होने में सफल रहे। इस पर विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। हालांकि एसएसपी डॉ. अरुण सिंह ने सुरक्षा गार्डों को प्रशिक्षण देने का ऑफर किया है।
विश्वविद्यालय में तैनात सुरक्षा गार्डों के पास हथियार नहीं हैं। इस मुद्दे को विवि के अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा। मुझे सुरक्षा मिले या नहीं इसकी चर्चा भी स्टाफ के साथ की जाएगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-प्रोफेसर आरबी सोलंकी, कुलपति, सीआरएसयू।
विश्वविद्यालय के गार्ड पर फायरिंग करने के दोनों आरोपियों को पुलिस काबू कर लिया है। दोनों युवकों से जानकारी प्राप्त करने के लिए एक दिन के रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- मनदीप कुमार, सदर थाना प्रभारी।