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गोरखपुर: BRD के जूनियर डॉक्टर इलाज से ज्यादा करते हैं मरीजों की पिटाई, नहीं लग रहा डॉक्टरों के आतंक पर काबू

अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 03 Jun 2023 11:59 AM IST
सार

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों को सख्त हिदायत दी गई है कि अगर वह मारपीट करते हैं तो उनके खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Junior doctors of BRD do more beating of patients than treatment
BRD - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
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बीआरडी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डाॅक्टरों के आतंक की कहानी कोई नई नहीं है। इलाज से ज्यादा जूनियर डॉक्टरों की चर्चा उनके मारपीट के कारनामों की होती है। मरीजों से लेकर तीमारदारों को पीटना उनकी आदतों में शुमार है। बात-बात पर पीटते हैं। कोई इलाज के बारे में पूछे तो पिटाई। सही इलाज को कहे तो पिटाई। मोबाइल निकाले तो भी पिटाई। इलाज से ज्यादा जूनियर डॉक्टर पिटाई करते हैं।



अब तक जितने भी मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मारपीट मेडिसिन और सर्जरी विभाग के जूनियर डॉक्टरों ने ही की है। बताया जा रहा है कि इन जूनियर डॉक्टरों को कुछ सीनियर डॉक्टरों का शह है, जो उन्हें हर बार बचा लेते हैं। कई मामलों में पुलिस के सामने भी मरीज और तीमारदार पीटे गए हैं। केस भी दर्ज हुआ है। इसके बाद भी इनकी आदतों में सुधार नहीं हो रहा है। इन पर न तो पुलिस का वश चल रहा है और न ही कॉलेज प्रशासन का, जिसकी वजह से यह बेखौफ हो चुके हैं।


कॉलेज प्रशासन उन सीनियर डॉक्टरों के कहने पर इन जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ ऐसी रिपोर्ट तैयार करता है, जो कार्रवाई के नाम पर केवल निलंबन तक ही सीमित रह जाता है। इसकी वजह से उनका हौसला और बढ़ता गया। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि तीमारदार अगर मरीज के बारे में कुछ भी पूछ लें तो उन्हें डांटकर भगा देते हैं।

अगर एक से दो बार और कोई सवाल-जवाब कर लें तो गाली देना शुरू कर देते हैं। जरा भी विरोध करने पर तत्काल तीमारदारों और मरीजों को पीटने का सिलसिला शुरू हो जाता है। यही कारण है कि मरीज अब इतना डर गए हैं कि वह बीआरडी में इलाज कराने से भी कतराने लगे हैं। बेहद मजबूरी में ही जा रहे हैं।

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इलाज के बारे में पूछा तो पिटाई

गुलरिहा थाना में तैनात एक होमगार्ड का रिश्तेदार भर्ती था। कुछ तीमारदार मरीज को देखने आए। इस पर एक तीमारदार ने इलाज के बारे में पूछने की गुस्ताखी कर ली तो जूनियर डॉक्टरों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद मरीज को भी भगा दिया। मामले में केस दर्ज कराने पर फिर से पीटने की धमकी दी गई। इस पर परिजन बिना केस दर्ज कराए ही घर चले गए।

जल्द इलाज को कहने पर पिटाई
कुशीनगर जिले के रामकोला की एक महिला जहरखुरानी की शिकार हो गई थी। परिजन इलाज के लिए बीआरडी लाए। इस दौरान महिला के एक रिश्तेदार ने जल्द इलाज करने की बात कही तो जूनियर डाॅक्टरों ने पीट दिया। पुलिस पहुंची तो किसी तरह मामला शांत हुआ। अंत में परिजन मरीज को लेकर निजी अस्पताल चले गए। इसी तरह दर्जनों ऐसे केस हैं, जहां पर जूनियर डॉक्टरों ने मरीजों और तीमारदारों को बुरी तरह पीटा, लेकिन परिजन डर की वजह से किसी ने शिकायत तक नहीं की।

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दिव्यांग की पिटाई पर दो माह के निलंबन की सजा
इसी साल तीन फरवरी को मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में देवरिया के मदनपुर निवासी शैला देवी को देखने आए उनके दिव्यांग भतीजे अजय को जूनियर डॉक्टरों ने बुरी तरह पीटा। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर जब वायरल हुआ तो पुलिस हरकत में आई। इसके बाद मामले में केस दर्ज हुआ। कॉलेज प्रशासन ने पांच डॉक्टरों को सजा के तौर पर दो माह तक निलंबित कर दिया है। जबकि, पुलिस ने पहली बार काफी दबाव के बाद पांच डॉक्टरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी मेडिसिन और सर्जरी विभाग में मरीज और उनके तीमारदारों द्वारा मोबाइल फोन निकालना भी गुनाह है। अगर किसी ने निकाल लिया तो जूनियर डॉक्टर उसे डांटकर मोबाइल बंद करा देते हैं। इस बीच अगर विवाद हो गया और कोई मोबाइल से वीडियो बना लिया तो उसका छीनकर उसे फार्मेट कर देते हैं। साथ ही मारते पीटते भी हैं।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों को सख्त हिदायत दी गई है कि अगर वह मारपीट करते हैं तो उनके खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कॉलेज प्रशासन अपने नियम के तहत भी उन पर कड़ी कार्रवाई करेगा। जल्द ही जूनियर डॉक्टरों की काउंसिलिंग भी कराई जाएगी।

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प्राचार्य से पीड़ित और उनकी पत्नी ने की मुलाकात
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में मारपीट में घायल संदीप और उसकी पत्नी अंकिता ने शुक्रवार को प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार से मुलाकात की है। प्राचार्य ने पूरे मामले की जानकारी ली है। साथ ही आश्वासन दिया है कि डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बताया जा रहा है कि इस मामले की रिपोर्ट शासन ने प्राचार्य से मांगी है। उधर, मरीज की पत्नी अंकिता की तहरीर पर गुलरिहा पुलिस ने बंधक बनाकर मारपीट करने, बलवा और धमकी देने की रिपोर्ट महिला डॉक्टर समेत आठ अन्य डॉक्टरों पर दर्ज की है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

जांच के लिए बनाई गई कमेटी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार राय ने बताया कि घटना बेहद निंदनीय है। पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर कॉलेज प्रशासन अग्रिम कार्रवाई करेगा।






 
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