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जिले के किसानों ने भी वीरवार को दिल्ली कूच की। इससे पहले उन्होंने शहर और एनएच-334 बी पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने भी किसानों को दिल्ली कूच करने की अनुमति दे दी। हालांकि दादरी का बॉर्डर पार कर झज्जर जिले की सीमा में प्रवेश करने तक पूरी निगरानी रखी गई। दो गुटों में किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए। वहीं, प्रदर्शन के मद्देनजर धारा-144 लागू रही और सात किसान नेताओं को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने की सूचना है।
दिल्ली कूच के आह्वान को देखते हुए जिले में पिछले दो दिनों से किसान नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है। 26 नवंबर तक सात किसान नेताओं को हिरासत में लेने की सूचना थी। इनमें भाकियू जिला अध्यक्ष जगबीर घसोला व रणधीर कुंगड भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि बाढड़ा क्षेत्र के चार किसान नेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। गिरफ्तारी प्रक्रिया के बावजूद जिले के किसानों ने वीरवार दोपहर दिल्ली कूच की। हालांकि दिल्ली कूच करने वाले किसानों की संख्या करीब 40 रही और पुलिस से उनकी किसी प्रकार की नोक-झोंक नहीं हुई। हालांकि जिले के बॉर्डर पर उन्हें रोककर गिरफ्तार करने की चर्चा भी रही लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया।
नए तीन कृषि कानूनों का दिल्ली पहुंचकर विरोध जताने के लिए सुबह करीब दस बजे जिले के किसान पूर्व संसदीय सचिव रणसिंह मान के आवास पर इकट्ठे हुए। वहां उन्होंने बैठक कर दिल्ली कूच की रणनीति तैयार की। करीब साढ़े 11 बजे किसानों ने शहर में प्रदर्शन शुरू किया और बस स्टैंड रोड से कोर्ट रोड और पुराना दिल्ली रोड होते हुए समसपुर टी-प्वाइंट पर पहुंचे। वहां से उन्होंने गाड़ियों में दिल्ली के लिए कूच कर दी। इमलोटा चौकी के सामने एनएच 334-बी पर लगाए गए नाके पर उन्हें रुकवाया गया। पुलिस ने पूछताछ करने के बाद उन्हें जाने की अनुमति दे दी। बता दें कि इमलोटा गांव से आगे झज्जर जिले की सीमा शुरू हो जाती है।
- इन मार्गों पर पुलिस ने लगाए नाके
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए जिले की प्रमुख सड़कों पर पुलिस ने नाकाबंदी की। दादरी-दिल्ली मुख्यमार्ग पर दो जगह नाके लगाए गए। एक नाका अचीना ताल चौकी के सामने तो दूसरा इमलोटा पुलिस चौकी के सामने लगाया गया। वहीं, समसपुर टी-प्वाइंट, कनीना टी-प्वइंट और रावलधी टी-प्वाइंट पर भी नाकाबंदी रही।
- सुबह के समय भी की दिल्ली कूच
सुबह भी जिले से कुछ लोगों ने दिल्ली कूच की। सूत्रों के अनुसार एडवोकेट संजीव तक्ष समेत करीब सात लोग सुबह दिल्ली पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कृषि कानूनों का विरोध जताया।
- किसानों को गिरफ्तार करना प्रजातंत्र पर हमला : रणसिंह मान
नए तीन कृषि कानूनों का विरोध जताने हम दिल्ली जा रहे हैं। सरकार किसानों को गिरफ्तार करने की बात कहकर डराना चाहती है लेकिन किसान किसी से डरने वाले नहीं है। नए तीनों कृषि कानून खेती और किसान को बर्बाद कर देंगे। सरकार ने किसान नेताओं को गिरफ्तार कर प्रजातंत्र पर हमला किया है।
- सुरक्षा के रहे कड़े बंदोबस्त, नहीं हुई कोई हिंसक गतिविधि
किसानों के दिल्ली कूच प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रखे। बुधवार को ही डीसी राजेश जोगपाल और एसपी विनोद कुमार ने पुलिस अधिकारियों और ड्यूटी मजिस्ट्रेट की बैठक लेकर दिशा-निर्देश दिए थे। वीरवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने पैनी नजर रखी।
- जंतर-मंतर पर दादरी के सात लोगों ने दी गिरफ्तारी
किसानों के समर्थन में सुबह दिल्ली के लिए अधिवक्ता संजीव तक्षक के साथ कूच करने वाले छह और लोगों ने जंतर-मंतर पर पहुंचकर गिरफ्तारी दी। इनमें सात साल का किशोर भी शामिल है। बच्चा न केवल जिले में बल्कि पूरे देश से सबसे कम उम्र में गिरफ्तारी देने वाला है।
Police took seven farmers leaders into custody- फोटो : CharkhiDadri
जिले के किसानों ने भी वीरवार को दिल्ली कूच की। इससे पहले उन्होंने शहर और एनएच-334 बी पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने भी किसानों को दिल्ली कूच करने की अनुमति दे दी। हालांकि दादरी का बॉर्डर पार कर झज्जर जिले की सीमा में प्रवेश करने तक पूरी निगरानी रखी गई। दो गुटों में किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए। वहीं, प्रदर्शन के मद्देनजर धारा-144 लागू रही और सात किसान नेताओं को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने की सूचना है।
दिल्ली कूच के आह्वान को देखते हुए जिले में पिछले दो दिनों से किसान नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है। 26 नवंबर तक सात किसान नेताओं को हिरासत में लेने की सूचना थी। इनमें भाकियू जिला अध्यक्ष जगबीर घसोला व रणधीर कुंगड भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि बाढड़ा क्षेत्र के चार किसान नेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। गिरफ्तारी प्रक्रिया के बावजूद जिले के किसानों ने वीरवार दोपहर दिल्ली कूच की। हालांकि दिल्ली कूच करने वाले किसानों की संख्या करीब 40 रही और पुलिस से उनकी किसी प्रकार की नोक-झोंक नहीं हुई। हालांकि जिले के बॉर्डर पर उन्हें रोककर गिरफ्तार करने की चर्चा भी रही लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया।
नए तीन कृषि कानूनों का दिल्ली पहुंचकर विरोध जताने के लिए सुबह करीब दस बजे जिले के किसान पूर्व संसदीय सचिव रणसिंह मान के आवास पर इकट्ठे हुए। वहां उन्होंने बैठक कर दिल्ली कूच की रणनीति तैयार की। करीब साढ़े 11 बजे किसानों ने शहर में प्रदर्शन शुरू किया और बस स्टैंड रोड से कोर्ट रोड और पुराना दिल्ली रोड होते हुए समसपुर टी-प्वाइंट पर पहुंचे। वहां से उन्होंने गाड़ियों में दिल्ली के लिए कूच कर दी। इमलोटा चौकी के सामने एनएच 334-बी पर लगाए गए नाके पर उन्हें रुकवाया गया। पुलिस ने पूछताछ करने के बाद उन्हें जाने की अनुमति दे दी। बता दें कि इमलोटा गांव से आगे झज्जर जिले की सीमा शुरू हो जाती है।
- इन मार्गों पर पुलिस ने लगाए नाके
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए जिले की प्रमुख सड़कों पर पुलिस ने नाकाबंदी की। दादरी-दिल्ली मुख्यमार्ग पर दो जगह नाके लगाए गए। एक नाका अचीना ताल चौकी के सामने तो दूसरा इमलोटा पुलिस चौकी के सामने लगाया गया। वहीं, समसपुर टी-प्वाइंट, कनीना टी-प्वइंट और रावलधी टी-प्वाइंट पर भी नाकाबंदी रही।
- सुबह के समय भी की दिल्ली कूच
सुबह भी जिले से कुछ लोगों ने दिल्ली कूच की। सूत्रों के अनुसार एडवोकेट संजीव तक्ष समेत करीब सात लोग सुबह दिल्ली पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कृषि कानूनों का विरोध जताया।
- किसानों को गिरफ्तार करना प्रजातंत्र पर हमला : रणसिंह मान
नए तीन कृषि कानूनों का विरोध जताने हम दिल्ली जा रहे हैं। सरकार किसानों को गिरफ्तार करने की बात कहकर डराना चाहती है लेकिन किसान किसी से डरने वाले नहीं है। नए तीनों कृषि कानून खेती और किसान को बर्बाद कर देंगे। सरकार ने किसान नेताओं को गिरफ्तार कर प्रजातंत्र पर हमला किया है।
- सुरक्षा के रहे कड़े बंदोबस्त, नहीं हुई कोई हिंसक गतिविधि
किसानों के दिल्ली कूच प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रखे। बुधवार को ही डीसी राजेश जोगपाल और एसपी विनोद कुमार ने पुलिस अधिकारियों और ड्यूटी मजिस्ट्रेट की बैठक लेकर दिशा-निर्देश दिए थे। वीरवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने पैनी नजर रखी।
- जंतर-मंतर पर दादरी के सात लोगों ने दी गिरफ्तारी
किसानों के समर्थन में सुबह दिल्ली के लिए अधिवक्ता संजीव तक्षक के साथ कूच करने वाले छह और लोगों ने जंतर-मंतर पर पहुंचकर गिरफ्तारी दी। इनमें सात साल का किशोर भी शामिल है। बच्चा न केवल जिले में बल्कि पूरे देश से सबसे कम उम्र में गिरफ्तारी देने वाला है।
Police took seven farmers leaders into custody- फोटो : CharkhiDadri