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Ambala News: मेरठ से पहले अंबाला से शुरू हुई थी आजादी की क्रांति, आज पहली बार होगा मंचन

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Tue, 06 Dec 2022 08:30 AM IST
Freedom revolution started from Ambala before Meerut, will be staged for the first time today
अंबाला। अंबाला कैंट स्थित सुभाष पार्क के ओपन थिएटर में मंगलवार सायं को पहली बार ‘दास्तान-ए-अंबाला’ नाटक का मंचन होगा। दावा है कि इससे पहले अंबाला के इतिहास पर इस प्रकार का नाटक नहीं बनाया गया था। इस नाटक का शुभारंभ गृह मंत्री अनिल विज करेंगे। इसमें दर्शाया जाएगा कि किस प्रकार से स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल मेरठ से नहीं, बल्कि अंबाला से फूंका गया था। सोमवार को सुभाष पार्क में दिनभर कलाकार नाटक की रिहर्सल करने में जुट रहे और तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।

आजादी के इतिहास में पढ़ाया गया है कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत मेरठ से हुई, लेकिन इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि आजादी की लड़ाई की शुरुआत मेरठ से भी नौ घंटे पहले अंबाला से शुरू हुई। प्रोफेसर यूवी सिंह, तेजिंदर सिंह वालिया और अतुल यादव जो देश के जाने माने इतिहासकार हैं, उन्होंने अपनी किताबों में भी इसका उल्लेख किया है। अब नाटक के मंचन के माध्यम से इसे दर्शाने की तैयारी है। इसमें सन 1857 में आजादी की पहली लड़ाई में अंबाला के बलिदान का जिक्र है।

नाटक में दिखाया गया है कि अंबाला का नाम अंबाला कैसे पड़ा और कौन-कौन सी चीज यहां खाने पीने के लिए प्रसिद्ध हैं। अंबाला में कौन-कौन से धार्मिक स्थल हैं एवं किन-किन लोगों ने आजादी की पहली लड़ाई में अपना बलिदान दिया। नाटक में अंबाला के शहीद मोहर सिंह और रानी दया कौर का किस्सा भी दर्शकों के लिए खास होगा। नाटक में लगभग 80 कलाकार भाग ले रहे हैं और नाटक छह महीने में तैयार किया गया है ।
वरिष्ठ रंगकर्मी मनीष जोशी का रहेगा निर्देशन
गृह मंत्री अनिल विज के सहयोग से संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित निर्देशक मनीष जोशी के निर्देशन में यह नाटक छह से आठ दिसंबर तक अभिनय रंगमंच एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के तत्वाधान में रोज अंबाला छावनी के सुभाष पार्क में खेला जाएगा। मनीष जोशी ने बताया कि हरियाणा के इतिहास में अभी तक का यह सबसे बड़ा नाटक है। सेट डिजाइन कर्नाटका से आए विशाला आर महाले ने किया है। वहीं कोरियोग्राफी डॉ. राखी दुबे द्वारा की गई है। वस्त्र विन्यास राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्नातक स्नेहा द्वारा की गई। अभिनय प्रशिक्षक के तौर पर शुभम पारीक और हरिशंकर रवि ने अभिनेताओं को प्रशिक्षित किया है। वहीं मंच सामग्री विश्वकर्मा द्वारा तैयार की गई है। नाटक लेखन यशराज शर्मा द्वारा किया गया है। प्रकाश परिकल्पना संगीत श्रीवास्तव द्वारा की गई है । प्रस्तुति सहयोग उमा शंकर एवं गोपी सहगल का है ।
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