गुड़गांव। दिल्ली से सटे गुड़गांव के शीतला माता मंदिर की सुरक्षा में ढेरों अव्यवस्था है। कहने को तो कई जगहों पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन कई द्वार पर कैमरे बंद होने के कारण शोपीस बने हुए हैं। सुरक्षाकर्मियों की भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। कहने को तैनात हैं, मगर उनकी खाली कुर्सी गवाही देती है कि इस धर्मस्थल की सुरक्षा चादर में कई छेद हैं।
बोधगया के सीरियल धमाके के बाद भी शीतला माता मंदिर की सुरक्षा में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। स्थिति यह है कि गड़बड़ी फैलाने की नीयत से कोई भी भक्त की वेषभूषा में ज्वलशील पदार्थ लेकर मंदिर के प्रमुख हिस्से तक पहुंच सकता है। मेले के समय निजी और पुलिस गार्डों की संख्या भले बढ़ा दी जाती है। मगर मेला समाप्त होते ही सुरक्षा न के बराबर रह जाती है। सोमवार को संवाददाता के शीतला माता मंदिर के भ्रमण के दौरान यही कुछ देखने को मिला।
यहां हैं खामियां
: पूरे परिसर में प्रवेश के चार रास्ते हैं, लेकिन मंदिर प्रवेश करने वालों की जांच नहीं होती।
: मंदिर में दर्शन के मुख्यद्वार वाले मार्ग पर सुरक्षा कर्मी की कुर्सी हमेशा खाली रहती है।
: सुरक्षा के नाम पर किसी अधिकारी की अलग से नियुक्ति नहीं है।
- कैमरों की स्थिति
: मंदिर में कुल 16 कैमरे लगे हैं लेकिन श्रद्धालुओं के मुख्य प्रवेश पर कोई कैमरा नहीं है
: कैमरे लगे चार साल हो गए पर इसकी मदद से एक भी वारदात का खुलासा नहीं हुआ है।
: कैमरे बंद कर सिस्टम देखते हैं टीवी
मेले में सुरक्षा के इंतजाम
: पुलिस के 90 जवान तैनात होते हैं। दो शिफ्ट में काम किया जाता है।
: 82 सुरक्षा गार्ड तीन शिफ्ट में काम करते हैं।
: 12 महिला सुरक्षा गार्ड हैं, जो चार-चार की संख्या में तीन शिफ्टों में तैनात रहती हैं।
आम दिनों सुरक्षा बंदोबस्त
: कैमरे अक्सर बंद रहते हैं।
: चौकी इंचार्ज तीन जवानों के साथ होता है।
: जिला प्रशासन द्वारा 18 गार्ड तैनात हैं, जो अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं।
मंदिर में उमड़ने वाली भीड़ के आधार पर समय-समय पर सुरक्षा का प्रबंध किया जाता है। फिलहाल भीड़ नहीं आ रही है।
-सुरेंद्र पाल सिंह, डीसीपी वेस्ट
दो बच्चों का हो चुका अपहरण
गुड़गांव। मंदिर की मान्यता के चलते लोग अपने बच्चों का मुंडन कराने शीतला माता मंदिर आते हैं, लेकिन पिछले दो साल से लगातार मंदिर परिसर से बच्चे गायब हो रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने अपहरण का मामला तो दर्ज किया पर सुरक्षा के उपाय ठीक नहीं किए।
गुड़गांव। दिल्ली से सटे गुड़गांव के शीतला माता मंदिर की सुरक्षा में ढेरों अव्यवस्था है। कहने को तो कई जगहों पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन कई द्वार पर कैमरे बंद होने के कारण शोपीस बने हुए हैं। सुरक्षाकर्मियों की भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। कहने को तैनात हैं, मगर उनकी खाली कुर्सी गवाही देती है कि इस धर्मस्थल की सुरक्षा चादर में कई छेद हैं।
बोधगया के सीरियल धमाके के बाद भी शीतला माता मंदिर की सुरक्षा में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। स्थिति यह है कि गड़बड़ी फैलाने की नीयत से कोई भी भक्त की वेषभूषा में ज्वलशील पदार्थ लेकर मंदिर के प्रमुख हिस्से तक पहुंच सकता है। मेले के समय निजी और पुलिस गार्डों की संख्या भले बढ़ा दी जाती है। मगर मेला समाप्त होते ही सुरक्षा न के बराबर रह जाती है। सोमवार को संवाददाता के शीतला माता मंदिर के भ्रमण के दौरान यही कुछ देखने को मिला।
यहां हैं खामियां
: पूरे परिसर में प्रवेश के चार रास्ते हैं, लेकिन मंदिर प्रवेश करने वालों की जांच नहीं होती।
: मंदिर में दर्शन के मुख्यद्वार वाले मार्ग पर सुरक्षा कर्मी की कुर्सी हमेशा खाली रहती है।
: सुरक्षा के नाम पर किसी अधिकारी की अलग से नियुक्ति नहीं है।
- कैमरों की स्थिति
: मंदिर में कुल 16 कैमरे लगे हैं लेकिन श्रद्धालुओं के मुख्य प्रवेश पर कोई कैमरा नहीं है
: कैमरे लगे चार साल हो गए पर इसकी मदद से एक भी वारदात का खुलासा नहीं हुआ है।
: कैमरे बंद कर सिस्टम देखते हैं टीवी
मेले में सुरक्षा के इंतजाम
: पुलिस के 90 जवान तैनात होते हैं। दो शिफ्ट में काम किया जाता है।
: 82 सुरक्षा गार्ड तीन शिफ्ट में काम करते हैं।
: 12 महिला सुरक्षा गार्ड हैं, जो चार-चार की संख्या में तीन शिफ्टों में तैनात रहती हैं।
आम दिनों सुरक्षा बंदोबस्त
: कैमरे अक्सर बंद रहते हैं।
: चौकी इंचार्ज तीन जवानों के साथ होता है।
: जिला प्रशासन द्वारा 18 गार्ड तैनात हैं, जो अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं।
मंदिर में उमड़ने वाली भीड़ के आधार पर समय-समय पर सुरक्षा का प्रबंध किया जाता है। फिलहाल भीड़ नहीं आ रही है।
-सुरेंद्र पाल सिंह, डीसीपी वेस्ट
दो बच्चों का हो चुका अपहरण
गुड़गांव। मंदिर की मान्यता के चलते लोग अपने बच्चों का मुंडन कराने शीतला माता मंदिर आते हैं, लेकिन पिछले दो साल से लगातार मंदिर परिसर से बच्चे गायब हो रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने अपहरण का मामला तो दर्ज किया पर सुरक्षा के उपाय ठीक नहीं किए।