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अंडरग्रांउड क्राइम: गोरखपुर में भूमाफिया को मिट्टी में मिलाने की तैयारी, पुलिस ने विनोद-सुधीर के उठाए गुर्गे

अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Tue, 30 May 2023 01:08 PM IST
सार

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि माफियाओं के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी है। अंडरग्राउंड होकर या फिर जेल में बंद होने के बाद भी अपराध में नाम शामिल होने की पुलिस जांच कर रही है। जहां से भी जानकारी मिल रही है, सख्ती से कार्रवाई की जा रही है।

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बाएं से गोरखपुर के माफिया अजीत शाही, राकेश यादव, सुधीर सिंह और विनोद उपाध्याय। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
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गोरखपुर में मुकदमों से दूरी बना अंडरग्राउंड होकर अपराध जगत में सक्रिय माफियाओं पर पुलिस ने अपनी नजरें टेढ़ी कर लीं हैं। यहां भी माफिया को मिट्टी में मिलाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।



माफिया विनोद उपाध्याय और सुधीर सिंह के इशारों पर जमीन की सौदेबाजी करने वाले दो प्रॉपर्टी डीलरों को पुलिस ने उठा लिया है। खबर है कि कैंट इलाके के एक प्रॉपर्टी डीलर से माफिया विनोद की लंबी बातचीत भी पुलिस के हाथ लगी है। जबकि, सुधीर के एक करीबी को उठाकर पुलिस नेटवर्क को खंगाल रही है।


एसएसपी के आदेश पर अंडरग्राउंड होकर अपराध करने वाले जिसे के टॉप-11 बदमाशों के ग्राउंड पर चल रहे अपराध की कुंडली तैयार कर ली गई है। इनकी खुद की संपत्तियों का ब्योरा भी फिर से तैयार किया जा रहा है। उधर, पुलिस ने गोपनीय जांच शुरू की तो पीड़ित और डरे-सहमे लोग भी अब धीरे-धीरे शिकायतें लेकर सामने आने लगे हैं।

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जानकारी के मुताबिक, एसएसपी ने सख्ती की तो पता चला कि सिस्टम से जुड़े कई लोग जांच को दबाए बैठे हैं। अब रुकी हुई सभी जांचों को फिर से खोल दिया गया है। कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला के करीबी रहे सत्यव्रत राय पर आरोप लगा था कि वह उम्र छिपाकर कोर्ट से पेरोल पर छूट गया। इसकी जांच दो साल पहले ही शुरू की गई थी, लेकिन कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई है। इस फाइल को भी फिर से खोल दिया गया है।

 कुछ इसी तरह चंदन सिंह, माफिया प्रदीप सिंह, विनोद उपाध्याय, अजीत शाही, सुधीर सिंह और उनसे जुड़े लोगों की कुंडली खंगाली जा रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस के पास अब गोपनीय सूचनाएं भी पहुंचने लगी हैं, जिसकी मदद से पुलिस कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है। वहीं, एसएसपी सिस्टम के झोल को भी परख रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है कि पुलिस में कहीं कोई अपराधियों का मददगार तो नहीं है।

खौफ ऐसा कि जमीनों को अपना बताने वाला कोई नहीं

गुलरिहा क्षेत्र के मोगलहा में माफिया विनोद उपाध्याय के चंगुल से जमीन को मुक्त कराने के बाद भी उसके खौफ का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी जमीन पर काम कराने के लिए कोई नहीं गया है। हालांकि, माफिया विनोद पर केस दर्ज कराने वाले पूर्व शासकीय अधिवक्ता प्रवीण श्रीवास्तव कहते हैं, उनकी जमीन उन्हें मिल गई है, अब निर्माण भी कराएंगे। प्रवीण श्रीवास्तव की सुरक्षा के लिए दो गनर भी दे दिए गए हैं। एसएसपी ने बताया कि सुरक्षा के लिए एहतियातन प्रवीण को गनर दे दिए गए हैं। पुलिस माफिया विनोद की तलाश में जुटी है।

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पुलिस की अनदेखी बड़ी वजह, बढ़ी सख्ती तो सामने आए लोग
पुलिस की अनदेखी ने माफियाओं को अपना धंधा बढ़ाने का मौका दे दिया। लेकिन, जब अफसरों ने इसे गंभीरता से लिया तो कई अंडरग्राउंड माफिया जेल के पीछे गए हैं। प्रवीण श्रीवास्तव ने माफिया विनोद पर कार्रवाई के लिए दो साल पहले भी तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने धमकी का केस दर्ज कर चार्जशीट लगा दिया था।

इस बार एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर की नजर पड़ी तो न सिर्फ रंगदारी का केस दर्ज किया गया, बल्कि जमीन से माफिया का कब्जा भी हट गया। कुछ यही हाल माफिया चंदन के मामले में भी हुआ था। ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और बाद में बंद कर दी। अब एक बार फिर माफियाओं पर कार्रवाई शुरू की गई है तो खबर है कि पुलिस के पास गोपनीय जानकारी आने लगी है।

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माफिया की संपत्ति का ब्योरा जुटा रही पुलिस

माफिया प्रदीप सिंह की बारह करोड़, माफिया सुधीर सिंह की दस करोड़ की संपत्ति को जब्त करने वाली पुलिस अब सभी टॉप-11 बदमाशों की संपत्तियों का ब्योरा प्रशासन की मदद से जुटा रही है। पुलिस का कहना है कि इस बार उनके मददगार भी नहीं बच पाएंगे। पुलिस एक-एक बिंदु पर काम कर रही है। ताकि अपराधियों की कमर तोड़ी जा सके।

कब्जे की जमीन पर माफिया विनोद का आवास
पुलिस को पता चला है कि माफिया विनोद उपाध्याय का मकान 10 हजार वर्ग फिट में बना है व उसके भाई संजय उपाध्याय का करीब तीन हजार वर्ग फिट में निर्माणाधीन मकान है। विनोद का मकान जिस जमीन पर बना है, पुलिस की जांच में पता चला कि यह जमीन भी उसके नाम पर नहीं है। उसके भाई संजय उपाध्याय के निर्माणाधीन मकान को जीडीए पूर्व में सील कर चुकी है।

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जमीन किसकी है, इसका पता लगाने के लिए राजस्व विभाग व जीडीए को पत्र लिखकर पुलिस ने जानकारी मांगी है। विनोद उपाध्याय की अन्य बेनामी चल व अचल संपत्ति की जानकारी पुलिस जुटा रही है। इनके साथ जमीन के धंधे में काम करने वाले या पैसा लगाने वालों की चल अचल संपत्तियों का ब्यौरा भी जुटाया जा रहा है।

माफियाओं की जानकारी साझा करें, पुलिस सुरक्षा देगी
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि माफियाओं के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी है। अंडरग्राउंड होकर या फिर जेल में बंद होने के बाद भी अपराध में नाम शामिल होने की पुलिस जांच कर रही है। जहां से भी जानकारी मिल रही है, सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। माफिया विनोद उपाध्याय के चंगुल से जमीन को मुक्त करा दिया गया है।

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कहा कि अन्य अपराधियों के गतिविधियों पर भी पुलिस की नजर है, सब पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी के पास भी माफियाओं के पास जुड़ी कोई भी जानकारी हो तो वह सीधे पुलिस अफसरों के पास जाकर अपनी शिकायत कर सकते हैं। पुलिस उनकी सुरक्षा के साथ माफियाओं पर कार्रवाई करेगी।
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