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लिव इन का परिणाम: दिल के टुकड़े तो कर डाले, बस शरीर ही बचा सलामत

अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 10 Jun 2023 06:39 PM IST
सार

मोहब्बत का झांसा और साथ निभाने का वादा करके दरिंदे लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली युवतियों की जिंदगी तबाह करके छोड़ दे रहे हैं। कभी पढ़ाई के दौरान तो कभी सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती में आई ऐसी कई युवतियों की जिंदगी में अब पछतावे के सिवा कुछ नहीं बचा है।

lives of many girls living in live in relationships have been ruined
सांकेतिक फोटो। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
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बीते कुछ माह में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली प्रेम कहानियों का जैसे दर्दनाक तरीके से अंत और ‘भरोसे’ की हत्या हुई, उसने लिव-इन रिलेशनशिप पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। इन संबंधों में बर्बरता, वहशीपन और इंसानियत को शर्मसार कर देने की सारी मर्यादाएं टूट गई हैं।



ऐसे मामले यह सोचने को मजबूर कर देते हैं कि कोई इंसान अपनी ही प्रेमिका के साथ ऐसी दरिंदगी कर सकता है। बीते साल दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड ने शुरू हुआ सिलसिला अब भले ही मुंबई की सरस्वती तक पहुंच गया हो, लेकिन बीच में ऐसी भी कई युवतियां हैं जिनकी बस शरीर ही सही सलामत है, दिल के कई टुकड़े हो चुके हैं।


मोहब्बत का झांसा और साथ निभाने का वादा करके दरिंदे लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली युवतियों की जिंदगी तबाह करके छोड़ दे रहे हैं। कभी पढ़ाई के दौरान तो कभी सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती में आई ऐसी कई युवतियों की जिंदगी में अब पछतावे के सिवा कुछ नहीं बचा है। इस पछतावे में कुछ ने तो अपनी जिंदगी खत्म कर ली, लेकिन कुछ की जिंदगी का मकसद दरिंदों को सजा दिलाने का रह गया है।

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केस एक

पिता के बुढ़ापे की लाठी बनना चाहती थी....तबाह हो गई
05 मई 2023: कैंट पुलिस ने झंगहा के गहिरा निवासी रंजित पासवान को जेल भेजा। दरअसल, रंजित कैंट इलाके में रहकर पढ़ाई करने वाली युवती संग चार साल तक लिव इन रिलेशन में रहा था। इस बीच उसने दूसरी जगह शादी की तैयारी कर ली। हल्दी की रस्म भी हो गई थी, लेकिन इसी बीच युवती को पता चल गया और आरोपी को जेल भेज दिया गया।

युवती कहती हैं, उसकी जिंदगी तबाह हो चुकी है। पढ़कर लिखकर कुछ हासिल करना चाहती थी। सोची थी कि मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी बनूंगी। लेकिन, दरिंदे की वजह से सब कुछ बदल गया। अब तो घरवाले बात ही नहीं कर रहे हैं। युवती आज भी संघर्ष कर रही है और खुद ही न्यायालय में पैरवी कर रही है, ताकि उसकी जिंदगी को तबाह करने वाला दरिंदा बाहर न आने आए।

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केस दो
नौकरी तक छूट गई, अब तो उसकी जिंदगी तबाह करना ही मकसद

27 मई 2023: रामगढ़ताल पुलिस ने टीटीई सतीश कुमार को जेल भेजा था। युवती बताती है, वह एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करती थी। लखनऊ आते-जाते उसकी मुलाकात आरोपी टीटीई से हो गई। एक बार उसने सीट दिला दी। फिर क्या आते-जाते बातों में फंसा लिया। युवती को बताया कि उसका तलाक हो चुका है और अब फिर से जिंदगी बसाना चाहता है।

युवती उसकी बातों में आ गई और उसका आर्थिक सहयोग करने के साथ ही गोरखपुर चली आई। फिर पता चला कि टीटीई का तलाक नहीं हुआ और उसने शादी से इन्कार कर दिया। युवती कहती है, अब तो उसकी नौकरी भी जा चुकी है। जिंदगी तो तबाह हो ही गई है। अब तो जिंदगी का एक ही मकसद है कि आरोपी की जिंदगी भी मेरी तरह ही तबाह हो जाए।
 

केस तीन

पिता का साया पहले ही उठ गया, अब उसने कहीं का नहीं छोड़ा
26 अप्रैल 2023: तिवारीपुर पुलिस के पास भी ऐसी ही एक युवती ने प्रार्थना पत्र दिया था। केस दर्ज कर पुलिस ने आरोपी सन्नी को जेल भेजा। युवती बताती है, वह नेपाल के बुटवल की रहने वाली है। उसके पिता की मौत हो चुकी है। 13 दिसंबर 2019 को रिश्तेदारों की मौजूदगी में मंदिर में शादी करने के बाद तिवारीपुर क्षेत्र में किराए पर कमरा लेकर रहती थी। दो वर्ष पहले बेटी पैदा होने के बाद कोर्ट मैरिज करने की बात की, तो सन्नी आनाकानी करने लगा। अब बेटी को साथ लेकर वह जिंदगी काट रही है। कहती है, सिर से पिता का साया तो पहले ही उठ गया था और प्यार का झांसा देकर सन्नी ने जिंदगी बर्बाद कर दी। बेटी को पढ़ाना और आरोपी को सजा दिलाना ही उसका मकसद है।

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केस चार
झूठी मोहब्बत में चंदौली से लाया...सड़क किनारे मार डाला
03 जनवरी 2023:  पुलिस ने बेलीपार के मारुति नंदन मौर्या को जेल भेजा था। जांच में पता चला कि चंदौली निवासी रेलकर्मी रामरतन की बेटी सरिता को मारुति नंदन प्रेम जाल में फंसा कर लाया था। दो साल तक उसके साथ रहा और फिर उसे जिंदगी से हटाने का फैसला कर लिया। उसने लखनऊ से अपनी प्रेमिका को घरवालों से मिलाने के बहाने गांव में बुलाया। रास्ते में बाइक से लेने के बाद सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया था। उधर, पिता कई साल से उसकी तलाश में थे और जब उन्हें मौत की जानकारी मिली तो पांव तले जमीन ही खिसक गई थी।

समाजशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर दीपेंद्र मोहन सिंह ने कहा कि विवाह स्त्री व पुरुष को पारिवारिक जीवन में प्रवेश कराने की एक संस्था है। वैवाहिक संबंधों के स्थायित्व का मूलतत्व अंतर्निर्भरता है। वैवाहिक संबंधों में बंधे स्त्री और पुरुष अलग-अलग परिवेश से आते हैं, इस कारण कई बिंदुओं पर असहमति हो सकती है। लेकिन, वैवाहिक संबंध समय के साथ मजबूत बनते हैं। वर्तमान परिदृश्य में लिव इन रिलेशनशिप जैसे संबंधों में उत्तरदायित्वों के बजाय अधिकारों पर बल दिया जा रहा है। आत्मकेंद्रितता एवं स्वश्रेष्ठता के कारण युवाओं में अपने जीवनसाथी के प्रति हीनता का भाव उत्पन्न हो रहा है, जिसकी परिणति अनेक घटनाओं को रूप में सामने आ रही है।




 

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