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फरीदाबाद। सोमवार को जिले के बीस निजी चिकित्सकों को सीएमओ द्वारा नोटिस जारी कर उनके शैक्षणिक सर्टिफिकेट मांगे गए हैं, जो चिकित्सक नोटिस का जवाब नहीं देंगे, उनके यहां छापेमारी के लिए टीम का गठन किया गया है।
जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कड़ा रुख अपनाने जा रहा है। सर्टिफिकेट चेक कर पता लगाया जाएगा कि चिकित्सक की डिग्री सही है या नहीं। सोमवार को सिविल सर्जन की ओर से जिले के विभिन्न इलाकों में 20 चिकित्सकों को नोटिस जारी किए गए। इन चिकित्सकों को सात दिनों के अंदर क्लीनिक के लिए आवश्यक कागज, चिकित्सक के शैक्षिणक योग्यता सर्टिफिकेट, क्लीनिक में जिन दवाओं को रखा जाता है उनकी सूची आदि सीएमओ कार्यालय में देनी होगी।
इसके अलावा कुछ दिनों पहले विभाग द्वारा अन्य 20 चिकित्सकों को भी नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें से अभी तक केवल चार चिकित्सकों ने ही जवाब दिया है। अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, जिन चिकित्सकों ने अभी तक औपचारिकताओं को पूरा नही किया है, उन्हें अंतिम बार संपर्क किया जा रहा है। जिसके बाद चार फरवरी से छापेमारी की जाएगी।
छापेमारी के लिए टीम गठित
निजी चिकित्सक क्लीनिकों की जांच के लिए विभाग द्वारा एक टीम का गठन किया गया है, जिसमें जिला मेडिकल अधिकारी, सिविल सर्जन की ओर से एक अधिकारी, ड्रग कंट्रोलर अधिकारी समेत दो अन्य अधिकारी होंगे। टीम चार फरवरी के बाद सक्रिय होगी।
शहरवासी योग्य चिकित्सकों से अपना इलाज करवाएं इसके लिए नोटिस भेजकर जानकारी एकत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक जिन चिकित्सकों को नोटिस जारी हो चुका है और जिन्होंने औपचारिकताओं को पूरा नहीं किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. अरविंद लोहान, सिविल सर्जन, बीके अस्पताल
फरीदाबाद। सोमवार को जिले के बीस निजी चिकित्सकों को सीएमओ द्वारा नोटिस जारी कर उनके शैक्षणिक सर्टिफिकेट मांगे गए हैं, जो चिकित्सक नोटिस का जवाब नहीं देंगे, उनके यहां छापेमारी के लिए टीम का गठन किया गया है।
जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कड़ा रुख अपनाने जा रहा है। सर्टिफिकेट चेक कर पता लगाया जाएगा कि चिकित्सक की डिग्री सही है या नहीं। सोमवार को सिविल सर्जन की ओर से जिले के विभिन्न इलाकों में 20 चिकित्सकों को नोटिस जारी किए गए। इन चिकित्सकों को सात दिनों के अंदर क्लीनिक के लिए आवश्यक कागज, चिकित्सक के शैक्षिणक योग्यता सर्टिफिकेट, क्लीनिक में जिन दवाओं को रखा जाता है उनकी सूची आदि सीएमओ कार्यालय में देनी होगी।
इसके अलावा कुछ दिनों पहले विभाग द्वारा अन्य 20 चिकित्सकों को भी नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें से अभी तक केवल चार चिकित्सकों ने ही जवाब दिया है। अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, जिन चिकित्सकों ने अभी तक औपचारिकताओं को पूरा नही किया है, उन्हें अंतिम बार संपर्क किया जा रहा है। जिसके बाद चार फरवरी से छापेमारी की जाएगी।
छापेमारी के लिए टीम गठित
निजी चिकित्सक क्लीनिकों की जांच के लिए विभाग द्वारा एक टीम का गठन किया गया है, जिसमें जिला मेडिकल अधिकारी, सिविल सर्जन की ओर से एक अधिकारी, ड्रग कंट्रोलर अधिकारी समेत दो अन्य अधिकारी होंगे। टीम चार फरवरी के बाद सक्रिय होगी।
शहरवासी योग्य चिकित्सकों से अपना इलाज करवाएं इसके लिए नोटिस भेजकर जानकारी एकत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक जिन चिकित्सकों को नोटिस जारी हो चुका है और जिन्होंने औपचारिकताओं को पूरा नहीं किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. अरविंद लोहान, सिविल सर्जन, बीके अस्पताल