गुड़गांव। रोडवेज से विवाद के दस दिन बाद स्टेशन अधीक्षक ने ऑटो को भी परिसर से बाहर खदेड़ दिया है। इसके बाद ऑटो का जमावड़ा स्टेशन के मेन गेट के सामने लग गया है। आडे़-तिरछे खड़े ऑटो ने पैदल आने-जाने वाले यात्रियों तक का निकलना मुहाल कर दिया है।
दस दिन पहले स्टेशन अधीक्षक आरके मीणा ने परिसर में सिटी बसों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई थी। इसके बाद से सिटी बसें स्टेशन से एक किलोमीटर पहले बाबा प्रकाशपुरी चौक पर रोकी जा रही हैं। यहां से यात्रियों को पैदल जाना पड़ रहा है या दोहरा किराया खर्च कर ऑटो की सवारी करनी पड़ रही है। बुधवार दोपहर बाद से ऑटो के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
सूचना अधिकारी नेगी के मुताबिक, रेलवे स्टेशन परिसर में किसी भी वाहन का प्रवेश प्रतिबंधित है। समान ज्यादा होने, पैसेंजर के विकलांग, बीमार होने की स्थिति में उसे वाहन से स्टेशन में छोड़ा जा सकता है। स्टेशन परिसर को स्टैंड के तौर पर इस्तेमाल करना नियम विरुद्ध है। इसमें ऑटो और बसों के साथ सभी प्रकार के वाहन शामिल हैं। सिटी बसों के लिए डीआरएम से अनुमति ली जा सकती है।
गुड़गांव। रोडवेज से विवाद के दस दिन बाद स्टेशन अधीक्षक ने ऑटो को भी परिसर से बाहर खदेड़ दिया है। इसके बाद ऑटो का जमावड़ा स्टेशन के मेन गेट के सामने लग गया है। आडे़-तिरछे खड़े ऑटो ने पैदल आने-जाने वाले यात्रियों तक का निकलना मुहाल कर दिया है।
दस दिन पहले स्टेशन अधीक्षक आरके मीणा ने परिसर में सिटी बसों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई थी। इसके बाद से सिटी बसें स्टेशन से एक किलोमीटर पहले बाबा प्रकाशपुरी चौक पर रोकी जा रही हैं। यहां से यात्रियों को पैदल जाना पड़ रहा है या दोहरा किराया खर्च कर ऑटो की सवारी करनी पड़ रही है। बुधवार दोपहर बाद से ऑटो के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
सूचना अधिकारी नेगी के मुताबिक, रेलवे स्टेशन परिसर में किसी भी वाहन का प्रवेश प्रतिबंधित है। समान ज्यादा होने, पैसेंजर के विकलांग, बीमार होने की स्थिति में उसे वाहन से स्टेशन में छोड़ा जा सकता है। स्टेशन परिसर को स्टैंड के तौर पर इस्तेमाल करना नियम विरुद्ध है। इसमें ऑटो और बसों के साथ सभी प्रकार के वाहन शामिल हैं। सिटी बसों के लिए डीआरएम से अनुमति ली जा सकती है।