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गोरखपुर में नकली सोना मामला: हेराफेरी में खानदान पर रोक लगी तो संबंधियों के नाम लिया लाइसेंस
संवाद न्यूज एजेंसी गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Sat, 01 Apr 2023 02:53 PM IST
हॉलमार्किंग के मामले में हेराफेरी पर सख्ती बरतते हुए संबंधित के खानदान को सोने का कारोबार करने पर रोक लगाई गई, तो धांधली करने वाले ने नया पैतरा आजमाते हुए संबंधियों के नाम लाइसेंस ले लिया।
सराफा बाजार के कुछ हॉलमार्किंग सेंटर को पिछले दिनों बीआईएस ने निलंबित कर दिया था। बाजार में एक व्यापारी के बेटे और साढ़ू के साथ ही अन्य रिश्तेदारों के नाम से फिर हॉलमार्क के धंधे में आने की खूब चर्चा हो रही है। चर्चा है कि एक सराफा व्यापारी सात अप्रैल को अपनी नई दुकान का उद्घाटन भी करने जा रहा था। इसी बीच यह मामला हो गया। चर्चा यह भी है कि जिस कारोबार का पंजीकृत काम अमर जौहरी करता था, उसी से ज़ुड़ा व्यापारी अब व्यापार करने की तैयारी में है।
बिना पंजीकरण के ही कर रहे रिफाइनरी
किसी भी रिफाइनरी सेंटर के लिए पंजीकरण जरूरी होता है। नियम के मुताबिक उन्हें पहले लैब बनाना होगा। गोल्ड रिफाइनरी मशीन की गुणवत्ता की जांच भारतीय मानक ब्यूरो से करवाएंगे। तय मानकों और कारीगरों द्वारा ही संचालित किया जाना है। इसके लिए उन्हें सभी जरूरी कागजातों को जमा करना होता है जिसके सत्यापन के बाद रिफाइनरी का पंजीकरण होता है। इसमें प्रदूषण विभाग से अनापत्ति सबसे जरूरी होता है। इसी के बाद रिफाइनरी सेंटर सोने को परखने के लिए अधिकृत होता है।
केस 1
छह महीने पहले रमेश वर्मा की गिरफ्तारी डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने की थी। तस्करी में उसके पास से एक किलो अवैध सोना बरामद हुआ। पूछताछ में उसने गोरखपुर सराफा बाजार के एक व्यापारी का नाम बताया। डीआरआई की टीम उस व्यापारी की दुकान पर भी जा चुकी है। लेकिन, वह दुकान पर नहीं मिला।
केस 2
तीन साल पहले सराफा मंडल के तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष शरत चंद्र अग्रहरि को सोने की तस्करी के आरोप में डीआरआई ने गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उसके पास से सात किलो अवैध सोना (तस्करी का) बरामद हुआ था। डीआरआई की टीम ने सोने की तस्करी के संदेह में गिरफ्तारी कर रैकेट की जांच की थी। दिल्ली के एक कारोबारी से भी पूछताछ हुई थी। फिलहाल वह जमानत पर है और जांच चल रही।
आज से बिना हालमार्क एक ग्राम सोना भी दुकान पर नहीं रख सकेंगे
सराफा व्यापारी आज से सोने-चांदी के जेवरों को बिना मार्का निशान के दुकान पर नहीं रख सकेंगे। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक अप्रैल से बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) वाले सोने के गहनों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री पर रोक लगा दी है। जांच में अगर बिना मार्का का सोना मिला तो पंजीकरण तक रद्द हो सकता है।
नए नियमों के तहत, एक अप्रैल से चार डिजिट वाली हॉलमार्किंग पूरी तरह बंद हो जाएगी। सिर्फ छह अंक वाली अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य होगा। हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन में छह अंकों का कोड होगा, जिसमें संख्याएं और अक्षर होंगे। इस नंबर की मदद से ज्वेलरी से संबंधित हर एक जानकारी मिल जाएगी। जैसे, ज्वेलरी की शुद्धता, वजन और इसे किसने खरीदा है? सराफा व्यापारियों को इसकी सूचना बीआईएस के पोर्टल पर भी अपलोड करनी होगी।
सरकार की ओर से जारी नियमों के अनुसार ही अब सराफा कारोबारी व्यापार कर सकेंगे। सोने-चांदी के आभूषण या ठोस पदार्थों पर भी एचयूआईडी मार्का जरूरी होगा। : पुष्पदंत जैन, संरक्षक सराफा मंडल
सोने के फर्जी कारोबार ने बढ़ाई महिलाओं की चिंता
गोरखपुर में इन दिनों सराफा बाजार में फर्जी हॉलमार्किंग से सोने की खरीदारी का मामला चर्चा में है। सोने के फर्जी कारोबार ने खासकर महिलाओं की चिंता बढ़ा दी है। ग्राहकों के मन में इसे लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। उन्हें भय है कि उन्होंने जो खरीदारी की है उसमें भी कहीं मिलावट तो नहीं है? सभी वर्गों की महिलाओं की अपनी अलग-अलग चिंता है।
इस मुद्दे पर जब कुछ महिलाओं से बात की गई तो उन्होंने अपनी राय कुछ यूं दी। कुछ महिलाओं ने कहा कि सरकार को इसके लिए स्वतंत्र एक आधिकारिक नंबर जारी करना चाहिए। इस नंबर से संपर्क कर महिलाएं सरकार के अधिकृत हॉलमार्क सेंटर पर जाकर अपने आभूषणों की जांच करवा सकें।
यह विश्वास को छलने जैसा है
एक तो सोने की महंगी कीमत ऊपर से नकली। यह स्वर्ण व्यवसायी और ग्राहक के बीच आपसी विश्वास को छले जाने जैसा दोष है। दोषियों के प्रति दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।- रीता सिंह, गृहिणी।
कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत
मध्यम वर्गीय परिवार में लोग सोना भविष्य के लिए या फिर बेटी की शादी के लिए खरीदकर रखते हैं। यह वाकई हैरान करने वाला मामला है। आड़ में छुपकर इस तरह के काम करने वाले कारोबारियों के प्रति सख्त कार्रवाई की जरूरत है। - निर्मला सिंह, गृहिणी।
यह बेहद गंभीर मामला है
यह बेहद गंभीर मामला है। हॉलमार्क टैग से विश्वास दोगुना हो जाता है कि सोना असली है। ऐसे मामले अब खुद को सोचने पर मजबूर कर दिए हैं कि कहीं खुद भी ठगे तो नहीं गए हैं।- सुनीता पटेल, उप जिला स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सूचना अधिकारी
भविष्य में सोना खरीदने में डर लगेगा
बचत के रूप में महिलाएं अक्सर सोना खरीदती हैं। मुझे सोने के आभूषणों का शौक है। एक आम व्यक्ति अगर इस प्रकार ठगा जाएगा तो निश्चित ही भविष्य में सोना खरीदने में डर लगेगा। - गरिमा तिवारी, शिक्षिका।
शुद्धता और विश्वास दोनों पर सवाल
हॉलमार्क टैग लगे होने से सोने की शुद्धता और कैरेट का अंदाजा लगता है। अगर सोने के साथ-साथ हॉलमार्क टैग भी नकली लगा रहे तो यह ग्राहक के साथ छलावा है। आम इंसान के लिए यह बहुत बड़ी बात है। - नीलम त्रिपाठी, शिक्षिका।
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