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आयुष्मान योजना: 100 से अधिक अस्पतालों के 10 करोड़ फंसे, इलाज के बाद डॉक्टर रुपये के लिए हो रहे परेशान

अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 10 Jun 2023 02:17 PM IST
सार

गोरखपुर जिले में 166 निजी और सरकारी अस्पताल आयुष्मान योजना से जुड़े हैं। इन अस्पतालों में आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का निशुल्क इलाज होता है। हर दिन इन अस्पतालों में करीब 250 से 270 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

Rs 10 crore of more than 100 hospitals stuck in Ayushman scheme
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का निशुल्क इलाज करने वाले 100 से अधिक अस्पतालों के 10 करोड़ रुपये फंसे हैं। यह रुपये इलाज के बाद अस्पतालों के फंसे हुए हैं। इसे लेकर अस्पताल संचालक जब विभाग से कारण जानना चाह रहे हैं, तो उन्हें यह बताया जा रहा है कि कागजात के चक्कर में यह रुपये फंसे हुए हैं।



जानकारी के मुताबिक, जिले में 166 निजी और सरकारी अस्पताल आयुष्मान योजना से जुड़े हैं। इन अस्पतालों में आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का निशुल्क इलाज होता है। हर दिन इन अस्पतालों में करीब 250 से 270 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें जनरल सर्जरी से लेकर बड़ी सर्जरी तक के मरीज शामिल हैं। सर्जरी की बात करें तो करीब 200 के आसपास सर्जरी भी हो रही है। अलग-अलग सर्जरी के अलग-अलग रेट भी आयुष्मान योजना में तय है।


अस्पताल संचालक इन मरीजों का ऑपरेशन तो कर दे रहे हैं, लेकिन सर्जरी के नाम पर रुपये लेने में अस्पताल संचालकों के पसीने छूट जा रहे हैं। नाम न छपने की शर्त पर एक संचालक ने बताया कि ऑपरेशन के बाद रुपये लेना थोड़ा कठिन है। एक भी कागजात अगर वेरीफाई के दौरान छूट जा रहे हैं, तो फिर से नए सिरे से कागजात जमा करने के प्रोसेस शुरू हो जाते हैं। जबकि, नियम के तहत 21 दिन बाद भुगतान हो जाना चाहिए। लेकिन, 50 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं है। एक-एक केस में तीन से चार माह बाद भुगतान हो रहा है। यही वजह है कि 100 से अस्पतालों के करीब 10 करोड़ रुपये फंसे हैं।

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क्लेम करने 21 दिन बाद है भुगतान का नियम

आयुष्मान योजना के तहत अगर किसी मरीज का निजी अस्पतालों में इलाज होता है, तो वह 21 दिन के अंदर क्लेम कर सकता है। क्लेम करने के बाद 21 दिन बाद ही उसका भुगतान करने का नियम है। अगर 21 दिनों के अंदर कोई क्लेम नहीं करता है तो उसे भुगतान नहीं किया जाएगा।

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सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ शत प्रतिशत मरीजाें को दिया जा रहा है। योजना के तहत पूरे प्रदेश में कार्ड बनाने में हम दूसरे स्थान पर हैं। योजना के तहत 177 करोड़ रुपये मरीजों के इलाज में अब तक खर्च किया जा चुका है। अस्पताल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि मरीज का इलाज करते समय एक-एक कागजात सही से अपलोड करें, जिससे की काेई दिक्कत न हो। डाक्यूमेंट के चक्कर में लोगों के रुपये नहीं मिल रहे होंगे।

एक नजर आंकड़ों में
  • 19 लाख 34 हजार लाभार्थी
  • सात लाख 955 कार्ड अब तक बनाए गए हैं।
  • मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों को 177 करोड़ रुपये अब भुगतान अब तक किया जा चुका है।


 
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