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Train Accident: पूर्वोत्तर रेलवे को अभी नहीं मिला है 'कवच', कैसे रुकेगा ट्रेन हादसा

संवाद न्यूज एजेंसी गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Mon, 05 Jun 2023 04:53 PM IST
सार

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे आधुनिकीकरण की ओर अग्रसर है तथा संरक्षा को प्रमुख प्राथमिकता पर रखते कार्य किया जा रहा है। गोरखपुर-लखनऊ के मध्य ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का कार्य प्रगति पर है, अन्य स्वीकृत मार्गों पर भी कार्ययोजना बनाई जा रही है।

Kavach will prevent head on collision of trains
भारतीय रेल - फोटो : शटरस्टॉक्स

विस्तार
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ओडिसा के बालासोर जिले के बहनागा स्टेशन जैसी ट्रेन दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए पूर्वोत्तर रेलवे कवच तकनीकी का इस्तेमाल करेगा। पूर्वोत्तर रेलवे ने स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) को लगाने की योजना बनाई है। रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर-बाराबंकी रूट के लिए 467 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। शुरूआत करने के लिए आम बजट में सात करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है।



ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों में तीन-तरफा दुर्घटना गत दिनों हुई, जिसमें लगभग 300 यात्रियों की जान चली गई जबकि 900 घायल हो गए। इसके बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने ट्रेनों की आमने सामने की टक्कर रोकने के लिए कवच तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया है।


पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक कवच तकनीक से अगर एक ट्रैक पर दो ट्रेनें आ भी जाएं तो एक निश्चित दूरी पर दोनों ट्रेनें खुद-ब-खुद रुक जाएंगी। लाल सिग्नल पार होते ही ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाएगा। साथ ही पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेनें बंद हो जाएंगी। पीछे से आने वाली ट्रेन को भी कवच बचा लेगा। पूर्वोत्तर रेलवे के 10 अलग-अलग रूटों के 1440 किलोमीटर ट्रैक पर कवच तकनीक लगाने की योजना है।

यह है कवच की खासियत

कवच की कई खासियत भी है। इस तकनीक से ट्रेन चलाते समय लोको पॉयलट के सभी क्रियाकलापों मसलन ब्रेक, हार्न, थ्रोटल हैंडल आदि की निगरानी होती रहेगी। अगर लोको पायलट (ड्राइवर) से चूक होती है तो पहले ऑडियो-वीडियो के माध्यम से अलर्ट आएगा। यदि इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है तो चलती ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा। इसके अलावा ट्रेन को निर्धारित से अधिक गति पर चलने नहीं देगा। कवच प्रणाली जीपीएस, रेडियो फ्रीक्वेंसी आदि तकनीक से संचालित होगा।

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पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे आधुनिकीकरण की ओर अग्रसर है तथा संरक्षा को प्रमुख प्राथमिकता पर रखते कार्य किया जा रहा है। गोरखपुर-लखनऊ के मध्य ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का कार्य प्रगति पर है, अन्य स्वीकृत मार्गों पर भी कार्ययोजना बनाई जा रही है। प्रमुख मार्गों पर कवच सिस्टम लगाए जाने का कार्य स्वीकृत है। इस बजट में इसके लिए प्रावधान किया गया है।
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