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Gorakhpur AIIMS: गोरखपुर एम्स में हॉस्टल से बाहर आए छात्र, इस बात को लेकर दिया धरना

अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Fri, 31 Mar 2023 12:02 PM IST
सार

एम्स मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा प्राथमिकता है। अभी तक रात नौ बजे के नियम का पालन किया जा रहा। छात्र इसे बंदिश मान रहे हैं, छात्रों को रात के समय में कुछ रियायत दी जाएगी। कई और मांगें हैं, जिस पर बातचीत हुई है। एमबीबीएस छात्रों के अभिभावकों को भी इसकी सूचना दी जाएगी।

Students protest outside hostel in Gorakhpur AIIMS
एम्स के सामने धरना देती चिकित्सक। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार

एम्स हॉस्टल का गेट आधी रात तक खोलने, लाइब्रेरी का समय बढ़ाने सहित पांच मांगों को लेकर एमबीबीएस छात्रों ने बुधवार रात कैंपस में धरना दिया। सबसे प्रमुख मांग हॉस्टल गेट को आधी रात खोलने की है। इसके पीछे छात्रों का तर्क है कि वह अब नाबालिग नहीं हैं कि नौ बजे के बाद बाहर नहीं निकल सकते।



उधर, एम्स प्रशासन ने सुरक्षा की दलील देते रात 10:30 तक खोलने की अनुमति पर समझाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस भी पहुंच गई थी, लेकिन उन्हें कैंपस के बाहर ही रखा गया। एमबीबीएस छात्रों को समझाकर लौटाया गया। हालांकि, छात्र अपनी मांग पर अडिग है।


जानकारी के मुताबिक, एम्स के नियमों के तहत रात नौ बजे तक हॉस्टल का गेट बंद कर दिया जाता है। इसके बाद छात्रों को बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है। बीते कुछ दिनों से एम्स के हॉस्टल में रहने वाले छात्र रात 11:30 बजे तक गेट खुला रखने की मांग कर रहे हैं।

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बुधवार रात अचानक एमबीबीएस छात्र कैंपस में आ गए और गेट को देर रात तक खोलने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। धरने की सूचना पाकर एम्स प्रशासन के लोग भी पहुंच गए और छात्रों को समझाने लगे। बाद में एम्स प्रशासन ने रात 10:30 बजे तक गेट खुला रखने की मौखिक अनुमति दे दी, लेकिन छात्र माने नहीं।

छात्रों का कहना है कि उन्हें पढ़ने और घूमने के लिए एम्स प्रशासन को समय देना चाहिए। छात्रों को देर रात शांत कर हॉस्टल में वापस भेजा गया।



छात्रों की एम्स प्रशासन से यह है मांग

  • लाइब्रेरी का टाइम बढ़ाया जाए, छात्र डबल शेयरिंग या फिर ट्रिपल शेयरिंग में रहते हैं। अभी फिलहाल लाइब्रेरी टाइम आठ बजे तक का है।
  • मेस में चार टाइम का पैसा लिया जा रहा है। जबकि, तीन टाइम खाना खिलाया जा रहा है। मेस में कूपन सिस्टम किया जाए, ताकि जितना खाएं, उतने का भुगतान करें।
  • स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी को बदला जाए।
  • हॉस्टल में पांच मिनट लेट एंट्री पर 5,000 की फाइन लगा दी गई है। उसको हटाया जाए।
  • ओपीडी और आईपीडी में छात्रों का इलाज फ्री ऑफ कॉस्ट करवाया जाए।


एम्स मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा प्राथमिकता है। अभी तक रात नौ बजे के नियम का पालन किया जा रहा। छात्र इसे बंदिश मान रहे हैं, छात्रों को रात के समय में कुछ रियायत दी जाएगी। कई और मांगें हैं, जिस पर बातचीत हुई है। एमबीबीएस छात्रों के अभिभावकों को भी इसकी सूचना दी जाएगी।

 

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