गुड़गांव। पानी की किल्लत को लेकर गांव डूंडाहेड़ा के लोगों ने सोमवार को निगमायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। लोगों ने बताया कि इलाके में दो महीने से समस्या बनी हुई है। मजबूर होकर प्रदर्शन करना पड़ा।
गांव डूंडाहेड़ा के लोग सोमवार की सुबह निगमायुक्त कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। बाद में प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल निगमायुक्त अशोक सांगवान से मिला। डूंडाहेड़ा गांव के पूर्व सरपंच भरत सिंह, वेदप्रकाश, भीम सिंह, सूबेदार रतनलाल आदि ने बताया कि गांव में 150 से 200 घरों में दो महीने से पानी की किल्लत है। करीब तीन दशक पहले 1983-84 में गांव में पानी की लाइन डाली गई थी। पेयजल की लाइन बंद हो चुकी हैं। इससे गांव में पानी नहीं आ रहा है। गांव की आबादी काफी बढ़ चुकी है। निगम अधिकारियों को कई बार शिकायत की गई। इसके बाद भी समस्या का निदान नहीं किया गया। लोगों को प्राइवेट टैंकर से पानी खरीदने को मजबूर होना पड़ता है। निगम के अधीक्षण अभियंता वाईके गर्ग ने लोगों की समस्या सुनी। उन्होंने कहा कि गांव में पेयजल की नई लाइनों के लिए प्रस्ताव पास किया जा चुका है। पेयजल की पाइप उपलब्ध नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा है। दस दिन में नई लाइन डालने का काम शुरू करा दिया जाएगा। तब तक गांव के लोगों को टैंकर के जरिए पानी की आपूर्ति की जाएगी। आश्वासन के बाद गांव के लोग वापस लौट गए।
गुड़गांव। पानी की किल्लत को लेकर गांव डूंडाहेड़ा के लोगों ने सोमवार को निगमायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। लोगों ने बताया कि इलाके में दो महीने से समस्या बनी हुई है। मजबूर होकर प्रदर्शन करना पड़ा।
गांव डूंडाहेड़ा के लोग सोमवार की सुबह निगमायुक्त कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। बाद में प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल निगमायुक्त अशोक सांगवान से मिला। डूंडाहेड़ा गांव के पूर्व सरपंच भरत सिंह, वेदप्रकाश, भीम सिंह, सूबेदार रतनलाल आदि ने बताया कि गांव में 150 से 200 घरों में दो महीने से पानी की किल्लत है। करीब तीन दशक पहले 1983-84 में गांव में पानी की लाइन डाली गई थी। पेयजल की लाइन बंद हो चुकी हैं। इससे गांव में पानी नहीं आ रहा है। गांव की आबादी काफी बढ़ चुकी है। निगम अधिकारियों को कई बार शिकायत की गई। इसके बाद भी समस्या का निदान नहीं किया गया। लोगों को प्राइवेट टैंकर से पानी खरीदने को मजबूर होना पड़ता है। निगम के अधीक्षण अभियंता वाईके गर्ग ने लोगों की समस्या सुनी। उन्होंने कहा कि गांव में पेयजल की नई लाइनों के लिए प्रस्ताव पास किया जा चुका है। पेयजल की पाइप उपलब्ध नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा है। दस दिन में नई लाइन डालने का काम शुरू करा दिया जाएगा। तब तक गांव के लोगों को टैंकर के जरिए पानी की आपूर्ति की जाएगी। आश्वासन के बाद गांव के लोग वापस लौट गए।