गुड़गांव। बरसात के पानी में डूबकर मौत का शिकार हुए चिराग की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे हैं। परिजनों के साथ दूसरे लोग भी यह मानने को तैयार नहीं कि चिराग की मौत महज पानी में डूबकर हुई है। इनका आरोप है कि पानी में करंट की वजह से बच्चे की मौत हुई है।
मृतक चिराग के पिता अश्वनी शर्मा का आरोप है कि अक्सर यहां करंट आता है। अर्थिंग के तार जमीन तक खुले पड़े हैं। हादसे के बाद तो उन्हें थोड़ा बहुत दुरुस्त किया गया है, लेकिन हादसे से पहले यहां स्थिति गंभीर थी। उन्होंने कहा कि जब बेहोशी की हालत में चिराग को अस्पताल ले जाया गया था तो उसका पूरा शरीर नीला पड़ चुका था। क्या यह करंट का प्रमाण नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दे रही है। अपने बेटे की मौत के लिए बिजली निगम के साथ नगर निगम को भी जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि यह तो गनीमत है कि गुड़गांव में उसी दिन बारिश हुई। अगर तीन-चार दिन लगातार ऐसी बारिश होती रहे तो हर गली के चिराग मौत के आगोश में होंगे। शहर का एक भी हिस्सा ऐसा नहीं जहां घुटनों तक पानी न भरता हो। बिजली निगम ने हादसे के बाद वहां अपनी पूरी टीम लगाकर तारों को ठीक करा दिया। इससे पहले भी उसमें करंट आता रहा है। हादसे के चश्मदीद गवाह राजू और संजय ने भी पानी में करंट का अंदेशा जाहिर किया है। पुलिस को दिए अपने बयान में उन्होंने यही कहा है कि उन्होंने बच्चे को पानी में गिरा देखा तो सबसे पहले बिजली अधिकारियों से कहकर वहां की बिजली कटवाई थी।
कोई नहीं आया रिपोर्ट लेने- जांचधिकारी
मामले के जांचधिकारी सेक्टर पांच थाने के एएसआई संजीव कुमार का कहना है कि कोई भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने नहीं आया है। उन्होंने उस दिन भी रिपोर्ट देने की पहल की थी, लेकिन उन लोगों ने मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट किसी रिश्तेदार की बजाय उसके पिता को ही दी जाएगी। उन्होंने दर्ज शिकायत के बारे में कहा कि उन्होंने अश्वनी की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। इसमें उसने करंट लगने की बात कही थी। पोस्टमार्टम के समय डॉक्टर को दिए गए पत्र में उन्होंने साफ लिखा है कि मौत पानी या करंट से हुई। अत: मौत का कारण स्पष्ट करें। चश्मदीद राजू और संजय के भी बयान दर्ज किए हैं।
मृतक के शरीर पर नहीं था नीलापन : डॉक्टर
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर दीपक माथुर कहते हैं कि बच्चे की मौत पानी में दम घुटने से हुई है। पुलिस और परिजनों की मौजूदगी में शव के फोटो कराए गए थे। कहीं भी शरीर में नीलापन नजर नहीं आ रहा है।
पानी में नहीं था करंट - एक्सईएन
बिजली निगम के एक्सईएन जोगिंद्र सिंह ने कहा कि जब लोगों ने हादसे की जानकारी दी, उसी समय निगम की टीम मौके पर पहुंच गई थी। पूरी जांच कराई गई थी। कहीं भी करंट नहीं था। उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी व्यवस्था एकदम दुरुस्त थी। उसके बाद वहां व्यवस्थाओं को और भी बेहतर कर दिया गया है।
गुड़गांव। बरसात के पानी में डूबकर मौत का शिकार हुए चिराग की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे हैं। परिजनों के साथ दूसरे लोग भी यह मानने को तैयार नहीं कि चिराग की मौत महज पानी में डूबकर हुई है। इनका आरोप है कि पानी में करंट की वजह से बच्चे की मौत हुई है।
मृतक चिराग के पिता अश्वनी शर्मा का आरोप है कि अक्सर यहां करंट आता है। अर्थिंग के तार जमीन तक खुले पड़े हैं। हादसे के बाद तो उन्हें थोड़ा बहुत दुरुस्त किया गया है, लेकिन हादसे से पहले यहां स्थिति गंभीर थी। उन्होंने कहा कि जब बेहोशी की हालत में चिराग को अस्पताल ले जाया गया था तो उसका पूरा शरीर नीला पड़ चुका था। क्या यह करंट का प्रमाण नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दे रही है। अपने बेटे की मौत के लिए बिजली निगम के साथ नगर निगम को भी जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि यह तो गनीमत है कि गुड़गांव में उसी दिन बारिश हुई। अगर तीन-चार दिन लगातार ऐसी बारिश होती रहे तो हर गली के चिराग मौत के आगोश में होंगे। शहर का एक भी हिस्सा ऐसा नहीं जहां घुटनों तक पानी न भरता हो। बिजली निगम ने हादसे के बाद वहां अपनी पूरी टीम लगाकर तारों को ठीक करा दिया। इससे पहले भी उसमें करंट आता रहा है। हादसे के चश्मदीद गवाह राजू और संजय ने भी पानी में करंट का अंदेशा जाहिर किया है। पुलिस को दिए अपने बयान में उन्होंने यही कहा है कि उन्होंने बच्चे को पानी में गिरा देखा तो सबसे पहले बिजली अधिकारियों से कहकर वहां की बिजली कटवाई थी।
कोई नहीं आया रिपोर्ट लेने- जांचधिकारी
मामले के जांचधिकारी सेक्टर पांच थाने के एएसआई संजीव कुमार का कहना है कि कोई भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने नहीं आया है। उन्होंने उस दिन भी रिपोर्ट देने की पहल की थी, लेकिन उन लोगों ने मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट किसी रिश्तेदार की बजाय उसके पिता को ही दी जाएगी। उन्होंने दर्ज शिकायत के बारे में कहा कि उन्होंने अश्वनी की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। इसमें उसने करंट लगने की बात कही थी। पोस्टमार्टम के समय डॉक्टर को दिए गए पत्र में उन्होंने साफ लिखा है कि मौत पानी या करंट से हुई। अत: मौत का कारण स्पष्ट करें। चश्मदीद राजू और संजय के भी बयान दर्ज किए हैं।
मृतक के शरीर पर नहीं था नीलापन : डॉक्टर
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर दीपक माथुर कहते हैं कि बच्चे की मौत पानी में दम घुटने से हुई है। पुलिस और परिजनों की मौजूदगी में शव के फोटो कराए गए थे। कहीं भी शरीर में नीलापन नजर नहीं आ रहा है।
पानी में नहीं था करंट - एक्सईएन
बिजली निगम के एक्सईएन जोगिंद्र सिंह ने कहा कि जब लोगों ने हादसे की जानकारी दी, उसी समय निगम की टीम मौके पर पहुंच गई थी। पूरी जांच कराई गई थी। कहीं भी करंट नहीं था। उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी व्यवस्था एकदम दुरुस्त थी। उसके बाद वहां व्यवस्थाओं को और भी बेहतर कर दिया गया है।