फरीदाबाद। डीटीसी की तर्ज पर अब हरियाणा रोडवेज ने अपने सिटी बसों के चालकों को पहचान पत्र जारी करने का निर्णय लिया है। ताकि कोई घटना होने पर उनकी जवाबदेही तय की जा सके।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली जैसी अप्रिय घटना को आधार मानते हुए प्रयास किया जा रहा है कि सरकारी एवं निजी सभी बसों के स्टाफ का रिकार्ड हो। दिल्ली गैंगरेप के बाद वहां सार्वजनिक परिवहन सेवा में कई सुधार किए जा रहे हैं। इसलिए इस दिशा में हरियाणा रोडवेज ने भी काम शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि सिटी बस सेवा के तहत वर्तमान में करीब 86 बसें सड़कों पर हैं। इन पर 269 कर्मी नियुक्त हैं। यातायात प्रबंधक ने बताया कि अभी तक चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य कागजात होते हैं। लेकिन पहचान पत्र जारी करने से यह भी पता चल सकेगा कि चालक किस डिपो पर काम कर रहा है।
बल्लभगढ़ डिपो महाप्रबंधक यशपाल यादव ने बताया कि डिपो से कई निजी बसें भी संचालित होती हैं। इन बसों के कर्मियों के भी पहचान पत्र बनाने की तैयारी है।
फरीदाबाद। डीटीसी की तर्ज पर अब हरियाणा रोडवेज ने अपने सिटी बसों के चालकों को पहचान पत्र जारी करने का निर्णय लिया है। ताकि कोई घटना होने पर उनकी जवाबदेही तय की जा सके।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली जैसी अप्रिय घटना को आधार मानते हुए प्रयास किया जा रहा है कि सरकारी एवं निजी सभी बसों के स्टाफ का रिकार्ड हो। दिल्ली गैंगरेप के बाद वहां सार्वजनिक परिवहन सेवा में कई सुधार किए जा रहे हैं। इसलिए इस दिशा में हरियाणा रोडवेज ने भी काम शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि सिटी बस सेवा के तहत वर्तमान में करीब 86 बसें सड़कों पर हैं। इन पर 269 कर्मी नियुक्त हैं। यातायात प्रबंधक ने बताया कि अभी तक चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य कागजात होते हैं। लेकिन पहचान पत्र जारी करने से यह भी पता चल सकेगा कि चालक किस डिपो पर काम कर रहा है।
बल्लभगढ़ डिपो महाप्रबंधक यशपाल यादव ने बताया कि डिपो से कई निजी बसें भी संचालित होती हैं। इन बसों के कर्मियों के भी पहचान पत्र बनाने की तैयारी है।