एसपी ट्रैफिक डॉ. एमपी सिंह ने कहा कि चौराहों पर तैनात यातायात पुलिसकर्मियों से कहा गया है कि वे किसी से कोई बहस न करें। वाहन चालक ने जो अपराध किया है। उसी के आधार पर उसका चालान काटकर जुर्माना जमा कराएं। किसी तरह के विवाद से बचने के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है।
गाड़ियों का चालान करते यातायात पुलिसकर्मी।
- फोटो : अमर उजाला।
किसी चौराहे या रेड लाइट के पास कोई होमगार्ड मोबाइल से आपका फोटो खींचते दिखाई दे तो मुस्कुराने की घबराने की जरूरत है। वह आपकी सुंदर तस्वीर नहीं चालान काट रहा होता है। यदि आप तब फोटो खींचता देख मुस्कुराए होंगे तो वही तस्वीर चालान में दोबारा पसीने छुड़ाएगी, जब गाड़ी ट्रांसफर करवाने आरटीओ ऑफिस जाएंगे। ऐेसे तमाम मामले आरटीओ ऑफिस में रोजाना सामने आ रहे हैं।
मंगलवार की दोपहर 12.10 बजे मोहद्दीपुर चौराहे पर कूड़ाघाट की तरफ आने वाली लेन में बाईं तरफ ट्रैफिक में लगे एक होमगार्ड जवान लोगों को आगे बढ़ने के लिए कह रहे थे। तभी एक बाइक पर सवार दो लोग पहुंच गए। उनके बाइक रोकने पर होमगार्ड ने मोबाइल से फोटो खींच ली। इसकी जानकारी युवकों को नहीं को सकी।
कुछ ऐसा ही नजारा शास्त्री चौराहे पर नजर आया। दोपहर 03.30 बजे शास्त्री चौराहे पर बेतियाहाता से गोलघर की तरफ जाने वाला रूट बंद था। उसी समय एक बाइक सवार बिना हेलमेट पहने पहुंचा। उसकी बाइक पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी थी। बाइक सवार को देखते ही चौराहे पर मौजूद यातायात पुलिस ने मोबाइल से तस्वीर ले ली। ऐसा रोजाना ही शहर के चौराहों पर होता है, जहां यातायात पुलिसकर्मी लोगों की चुपके से फोटो खींचकर चालान काट देते हैं।
बशारतपुर के रहने वाले डॉ. एम मैनुल अपनी कार बेचना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने आरटीओ के अधिवक्ता से संपर्क किया। वाहन का पंजीकरण स्थानांतरित कराने के दौरान मालूम हुआ कि उनके दो अलग-अलग 1500 रुपये का चालान कटे हुए थे। इसमें एक पार्किंग के नियमों के उल्लंघन का आरोप था तो दूसरा वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का चालान कटा हुआ था। उन्होंने जब इसका जुर्माना जमा कराया तब जाकर उनको राहत मिली।
केस दो
रुस्तमपुर निवासी राधेश्याम ने राजघाट के लाला की स्कूटी खरीदी। 22 हजार में सौदा तय हो गया। वाहन का पंजीकरण स्थानांतरित कराने के लिए आवेदन करने पर मालूम हुआ कि बिना हेलमेट के बाइक चलाने के आरोप में एक हजार रुपये का चालान कटा हुआ है। उन्होंने ई चालान जमा कराया तब उनको नया रजिस्ट्रेशन पेपर मिल सका।
ये दो केस महज बानगी भर हैं। आरटीओ में रोजाना तीन से चार मामले ऐसे आते हैं। वाहन स्वामियों को चालान कटने की जानकारी नहीं होती है। वाहन बेचने-खरीदने के दौरान ऑनलाइन आवेदन करने चालान की जानकारी होती है। ऐसे में यदि किसी का पेपर कोर्ट चला गया है तो उसे कचहरी के चक्कर काटने में हफ्ते दिन लग जाते हैं।
चालान लंबित तो आरसी लॉक
जानकारों का कहना है कि लंबित चालान की स्थिति में वाहन की आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) लॉक हो जाती है। अगर आप आरसी को किसी और के नाम पर ट्रांसफर कराना चाहते हैं तो चालान जमा कराए बिना प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। पुलिस के चालान काटने के 90 दिनों के भीतर ई चालान जमा कराने की सुविधा है। इसके बाद कोर्ट में चालान जमा होगा।
शहर के विभिन्न चौराहों पर तैनात यातायात पुलिसकर्मी गुपचुप चालान काटते हैं। एसपी ट्रैफिक की तरफ से उनको सख्त हिदायत है कि किसी से बिना कोई बहस किए ही चालान काट दें। शहर के विभिन्न चौराहों पर ऐसा देखने को भी मिलता है। यातायात पुलिसकर्मी मोबाइल फोन से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की फोटो खींच लेते हैं। फिर उसे सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के एप पर डाल देते हैं। हाल के दिनों में हुए चालान में नो पार्किंग, बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने, सीट बेल्ट न बांधने सहित अन्य का सर्वाधिक जुर्माना लगा है।
आरटीओ में रोजाना तीन से चार ऐसे मामले आते हैं, जिनमें लोगों को उनके वाहन के चालान होने की जानकारी नहीं होती है। ऐसे लोगों का शमन शुल्क जमा कराया जाता है।-नित्यानंद मिश्रा, अधिवक्ता।
मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होना भी वजह
10 से 12 साल पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है। इस वजह से चालान कटने से लोगों को जानकारी नहीं हो पा रही। यातायात पुलिस को चाहिए कि वाहन चालक को सूचना जरूर दें।- अमन गुप्ता, अधिवक्ता।
टीआई का काम कर रहे होमगार्ड
नो पार्किंग, बिना हेलमेट बाइक चलाने, सीट बेल्ट न बांधने जैसे मामले ज्यादा आते हैं। पुलिस चुपके से चालान काट देती है। इसका पता लोगों को नहीं लग पाता है। -प्रभात शुक्ला, अधिवक्ता।
विवाद से बचने को ऐसी व्यवस्था
चालान काटने का अधिकार सिर्फ टीएसआई या टीआई को होना चाहिए। पीआरडी जवान और होमगार्ड अपने टीएसआई का मोबाइल लेकर फोटो खींच लेते हैं। पूर्व में चालान की सूचना रजिस्ट्री डाक से घर भेजने की व्यवस्था की गई थी।- अखंड प्रताप सिंह, अधिवक्ता
एसपी ट्रैफिक डॉ. एमपी सिंह ने कहा कि चौराहों पर तैनात यातायात पुलिसकर्मियों से कहा गया है कि वे किसी से कोई बहस न करें। वाहन चालक ने जो अपराध किया है। उसी के आधार पर उसका चालान काटकर जुर्माना जमा कराएं। किसी तरह के विवाद से बचने के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है। चालान की प्रक्रिया की दौरान अक्सर लोग पुलिसकर्मियाें से उलझ जाते हैं। इसकी वजह से दुर्व्यवहार करने की शिकायतें भी आती हैं। सभी लोग यातायात नियमों का पालन करें। अपना मोबाइल नंबर वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ अपडेट कराएं, जिससे उनको चालान कटने की सूचना तत्काल मिल जाएगी। चालान कोई टारगेट फिक्स नहीं है।
आरटीओ प्रवर्तन विजय कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे मामले अक्सर ही सामने आते हैं। जिनका मोबाइल नंबर अपडेट है। उनको तो तुरंत सूचना मिल जाती है। पुराने वाहनों के नंबर सही नहीं होते हैं। कई बार लोग नए-नए नंबर इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से भी उनको सूचना नहीं मिल पाती है।
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