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प्रदेश में जहां भी सीएचसी पर पीकू की सुविधा वहां लगाए जाएंगे हेल्थ एटीएम : मुख्यमंत्री योगी

Gorakhpur Bureau गोरखपुर ब्यूरो
Updated Mon, 05 Jun 2023 01:24 AM IST
Health ATMs will be installed at CHCs wherever the facility of Piku is in the state: Chief Minister Yogi
प्रदेश में जहां भी सीएचसी पर पीकू की सुविधा वहां लगाए जाएंगे हेल्थ एटीएम : मुख्यमंत्री योगी

सीएम ने भटहट से जिले के पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पीडियाट्रिक आईसीयू का किया लोकार्पण
भटहट, पाली, सहजनवां, बांसगांव और हरनही सीएचसी पर मिली पीकू की सुविधा
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड ने सीईआर फंड से कराया है पीकू का निर्माण
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के जिन सीएचसी पर पीडियाट्रिक आईसीयू की सुविधा शुरू की गई है, वहां पर हेल्थ एटीएम भी लगाए जाएंगे। हेल्थ एटीएम लगने से लोगों को 60 तरह की जांच की सुविधा मिल सकेगी। टेली कंसलटेंसी के जरिए गोरखपुर, लखनऊ, दिल्ली तक के विशेषज्ञ डॉक्टरों से 10 से 15 मिनट के अंदर परामर्श भी ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी, रविवार को भटहट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से भटहट, सहजनवां, पाली, बांसगांव और हरनही सीएचसी पर पीकू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साथ पांच सीएचसी पर पीडियाट्रिक आईसीयू का शुरू होना बहुत बड़ी उपलब्धि है। पीकू, बाल मरीजों के संकट का साथी है। मुख्यमंत्री ने पीकू निर्माण के लिए हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) को धन्यवाद देते हुए कहा कि खाद उत्पादन के साथ ही यह अपनी सामाजिक प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ा रहा है। इसकी तरफ से 14 स्वास्थ्य केंद्रों में पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने का काम शुरू किया गया है। इन सभी पांच पीकू का निर्माण एचयूआरएल ने कॉरपोरेट एनवायरनमेंट रिस्पांसबिलिटी (सीईआर) फंड से कराया है। सांसद रवि किशन शुक्ल और पिपराइच विधायक महेंद्रपाल सिंह ने भी संबोधित किया। स्वागत एचयूआरएल के चेयरमैन देबाशीष नंदा ने किया।

इस मौके पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक श्रीराम चौहान, प्रदीप शुक्ल, कमिश्नर रवि कुमार एनजी, एडीजी जोन अखिल कुमार, आईजी जे. रविंद्र गौड़, डीएम कृष्णा करुणेश, एसएसपी गौरव ग्रोवर, जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर, सीडीओ संजय मीना, सीएमओ डॉ. आशुतोष दूबे आदि मौजूद रहे।
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36 जिलों में नहीं थे एक भी आईसीयू के बेड
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जब मरीजों को सांस लेने की दिक्कत आनी शुरू हुई तो आईसीयू बेड की मांग आने लगी। उस दौरान पता किया गया कि तो जानकारी मिली कि प्रदेश के 36 जिलों में एक भी आईसीयू बेड नहीं थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ने हर जिले में आईसीयू के 10-10 बेड और उनके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की व्यवस्था की। डबल इंजन की सरकार ने कोरोना प्रबंधन के बल पर उत्तर प्रदेश मौत के आंकड़ों को न्यूनतम करने में सफलता हासिल की। ।
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इंसेफेलाइटिस का इतिहास दर्दनाक रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार दशक तक पूर्वांचल के गोरखपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, बलरामपुर, बहराइच, संतकबीरनगर जैसे जिलों में मस्तिष्क ज्वर (इंसेफेलाइटिस) का इतिहास दर्दनाक रहा है। 2017 से पहले इन जिलों के हर वर्ष 1500 से अधिक बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस से हो जाती थी। गरीब बच्चे इलाज के लिए तड़पते थे। लेकिन, इसके बाद भी न तो उन्हें दवा मिलती थी और न ही उपचार। अगर बच्चे किसी तरह बच भी जाते थे तो वह किसी ने किसी रूप में दिव्यांगता के शिकार हो जाते थे। लेकिन, सभी विभागों के सहयोग से आज इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया है। अब इस बीमारी से एक भी बच्चे की मौत नहीं होती है। यह संभव सर्विलांस के जरिए हुआ है। शुद्ध जल, स्वच्छता, पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज की वजह से इस पर अंकुश लगा है।
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पहले भटहट आने में एक घंटे लगना था, अब 12 मिनट
मुख्यमंत्री ने कहा कि शानदार सड़कें और बेहतर कनेक्टिविटी की देन है कि गोरखनाथ मंदिर से भटहट आने में पहले एक घंटा लगता था, लेकिन अब यही रास्ता केवल 12 मिनट में तय कर लिया जा रहा है। आने वाले दिनों में भटहट, पिपराइच, पीपीगंज जैसे क्षेत्र गोरखपुर के शहरी क्षेत्र में शामिल हो जाएंगे। भटहट एक तरह का जंक्शन है। यहां पर गोरखपुर और महराजगंज के श्यामदेउरवा, परतावल से भी मरीज आते हैं। कहा कि कभी खाद कारखाना, एम्स के बारे में सोचा भी नहीं जाता था। आज यह हकीकत बन चुके हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी सेवा मिल रही है। उन्होंने भटहट सीएचसी की तारीफ करते हुए डॉक्टरों सहित अन्य सुविधाएं बढ़ाने का आश्वासन भी दिया।
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14 स्वास्थ्य केंद्रों पर पीकू के लिए 24 करोड़ खर्च होंगे
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड सीईआर फंड से जिले में 14 पीकू का निर्माण करा रहा है। इसमें लगभग 24 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। अब तक सात चिकित्सा इकाइयों (जंगल कौड़िया, चरगावां, भटहट, पाली, सहजनवा, बांसगांव व हरनही) में पीकू का निर्माण हो चुका है। दो पीकू (जंगल कौड़िया व चरगांवा) का लोकार्पण मुख्यमंत्री छह मार्च को ही कर चुके हैं।
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अत्याधुनिक उपकरण से लैस हैं पीकू, मिलेगी 24 घंटे सेवा
लोकार्पण के साथ ही पीकू वार्ड नियमित संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की गाइडलाइन के अनुसार इन पीकू पर पर्याप्त संख्या में बाल रोग विशेषज्ञ, योग्य डॉक्टर, स्टाफ नर्स, टेक्नीशियन, ऑपरेटर, लैब टेक्नीशियन व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। पीकू में सक्शन उपकरण, रक्त गैस विश्लेषक (एबीजी), ओवरहेड वार्मर, मल्टी पैरा कार्डिएक मॉनिटर, वेंटिलेटर, ओवरहेड बेड, डिफ़िब्रिलेटर्स, सिरिंज पंप, रिवाल्विंग स्टूल, बेड साइड लॉकर, पीकू बिस्तर, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर एवं सिलिंडर जैसे उपकरण व संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं।
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